नई दिल्ली/ सोनीपत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीन कृषि कानून वापस (Three Farm Laws Repeal) लेने की घोषणा के बाद आंदोलन की आगे की रणनीति तय करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर बैठक हुई. बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका, अब अगली बैठक 27 नवंबर को होगी.
इससे पहले शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेताओं की 9 सदस्यीय कमेटी की बैठक हुई. पहले ये बैठक शनिवार को होने वाली थी, लेकिन किसी वजह से किसान नेताओं ने संयुक्त बैठक को स्थगित (Farmers Joint Meeting Postponed) कर दिया गया था. जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक (Farmers Meeting at singhu Border) में मुख्य रूप से कानून वापस होने पर सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से मोर्चा हटाने के मुद्दे पर भी विचार होगा. वहीं इस बैठक में सबसे अहम मुद्दा एमएसपी की मांग को लेकर आगे की रणनीति तैयार करना होगा.
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इस बैठक के मुख्य एजेंडे
सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक का सबसे अहम मुद्दा एमएसपी पर कानून (Law on MSP) बनाने की मांग है. इसके साथ दूसरा मुद्दा बिजली पर अध्यादेश की वापसी (Electricity Ordinance Withdraw) है. तीसरा मुद्दा पराली के मुकदमों की वापसी है. चौथा मुद्दा किसान आंदोलन के मुकदमों की वापसी और पांचवां मुद्दा आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग होगी.
बैठक में नहीं शामिल होंगे राकेश टिकैत
राकेश टिकैट सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में नहीं शामिल हो रहे हैं. राकेश टिकैत रविवार काे लखनऊ जा रहे हैं. यहां वह 22 नवंबर यानी सोमवार को महापंचायत (Mahapanchayat in Lucknow) में भाग लेंगे. इस महापंचायत में लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की मौत को लेकर इंसाफ मांगा जाएगा.
प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानून (krishi kanoon) वापस लिए जाने के ऐलान के बाद भी महापंचायत को कैंसिल नहीं किया गया. इस बात की जानकारी पहले ही संयुक्त किसान मोर्चा दे चुका है. इसलिए उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt Kisan Morcha) की मीटिंग में जाने का कार्यक्रम कैंसिल किया है. बाकी के कमेटी मेंबर सिंघु बॉर्डर की अहम बैठक में शामिल होंगे जिसके बारे में वहां से राकेश टिकैत को अपडेट किया जाएगा.
राकेश टिकैत पहले ही कह चुके हैं कि 29 नवंबर को पार्लियामेंट (parliament) जाने का प्लान है. ऐसे में इस बात को लेकर दिल्ली पुलिस की चिंता अभी भी बढ़ी हुई है. सभी उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद महापंचायत और अन्य कार्यक्रम कैंसिल हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होने से सभी सुरक्षा एजेंसियां किसान आंदोलन (kisan andolan) को लेकर भी अलर्ट पर हैं.
बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम संबोधित करते हुए कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है. ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है. आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला (Farm Laws To Be Cancelled) किया है, जिसके बाद किसान इस बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा कर आगे की रणनीति बाएंगे.