नई दिल्ली: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका पर राउस एवेन्यू कोर्ट विचार करने वाला था, इससे पहले ही उन्हें गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. ऐसे में उनकी जमानत पर सुनवाई से पहले ही प्रवर्तन निदेशालय सिसोदिया को पेश कर उनकी हिरासत की मांग कर सकता है. ऐसे में एक बार फिर जेल से निकलने की उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने 8 घंटे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें 2 बार में 7 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा गया. हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, जहां प्रवर्तन निदेशालय ने लगातार दो दिन तक उनसे पूछताछ की और गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. पहले से ही अंदेशा जताया जा रहा था की जमानत पर सुनवाई से पूर्व ही प्रवर्तन निदेशालय मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर सकता है. ऐसे में जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले ही उनकी हिरासत की मांग कर सकता है, जिससे जमानत याचिका पर सुनवाई भी प्रभावित होगी.
ईडी की गिरफ्त में आए आरोपियों को अब तक नहीं मिली जमानत: दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई दोनों ही जांच कर रहे हैं. जांच सीबीआई मुख्य घोटाले की जांच कर रहा है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच कर रहा है. प्रवर्तन निदेशालय अब तक 13 हजार पन्नों का आरोप पत्र पेश कर चुका है. सीबीआई ने जहां इस मामले में अब तक केवल 4 गिरफ्तारियां की हैं, वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 11 गिरफ्तारियां की हैं. सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए 4 में से 3 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए एक भी आरोपी को अब तक जमानत नहीं मिली है. इसके अलावा 30 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सरकार के ही पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. 9 महीने बीत जाने के बाद भी 10 को अब तक इस मामले में जमानत नहीं मिली है.
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