मुंबई : महाराष्ट्र के मुंबई महानगर और अन्य शहरों में शुक्रवार को गणेश चतुर्थी (Ganesh chaturthi) पर श्रद्धालुओं ने अपने घरों और सार्वजनिक पंडालों में सादगी के साथ भगवान गणेश का स्वागत किया. मुंबई के मशहूर लाल बाग में गणपति प्रतिमा स्थापित हुई. कोरोना के कारण 'लाल बाग के राजा' के ऑनलाइन दर्शन के इंतजाम किए गए हैं. वहीं, भक्ति के रंग में रंगे माहौल के बीच पुणे में अनोखा नजारा दिखा जब ड्रोन के जरिए गणेश प्रतिमा पहुंची. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. भक्तों ने ड्रोन के जरिए गणेश प्रतिमा स्थापित की. इस दौरान गणपति बप्पा मोरया के नारे गूंजते रहे.
कोविड-19 वैश्विक महामारी की तीसरी लहर के खतरे के बीच इस साल भी राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वह शहरों में भीड़भाड़ को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती और ऐसे में श्रद्धालु बप्पा के दर्शन ऑनलाइन ही कर पाएंगे. महामारी के प्रकोप के बीच लगातार यह दूसरा साल है जब इस उत्सव के आयोजन पर महाराष्ट्र सरकार ने भीड़भाड़ से बचने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को नागरिकों से अपील की कि वे कोरोना वायरस के खिलाफ एक दमदार आंदोलन छेड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भगवान गणेश से 'सभी बुराई और नकारात्मकता' को खत्म करने की प्रार्थना की.
लोगों का स्वास्थ्य त्योहार से ज्यादा महत्वपूर्ण : उद्धव
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोगों का स्वास्थ्य किसी भी त्योहार से ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, 'हमें जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार कर महामारी को स्थायी तौर पर खत्म करने की दिशा में काम करने की जरूरत है. पिछले दो साल से हम उत्सव के दौरान प्रतिबंध लगाने को मजबूर हुए. लोगों का जीवन और स्वास्थ्य किसी भी त्योहार से ज्यादा महत्वपूर्ण है. मुझे आत्मविश्वास है कि भगवान गणेश जो विघ्नहर्ता हैं, वह इस दुष्ट वायरस का समूल नाश करेंगे.'
ठाकरे ने नागरिकों से कहा कि वह इस त्योहार का इस्तेमाल सतर्कता और सभी नियमों का पालन कर कोरोना वायरस से पीछा छुड़ाने के लिए एक आंदोलन शुरू करने में करें.
ठाकरे ने कहा, 'जिस तरह लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव का इस्तेमाल लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करने के लिए प्रेरित करने में किया, उसी तरह सभी मंडल और संगठनों को त्योहार का इस्तेमाल वायरस के बारे में जागरुकता फैलाने और इसे स्थायी तौर पर समाप्त करने में सुनिश्चित करने के लिए करना चाहिए.' वह दक्षिणी मुंबई स्थित अपने आधिकारिक आवास 'वर्षा' में पारंपरिक पूजा करने के बाद बोल रहे थे.
भाजपा ने की प्राथनास्थल खोलने की मांग
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रार्थना स्थलों को खोलने की मांग दोहराते हुए कहा कि इन स्थलों से जुड़े लोगों की आजीविका पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ा है. महाराष्ट्र में बेहद धूमधाम से मनाया जाने वाला यह त्योहार गणेश चतुर्थी के साथ शुरू होता है और 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी को मूर्तियों के विसर्जन के साथ संपन्न होता है. महाराष्ट्र सरकार ने वैश्विक महामारी के कारण गणेशोत्सव के दौरान लोगों के पंडाल में जाने पर रोक लगाई और कहा है कि पंडाल से केवल ऑनलाइन दर्शन की अनुमति दी जाएगी.
कोविड-19 की स्थिति का हवाला देते हुए मुंबई पुलिस ने भी 10 सितंबर से 19 सितंबर के बीच गणेश उत्सव के दौरान धारा 144 लागू करने का निर्णय किया है. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए महाराष्ट्र के गृह विभाग ने पंडालों में जाने पर पाबंदी लगाने संबंधी परिपत्र जारी किया है. साथ ही, भगवान गणेश की मूर्तियों को स्थापित करने की ऊंचाई को भी सीमित कर दिया गया है.
दो लाख घरों में स्थापित की जाती है प्रतिमा
मुंबई में, लगभग 12,000 सार्वजनिक (समुदाय) मंडल और लगभग दो लाख घर हैं जहां भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष नरेश दहीबावकर ने बताया कि पिछले वर्ष 90 प्रतिशत मंडलों ने ही कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए त्योहार मनाया था, जबकि इस वर्ष सभी मंडल गणपति की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं.
समिति गणेश मंडलों की एक प्रमुख संस्था है जो बीएमसी और सरकारी एजेंसियों के बीच त्योहार के लिए समन्वय स्थापित करती है. पिछले साल मुंबई के सबसे प्रसिद्ध मंडल 'लालबाग के राजा' ने उत्सव रद्द कर दिया था जबकि अन्य मंडल वडाला की जीएसबी सेवा समिति ने इस साल फरवरी में माघ शुद्ध चतुर्थी का आयोजन स्थगित कर दिया. दहीबावकर ने कहा, 'पिछले साल के विपरीत त्योहार सामान्य उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाएगा क्योंकि कोविड-19 टीकाकरण अभियान चल रहा है और लोगों में महामारी को लेकर जागरुकता भी है. तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए, कोविड-19 के सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है.'
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दहीबावकर ने हालांकि लोगों को पंडाल में आकर दर्शन करने से रोकने के सरकार के कदम की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'यह सब आखिरी क्षण में किया गया. विभिन्न पक्षों से बातचीत नहीं की गई. पिछले साल भी पंडाल में आकर दर्शन करने की अनुमति नहीं थी. हमें भारी नुकसान होगा क्योंकि हमारे प्रायोजकों के बैनर और पोस्टर देखने के लिए कोई भक्त नहीं आएंगे.'
क़रीब 70 करोड़ से 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार
उन्होंने कहा कि त्योहार में मुंबई में क़रीब 70 करोड़ से 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता है और ऐसे में त्योहार से जुड़े लोगों की आजीविका महामारी की वजह से प्रभावित रहेगी. राज्य सरकार ने मंडल में प्रत्यक्ष दर्शन पर प्रतिबंध के आदेश जारी किए हैं और कहा है कि मूर्ति लाने में सिर्फ 10 वे लोग शामिल होंगे जिनका टीकाकरण हो चुका हो. पंडालों में मूर्ति की ऊंचाई चार फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वहीं घर की मूर्तियों की ऊंचाई दो फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और केवल पांच लोगों को ही मूर्तियों के साथ जाने की अनुमति होगी.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)