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Gaya Airport के लिए 'गे' कोड अनुचित, सरकार को बदलाव करना चाहिए : संसदीय पैनल

संसद समिति ने कहा कि गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 'गे' कोड (Gaya International Airport gay code) का उपयोग पवित्र शहर के लिए अनुपयुक्त है, इसलिए सरकार को इसे एक उपयुक्त कोड से बदलने का प्रयास करना चाहिए और 'याग' जैसे वैकल्पिक कोड का भी सुझाव देना चाहिए.

Gaya Airport
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे
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Published : Feb 6, 2022, 8:06 PM IST

नई दिल्ली : संसद की सार्वजनिक उपक्रम संबंधी समिति ने सरकार से बिहार के गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए अमल में लाए जा रहे कोड 'गे' (Gaya International Airport gay code) में बदलाव करने को कहा है. पैनल ने शुक्रवार को संसद में पेश अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में इस मुद्दे का उल्लेख किया और सरकार से अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) और संबंधित संगठनों के साथ इस मामले को उठाने के लिए सभी प्रयास करने को कहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मुद्दा देश के एक पवित्र शहर के एक हवाई अड्डे के अनुचित कोड नामकरण से संबंधित है. समिति ने यह भी कहा कि गया हवाई अड्डे के लिए 'गे' कोड का उपयोग पवित्र शहर के लिए अनुपयुक्त है, इसलिए सरकार को इसे एक उपयुक्त कोड से बदलने का प्रयास करना चाहिए और 'याग' जैसे वैकल्पिक कोड का भी सुझाव देना चाहिए.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, दुनिया की एयरलाइनों के व्यापार संघ, आईएटीए ने मुख्य रूप से हवाई सुरक्षा से संबंधित उचित कारण के बिना कोड को बदलने में असमर्थता व्यक्त की है. आईएटीए ने यह भी कहा कि संकल्प 763 के अनुसार, आवंटित स्थान कोड स्थायी हैं और इसे बदलने के लिए मुख्य रूप से हवाई सुरक्षा से संबंधित एक उचित कारण की आवश्यकता है. विमानन मानदंडों के अनुसार, आईएटीए हवाई अड्डों के लिए स्टेशन कोड आवंटित करता है.

मंत्रालय ने पैनल को बताया, गया के लिए 'गे' कोड इस हवाई अड्डे के संचालन के बाद से उपयोग में है. इसलिए मुख्य रूप से हवाई सुरक्षा से संबंधित बिना किसी उचित कारण के आईएटीए ने गया हवाई अड्डे के कोड को बदलने में असमर्थता व्यक्त की है. संसदीय समिति को पेश पैनल की रिपोर्ट में इसका जिक्र है. कार्रवाई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह समिति एअर इंडिया के आईएटीए के सदस्य के तौर पर उसके समकक्ष इस मसले को उठाने के लिए उसके प्रयासों की सराहना करती है, लेकिन फिर भी, आईएटीए के साथ मामले को उठाने के लिए सरकार को सभी प्रयास करने पर जोर देती है.

यह भी पढ़ें- वर्चुअल कार्यवाही के साथ सुप्रीम कोर्ट सच्चा राष्ट्रीय न्यायालय बन गया : शीर्ष अदालत

पिछले साल जनवरी में संसद में सार्वजनिक उपक्रम संसदीय समिति की पहली रिपोर्ट में, पैनल ने उल्लेख किया था कि उसे गया हवाई अड्डे के कोड नाम में बदलाव के संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अवगत कराया गया था. पैनल ने यह भी सिफारिश की थी कि मंत्रालय और एअर इंडिया गया हवाई अड्डे के कोड नाम को बदलने के लिए सभी आवश्यक परामर्श और औपचारिकताएं समयबद्ध तरीके से पूरा करें.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : संसद की सार्वजनिक उपक्रम संबंधी समिति ने सरकार से बिहार के गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए अमल में लाए जा रहे कोड 'गे' (Gaya International Airport gay code) में बदलाव करने को कहा है. पैनल ने शुक्रवार को संसद में पेश अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में इस मुद्दे का उल्लेख किया और सरकार से अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) और संबंधित संगठनों के साथ इस मामले को उठाने के लिए सभी प्रयास करने को कहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मुद्दा देश के एक पवित्र शहर के एक हवाई अड्डे के अनुचित कोड नामकरण से संबंधित है. समिति ने यह भी कहा कि गया हवाई अड्डे के लिए 'गे' कोड का उपयोग पवित्र शहर के लिए अनुपयुक्त है, इसलिए सरकार को इसे एक उपयुक्त कोड से बदलने का प्रयास करना चाहिए और 'याग' जैसे वैकल्पिक कोड का भी सुझाव देना चाहिए.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, दुनिया की एयरलाइनों के व्यापार संघ, आईएटीए ने मुख्य रूप से हवाई सुरक्षा से संबंधित उचित कारण के बिना कोड को बदलने में असमर्थता व्यक्त की है. आईएटीए ने यह भी कहा कि संकल्प 763 के अनुसार, आवंटित स्थान कोड स्थायी हैं और इसे बदलने के लिए मुख्य रूप से हवाई सुरक्षा से संबंधित एक उचित कारण की आवश्यकता है. विमानन मानदंडों के अनुसार, आईएटीए हवाई अड्डों के लिए स्टेशन कोड आवंटित करता है.

मंत्रालय ने पैनल को बताया, गया के लिए 'गे' कोड इस हवाई अड्डे के संचालन के बाद से उपयोग में है. इसलिए मुख्य रूप से हवाई सुरक्षा से संबंधित बिना किसी उचित कारण के आईएटीए ने गया हवाई अड्डे के कोड को बदलने में असमर्थता व्यक्त की है. संसदीय समिति को पेश पैनल की रिपोर्ट में इसका जिक्र है. कार्रवाई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह समिति एअर इंडिया के आईएटीए के सदस्य के तौर पर उसके समकक्ष इस मसले को उठाने के लिए उसके प्रयासों की सराहना करती है, लेकिन फिर भी, आईएटीए के साथ मामले को उठाने के लिए सरकार को सभी प्रयास करने पर जोर देती है.

यह भी पढ़ें- वर्चुअल कार्यवाही के साथ सुप्रीम कोर्ट सच्चा राष्ट्रीय न्यायालय बन गया : शीर्ष अदालत

पिछले साल जनवरी में संसद में सार्वजनिक उपक्रम संसदीय समिति की पहली रिपोर्ट में, पैनल ने उल्लेख किया था कि उसे गया हवाई अड्डे के कोड नाम में बदलाव के संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अवगत कराया गया था. पैनल ने यह भी सिफारिश की थी कि मंत्रालय और एअर इंडिया गया हवाई अड्डे के कोड नाम को बदलने के लिए सभी आवश्यक परामर्श और औपचारिकताएं समयबद्ध तरीके से पूरा करें.

(आईएएनएस)

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