नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के दिल्ली स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि दक्षिण दिल्ली के अधचीनी, वसंतकुंज और महरौली में स्थित कम से कम तीन परिसरों पर धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापे मारे जा रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि टीम उनसे जुड़े दो गैर सरकारी संगठनों के वित्तीय एवं बैंकिंग दस्तावेजों की जांच कर रही है.
उन्होंने बताया कि ईडी का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से फरवरी में सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज(सीएसई)के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है. यह संस्थान मंदर चलाते हैं और वह इसके निदेशक भी हैं.
मंदर ने कई पुस्तक लिखी हैं और सामाजिक कार्यों के अलावा वह सामाजिक न्याय और मानवाधिकार जैसे विषयों पर समाचार पत्रों में संपादकीय भी लिखते हैं. वह बृहस्पतिवार की सुबह में ही अपनी पत्नी के साथ जर्मनी के लिए रवाना हो गए.
बताया जाता है कि एक फेलोशिप के लिए वह जर्मनी गए हैं.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के रजिस्ट्रार की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 83 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था. ये मामले सीएसई द्वारा दक्षिण दिल्ली में स्थापित 'उम्मीद अमन घर' और 'खुशी रेनबो होम' से जुड़े हैं.
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पुलिस ने तब बताया था कि इन संस्थानों की एनसीपीसीआर की टीम द्वारा पिछले वर्ष अक्टूबर में जांच के आधार पर मामला दर्ज किया गया था.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने तब आरोप लगाए थे कि इन दो गैर सरकारी संगठनों की जांच में एक संस्थान में किशोर न्याय अधिनियम और बाल यौन उत्पीड़न सहित कई अन्य अनियमितताएं पाई गई थीं.
मंदर ने तब इन आरोपों को 'अनुचित' बताया था.
उन्होंने कहा था, 'मेरा मानना है कि यह पूरी तरह अनुचित है. हमने काफी मजबूत व्यवस्था बनाई है, जैसे हमारे पास बुजुर्ग महिलाएं (देखभाल करने वाली) हैं जो बच्चों के साथ सोती हैं और हम उनकी काउंसिलिंग करते हैं. ये महज आरोप हैं और अफवाह हैं.'
(पीटीआई-भाषा)