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गांधीनगर नगर निगम में बीजेपी की बंपर जीत, 'आप' ने भी खाता खोला - GMC Election result 2021

गुजरात में निकाय चुनाव और उपचुनाव में बीजेपी ने बाजी मार ली. बीजेपी ने कुल 184 सीटों में 136 में जीत दर्ज की. जिला पंचायत और तालुका पंचायत में भारतीय जनता पार्टी को भारी जीत मिली है. गांधीनगर नगर निगम में कांग्रेस दो सीटों पर सिमट गई, जबकि बीजेपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की. एक सीट जीतकर आप ने भी गांधीनगर में एक सीट पर कामयाब हुई.

, Gandhinagar Municipal Corporation Election 2021
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Published : Oct 5, 2021, 5:29 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 5:53 PM IST

हैदराबाद/गांधीनगर : बीजेपी के लिए मंगलवार को अच्छी खबर आई. गांधीनगर नगर निगम चुनाव (GMC election) में भारतीय जनता पार्टी ( BJP) को भारी बहुमत मिला. पार्टी को 44 सीटों में से 41 पर कामयाबी मिली. कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें आईं. आम आदमी पार्टी ( (AAP) ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चुनावी इलाके में एक सीट जीतकर खाता खोल लिया. सीएम बनने के बाद भूपेंद्र पटेल के लिए यह पहला चुनाव था. इसके नतीजे पर बीजेपी की निगाहें टिकी थीं. इस जीत के साथ ही बीजेपी का गुजरात के 8 नगर निगम पर कब्जा हो गया है.

गांधीनगर नगर निगम बनने के बाद से इसमें कांग्रेस का दबदबा रहा. पिछले चुनाव में में कांग्रेस और बीजेपी को यहां 16-16 सीटें मिली थीं. कांटे के मुकाबले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के पार्षद को मेयर पद के लिए समर्थन दे दिया था.

, Gandhinagar Municipal Corporation Election 2021
गांधीनगर नगर निगम में जीत के बाद जश्न मनाते बीजेपी कार्यकर्ता

सीटें बढ़ीं तो कम हुआ कांग्रेस का दबदबा

गांधीनगर नगर पालिका को 2010 में निगम का दर्जा मिला. तब उसमें 33 सीटें थीं. 2011 के पहले चुनाव में कांग्रेस ने निगम पर कब्जा किया. तब गुजरात में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे. 2016 में परिसीमन के बाद सीटों की संख्या 32 हो गई. दूसरे चुनाव में बीजेपी मुकाबले के बाद गांधीनगर नगर निगम में बराबरी पर आ गई. दोनों पार्टियों को यहां 16-16 सीटें मिली थीं. 2021 में परिसीमन के दौरान गांधीनगर के ग्रामीण इलाके भी इसमें शामिल किए गए और वार्डों की संख्या बढ़कर 44 हो गई. इस तरह वॉर्ड बढ़ने के साथ बीजेपी ने इसे कांग्रेस के हाथों से छीन लिया. कभी गांधीनगर नगर निगम में राज करने वाली कांग्रेस अब सिर्फ दो सीटों पर सिमट गईं.

आम आदमी पार्टी की सूरत के बाद गांधीनगर में भी एंट्री

गांधीनगर में कुल 2.8 लाख रजिस्टर्ड वोटर्स हैं. निगम के 11 वार्डों की 44 सीटों के लिए कुल 162 उम्मीदवार मैदान में थे. आम आदमी पार्टी के एंट्री के साथ ही यह त्रिकोणीय मुकाबला हो गया. यहां दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने भी रोड शो किया था. रोड शो में उमड़ी भीड़ को देखते हुए ऐसा लगा था कि आम आदमी पार्टी कम से कम दहाई अंक में पहुंचेगी. गौरतलब है कि सूरत नगर निगम में आप ने 27 सीटें जीतकर चौंका दिया था. कांग्रेस सूरत नगर निगम में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.

गांधीनगर नगर निगम चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 44 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. आम आदमी पार्टी ने 40 सीटों पर कैंडिडेट खड़ा किया था. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के 14, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो, अन्य दलों के छह और 11 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे.

25 साल बाद बानवड में कांग्रेस ने बाजी मारी

पूरे निकाय चुनाव में द्वारका के बानवड नगरपालिका में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा. करीब 25 साल बाद कांग्रेस ने बीजेपी से नगरपालिका की सत्ता छीन ली. बानवड में कुल 24 सीटें थीं, जिनमें से 16 पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया. बीजेपी को सिर्फ 8 सीटों में जीत मिली.

हैदराबाद/गांधीनगर : बीजेपी के लिए मंगलवार को अच्छी खबर आई. गांधीनगर नगर निगम चुनाव (GMC election) में भारतीय जनता पार्टी ( BJP) को भारी बहुमत मिला. पार्टी को 44 सीटों में से 41 पर कामयाबी मिली. कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें आईं. आम आदमी पार्टी ( (AAP) ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चुनावी इलाके में एक सीट जीतकर खाता खोल लिया. सीएम बनने के बाद भूपेंद्र पटेल के लिए यह पहला चुनाव था. इसके नतीजे पर बीजेपी की निगाहें टिकी थीं. इस जीत के साथ ही बीजेपी का गुजरात के 8 नगर निगम पर कब्जा हो गया है.

गांधीनगर नगर निगम बनने के बाद से इसमें कांग्रेस का दबदबा रहा. पिछले चुनाव में में कांग्रेस और बीजेपी को यहां 16-16 सीटें मिली थीं. कांटे के मुकाबले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के पार्षद को मेयर पद के लिए समर्थन दे दिया था.

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गांधीनगर नगर निगम में जीत के बाद जश्न मनाते बीजेपी कार्यकर्ता

सीटें बढ़ीं तो कम हुआ कांग्रेस का दबदबा

गांधीनगर नगर पालिका को 2010 में निगम का दर्जा मिला. तब उसमें 33 सीटें थीं. 2011 के पहले चुनाव में कांग्रेस ने निगम पर कब्जा किया. तब गुजरात में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे. 2016 में परिसीमन के बाद सीटों की संख्या 32 हो गई. दूसरे चुनाव में बीजेपी मुकाबले के बाद गांधीनगर नगर निगम में बराबरी पर आ गई. दोनों पार्टियों को यहां 16-16 सीटें मिली थीं. 2021 में परिसीमन के दौरान गांधीनगर के ग्रामीण इलाके भी इसमें शामिल किए गए और वार्डों की संख्या बढ़कर 44 हो गई. इस तरह वॉर्ड बढ़ने के साथ बीजेपी ने इसे कांग्रेस के हाथों से छीन लिया. कभी गांधीनगर नगर निगम में राज करने वाली कांग्रेस अब सिर्फ दो सीटों पर सिमट गईं.

आम आदमी पार्टी की सूरत के बाद गांधीनगर में भी एंट्री

गांधीनगर में कुल 2.8 लाख रजिस्टर्ड वोटर्स हैं. निगम के 11 वार्डों की 44 सीटों के लिए कुल 162 उम्मीदवार मैदान में थे. आम आदमी पार्टी के एंट्री के साथ ही यह त्रिकोणीय मुकाबला हो गया. यहां दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने भी रोड शो किया था. रोड शो में उमड़ी भीड़ को देखते हुए ऐसा लगा था कि आम आदमी पार्टी कम से कम दहाई अंक में पहुंचेगी. गौरतलब है कि सूरत नगर निगम में आप ने 27 सीटें जीतकर चौंका दिया था. कांग्रेस सूरत नगर निगम में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.

गांधीनगर नगर निगम चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 44 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. आम आदमी पार्टी ने 40 सीटों पर कैंडिडेट खड़ा किया था. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के 14, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो, अन्य दलों के छह और 11 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे.

25 साल बाद बानवड में कांग्रेस ने बाजी मारी

पूरे निकाय चुनाव में द्वारका के बानवड नगरपालिका में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा. करीब 25 साल बाद कांग्रेस ने बीजेपी से नगरपालिका की सत्ता छीन ली. बानवड में कुल 24 सीटें थीं, जिनमें से 16 पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया. बीजेपी को सिर्फ 8 सीटों में जीत मिली.

Last Updated : Oct 5, 2021, 5:53 PM IST
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