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एशिया में सबसे लंबे दांत वाले हाथी 'भोगेश्वर' की मौत, वन्यजीव प्रेमियों ने जताया शोक

भोगेश्वर राजसी हाथी (elephant bhogeshwara) को मिस्टर काबिनी के नाम से जाना जाता था. 11 जून को वन अधिकारियों को हाथी का शव मैसूर जिले के एचडी कोटे तालुक में डीबी कुप्पे वन रेंज के पास मिला था.

elephant bhogeshwara
हाथी 'भोगेश्वर' की मौत
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Published : Jun 13, 2022, 7:46 PM IST

मैसूर: एशियाई हाथियों में सबसे लंबे दांत वाले 70 वर्षीय हाथी भोगेश्वर (elephant bhogeshwara) की मौत हो गई है, इसको लेकर वन्यजीव प्रेमी शोक में हैं. सोशल मीडिया पर पशु प्रेमियों ने कई सारी यादें साझा की है, साथ ही हाथी को लेकर अपना दुख व्यक्त किया है. भोगेश्वर राजसी हाथी, 11 जून को कर्नाटक के मैसूर में बांदीपुर-नगरहोल रिजर्व फॉरेस्ट में काबिनी जलाशय के पास मृत पाया गया था. उसे मिस्टर काबिनी के नाम से जाना जाता था.

हाथी सभी पर्यटकों की आंखों का आकर्षण था क्योंकि यह महाद्वीप में सबसे लंबे समय तक दांत के साथ जीवित था. वन विभाग भोगेश्वर को हाथियों के संरक्षण और संरक्षण का प्रतीक बनाने पर विचार कर रहा है. विभाग प्रदर्शनी केंद्र पर हाथी के दांतों को संरक्षित करने की अनुमति लेने पर भी विचार कर रहा है. मिस्टर काबिनी का एक दांत 2.54 मीटर (8 फीट) लंबा और दूसरा 2.34 मीटर (7.5 फीट) लंबा था.

हाथी का नाम भोगेश्वर रखा गया क्योंकि यह अक्सर काबिनी बैकवाटर के पास भोगेश्वर शिविर के पास पाया जाता था. वन अधिकारियों को उसका शव मैसूर जिले के एचडी कोटे तालुक में डीबी कुप्पे वन रेंज के पास मिला. विसरा के नमूने मैसूर की क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भेजे गए हैं. विशेषज्ञों को हाथी की मौत में कुछ संदिग्ध नहीं लगा है. उनका कहना है कि यह एक प्राकृतिक मौत थी. सोशल मीडिया पोस्ट ने भोगेश्वर को श्रद्धांजलि दी और युवा पीढ़ी के लिए भी खेद महसूस किया जो उन्हें केवल टेलीविजन पर देख पाएंगे.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक में मादा हाथी की मौत, ट्रैंक्विलाइजर की अधिक मात्रा देने का आरोप

मैसूर: एशियाई हाथियों में सबसे लंबे दांत वाले 70 वर्षीय हाथी भोगेश्वर (elephant bhogeshwara) की मौत हो गई है, इसको लेकर वन्यजीव प्रेमी शोक में हैं. सोशल मीडिया पर पशु प्रेमियों ने कई सारी यादें साझा की है, साथ ही हाथी को लेकर अपना दुख व्यक्त किया है. भोगेश्वर राजसी हाथी, 11 जून को कर्नाटक के मैसूर में बांदीपुर-नगरहोल रिजर्व फॉरेस्ट में काबिनी जलाशय के पास मृत पाया गया था. उसे मिस्टर काबिनी के नाम से जाना जाता था.

हाथी सभी पर्यटकों की आंखों का आकर्षण था क्योंकि यह महाद्वीप में सबसे लंबे समय तक दांत के साथ जीवित था. वन विभाग भोगेश्वर को हाथियों के संरक्षण और संरक्षण का प्रतीक बनाने पर विचार कर रहा है. विभाग प्रदर्शनी केंद्र पर हाथी के दांतों को संरक्षित करने की अनुमति लेने पर भी विचार कर रहा है. मिस्टर काबिनी का एक दांत 2.54 मीटर (8 फीट) लंबा और दूसरा 2.34 मीटर (7.5 फीट) लंबा था.

हाथी का नाम भोगेश्वर रखा गया क्योंकि यह अक्सर काबिनी बैकवाटर के पास भोगेश्वर शिविर के पास पाया जाता था. वन अधिकारियों को उसका शव मैसूर जिले के एचडी कोटे तालुक में डीबी कुप्पे वन रेंज के पास मिला. विसरा के नमूने मैसूर की क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भेजे गए हैं. विशेषज्ञों को हाथी की मौत में कुछ संदिग्ध नहीं लगा है. उनका कहना है कि यह एक प्राकृतिक मौत थी. सोशल मीडिया पोस्ट ने भोगेश्वर को श्रद्धांजलि दी और युवा पीढ़ी के लिए भी खेद महसूस किया जो उन्हें केवल टेलीविजन पर देख पाएंगे.

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