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Bihar Flood : मुंगेर में गंगा ने पार किया डेंजर लेवल.. कोसी और गंडक समेत आधा दर्जन नदियां मचा रही तबाही

नेपाल में हो रही बारिश से बिहार के उत्तरी हिस्से में बहने वाली नदियां उफान पर हैं. इधर गंगा नदी भी मुंगेर में खतरे के निशान से 83 सेंटीमीटर बह रही है. ऐसे में बिहार में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. लोगों के घरों में पानी पहुंच चुका है. रास्ते बुरी तरह से पानी की वजह से कट चुके हैं. कई बांधों में दरार आ चुकी है. ऐसे में लोगों में बाढ़ को लेकर घबराहट है. बिहार सरकार पूरे हालात पर नजर बनाए हुए है.

बिहार में बाढ़ से हाहाकार
बिहार में बाढ़ से हाहाकार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 7:20 PM IST

Updated : Aug 28, 2023, 11:09 PM IST

बिहार में बाढ़ से हाहाकार

पटना : बिहार में गंगा, गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान समेत कई नदियों में चलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. गंगा नदी भी खतरे के निशान को छूने वाली है. उत्तर बिहार में बाढ़ की वजह नेपाल में हुई भारी बारिश है. लगातार कोसी बराज से पानी लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Sitamarhi Floating Bridge : बागमती की धारा में बहा चचरी का पुल, हलक में अटकी लोगों की जान, देखें VIDEO

बिहार में बाढ़ : कोसी, गंडक नदियों के तटबंधों पर दबाव भी बढ़ गया है. ऐसे में सुपौल के 100 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बेतिया में 15 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. सहरसा में भी 12 गांव के लोग बाढ़ के पानी से त्राहिमाम कर रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार यही रफ्तार रही तो गंगा नदी भी उफान पर आ जाएगी. लेकिन अच्छी बात ये है कि गंगा अभी भी खतरे के निशान को टच नहीं किया है.

इन नदियों में उफान जारी है : सिवान में घाघरा खतरे के निशान से 11 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि गंडक नदी गोपालगंज में 38 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं मुजफ्फरपुर के रुन्नीसैदपुर में बागमती कहर बरपाए हुए है. यहां बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 201 सेंटीमीटर पार कर गया है. झंझारपुर में कमला बलान नदी भी डेंजर लेवल से लगभग 100 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. खगड़िया में कोसी ने तबाही मचाई हुई है. यहां पर कोसी नदी खतरे के निशान से 100 सेंटीमीटर ऊपर है. महानंदा और परमान नदी भी खतरे के निशान को पार किनारे से बाहर निकल चुकी है.

कोसी बराज से छोड़ा जा रहा पानी : सुपौल में कोसी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है. नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से सुपौल में कोसी बराज के 46 फाटक खोले गए. इससे पहले 56 फाटक से कई लाख क्यूसेक पानी को डिस्चार्ज किया गया. इससे निचले इलाके में बाढ़ के हालात बन गए. जल संसाधन मंत्री ने कहा है कि बिहार में उनकी नजर सभी नदियों पर बनी हुई है.

बिहार में नदियों की स्थिति
बिहार में नदियों की स्थिति

बगहा में भी पहाड़ी नदियां उफान पर हैं. रामनगर के मंचगवा, पथरी, चुडीहरवा, डुमरी सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक घुस गया है. गांवों तक पहुंचने का मार्ग बाधित हो चुका है. कई गांवों में लोग मवेशियों के साथ घरों में फंसे हुए हैं. इन लोगों तक प्रशासन भी नहीं पहुंच पा रहा है और न ही कोई मदद ही मिल पा रही है.

मधुबनी में भुतही बलान में बाढ़ से बने हालात, पानी से कटे रास्ते
मधुबनी में भुतही बलान में बाढ़ से बने हालात, पानी से कटे रास्ते

मधुबनी में कमला बलान नदी में भी जलस्तर बढ़ने लगा है. पूर्वी तटबंध में कई जगह रेनकट बन गया है. जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. लोगों ने प्रखंड के भदुआर कमला नदी तटबंध सह सड़क को ब्रह्म स्थान के निकट बांस-बल्ले से घेरकर जाम कर दिया. इसके बाद जल संसाधन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं भुतही बलान में भी उफान के चलते सड़क बह गई. घोगरडीहा प्रखंड मुख्यालय का संपर्क कई पंचायतों से कट गया है.

सहरसा के नवहट्टा प्रखण्ड स्थित छह पंचायत पूर्ण एवं एक पंचायत के रामजी टोला बाढ़ के पानी से घिर गया. घरों में पानी घुसने से लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. घर में रखे अनाज सहित अन्य सामान पानी में बर्बाद हो गये. वहीं तेज धारा से सड़कों के टूटने से लोगों का आवागमन भी बाधित हो गया.

सहरसा में कोसी की बाढ़ से हालात खराब, कई गांव डूबे
सहरसा में कोसी की बाढ़ से हालात खराब, कई गांव डूबे

मुंगेर में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 83 सेंटीमीटर बह रहा है. गंगा का विकराल रूप देखकर लोगों को बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. सोमवार को केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मुंगेर में गंगा का जलस्तर 37.50 मीटर दर्ज की गई है. जो खतरे के निशान से लगभग 83 सेंटीमीटर ऊपर है. गंगा, गंडक और कोसी के ऊफान पर होने की वजह से सभी लोग डरे हुए हैं.

भागलपुर में गंगा के बांध पर दबाव बढ़ गया है. इस्माइलपुर बिंद टोली के बीच स्पर संख्या छह के करीब गंगा में 40 से 50 मीटर के दायरे में अचानक कटाव शुरू हो गया. कटाव स्थल के पास स्थित बाढ़ रोधी कैंप कार्यालय की ओर से बचाव के लिए बालू भरी बोरियां व वृक्षों की टहनियों को डलवाया गया. लेकिन कटाव बढ़ता ही जा रहा है. ग्रामीण अनहोनी को लेकर डरे सहमे हैं.

बिहार में बाढ़ से हाहाकार

पटना : बिहार में गंगा, गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान समेत कई नदियों में चलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. गंगा नदी भी खतरे के निशान को छूने वाली है. उत्तर बिहार में बाढ़ की वजह नेपाल में हुई भारी बारिश है. लगातार कोसी बराज से पानी लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Sitamarhi Floating Bridge : बागमती की धारा में बहा चचरी का पुल, हलक में अटकी लोगों की जान, देखें VIDEO

बिहार में बाढ़ : कोसी, गंडक नदियों के तटबंधों पर दबाव भी बढ़ गया है. ऐसे में सुपौल के 100 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बेतिया में 15 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. सहरसा में भी 12 गांव के लोग बाढ़ के पानी से त्राहिमाम कर रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार यही रफ्तार रही तो गंगा नदी भी उफान पर आ जाएगी. लेकिन अच्छी बात ये है कि गंगा अभी भी खतरे के निशान को टच नहीं किया है.

इन नदियों में उफान जारी है : सिवान में घाघरा खतरे के निशान से 11 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि गंडक नदी गोपालगंज में 38 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं मुजफ्फरपुर के रुन्नीसैदपुर में बागमती कहर बरपाए हुए है. यहां बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 201 सेंटीमीटर पार कर गया है. झंझारपुर में कमला बलान नदी भी डेंजर लेवल से लगभग 100 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. खगड़िया में कोसी ने तबाही मचाई हुई है. यहां पर कोसी नदी खतरे के निशान से 100 सेंटीमीटर ऊपर है. महानंदा और परमान नदी भी खतरे के निशान को पार किनारे से बाहर निकल चुकी है.

कोसी बराज से छोड़ा जा रहा पानी : सुपौल में कोसी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है. नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से सुपौल में कोसी बराज के 46 फाटक खोले गए. इससे पहले 56 फाटक से कई लाख क्यूसेक पानी को डिस्चार्ज किया गया. इससे निचले इलाके में बाढ़ के हालात बन गए. जल संसाधन मंत्री ने कहा है कि बिहार में उनकी नजर सभी नदियों पर बनी हुई है.

बिहार में नदियों की स्थिति
बिहार में नदियों की स्थिति

बगहा में भी पहाड़ी नदियां उफान पर हैं. रामनगर के मंचगवा, पथरी, चुडीहरवा, डुमरी सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक घुस गया है. गांवों तक पहुंचने का मार्ग बाधित हो चुका है. कई गांवों में लोग मवेशियों के साथ घरों में फंसे हुए हैं. इन लोगों तक प्रशासन भी नहीं पहुंच पा रहा है और न ही कोई मदद ही मिल पा रही है.

मधुबनी में भुतही बलान में बाढ़ से बने हालात, पानी से कटे रास्ते
मधुबनी में भुतही बलान में बाढ़ से बने हालात, पानी से कटे रास्ते

मधुबनी में कमला बलान नदी में भी जलस्तर बढ़ने लगा है. पूर्वी तटबंध में कई जगह रेनकट बन गया है. जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. लोगों ने प्रखंड के भदुआर कमला नदी तटबंध सह सड़क को ब्रह्म स्थान के निकट बांस-बल्ले से घेरकर जाम कर दिया. इसके बाद जल संसाधन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं भुतही बलान में भी उफान के चलते सड़क बह गई. घोगरडीहा प्रखंड मुख्यालय का संपर्क कई पंचायतों से कट गया है.

सहरसा के नवहट्टा प्रखण्ड स्थित छह पंचायत पूर्ण एवं एक पंचायत के रामजी टोला बाढ़ के पानी से घिर गया. घरों में पानी घुसने से लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. घर में रखे अनाज सहित अन्य सामान पानी में बर्बाद हो गये. वहीं तेज धारा से सड़कों के टूटने से लोगों का आवागमन भी बाधित हो गया.

सहरसा में कोसी की बाढ़ से हालात खराब, कई गांव डूबे
सहरसा में कोसी की बाढ़ से हालात खराब, कई गांव डूबे

मुंगेर में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 83 सेंटीमीटर बह रहा है. गंगा का विकराल रूप देखकर लोगों को बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. सोमवार को केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मुंगेर में गंगा का जलस्तर 37.50 मीटर दर्ज की गई है. जो खतरे के निशान से लगभग 83 सेंटीमीटर ऊपर है. गंगा, गंडक और कोसी के ऊफान पर होने की वजह से सभी लोग डरे हुए हैं.

भागलपुर में गंगा के बांध पर दबाव बढ़ गया है. इस्माइलपुर बिंद टोली के बीच स्पर संख्या छह के करीब गंगा में 40 से 50 मीटर के दायरे में अचानक कटाव शुरू हो गया. कटाव स्थल के पास स्थित बाढ़ रोधी कैंप कार्यालय की ओर से बचाव के लिए बालू भरी बोरियां व वृक्षों की टहनियों को डलवाया गया. लेकिन कटाव बढ़ता ही जा रहा है. ग्रामीण अनहोनी को लेकर डरे सहमे हैं.

Last Updated : Aug 28, 2023, 11:09 PM IST
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