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यादव और मुस्लिम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने के आरोप पर EC ने सपा से मांगे सबूत

चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को सार्वजनिक मंचों पर लगाए गए उनके आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने के लिए कहा है.

चुनाव आयोग
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Published : Oct 27, 2022, 5:04 PM IST

Updated : Oct 27, 2022, 6:58 PM IST

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को सार्वजनिक मंचों पर लगाए गए उनके आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने के लिए कहा है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने भाजपा के इशारे पर लगभग सभी यूपी विधानसभा क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम समुदायों के मतदाताओं के 20,000 नाम जानबूझकर हटा दिए हैं.

  • Election Commission asks SP chief Akhilesh Yadav to submit proof to substantiate his allegation made at public fora that ECI deliberately deleted names of voters from Yadav& Muslim communities to tune of 20,000 in almost all UP Assembly constituencies, at BJP's behest

    (File pic) pic.twitter.com/jMIULkgQSc

    — ANI (@ANI) October 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने 10 नवंबर तक अखिलेश यादव से सबूत और दस्तावेज के साथ उनके आरोपों से जुड़ा जवाब मांगा है. चुनाव आयोग ने विधानसभा क्षेत्र का नंबर और गलत तरीके से मतदाता के नाम काटने का विवरण अखिलेश से मांगा है. गौरतलब है कि कुछ समय पहले लखनऊ में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था. इसमें सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में हार का कारण चुनाव आयोग को बताया था.

उन्‍होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव में हर सीट पर यादवों और मुसलमानों के 20-20 हजार वोट हटवा दिए गए. उनका आरोप था कि बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग ने मिलकर यह मशीनरी बनाई और समाजवादी पार्टी को मिलने वाली जीत, बीजेपी को दे दी. उन्होंने कहा था- ‘चुनाव आयोग से हमें सबसे अधिक उम्मीद थी. लेकिन बीजेपी के इशारे पर जानबूझकर हर विधानसभा सीट पर 20 हजार यादव और मुसलमान वोटरों के नाम काट दिए.'

पढ़ें: मेघालय में राजनीतिक हलचल, कॉनराड संगमा और भाजपा के बीच खटास!

आगे उन्होंने कहा था कि 'हमने पहले भी कहा और आज भी कहते हैं कि जांच करके देख लें 20-20 हजार वोट उड़ा दिए गए हैं. कई वोटरों के नाम काट दिए गए. कई लोगों का बूथ चेंज कर दिया गया. वोटरों को इस बूथ से दूसरे बूथ पर पहुंचा दिया गया.’ अखिलेश ने कहा था कि 'यह सरकार, जनता की बनाई हुई सरकार नहीं है. आज भी आप जब लोगों के बीच सदस्यता अभियान के लिए गए होंगे तो महूसस किया होगा कि लोग खुद ताज्‍जुब कर रहे हैं कि बीजेपी की सरकार दोबारा कैसे बन गई.'

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को सार्वजनिक मंचों पर लगाए गए उनके आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने के लिए कहा है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने भाजपा के इशारे पर लगभग सभी यूपी विधानसभा क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम समुदायों के मतदाताओं के 20,000 नाम जानबूझकर हटा दिए हैं.

  • Election Commission asks SP chief Akhilesh Yadav to submit proof to substantiate his allegation made at public fora that ECI deliberately deleted names of voters from Yadav& Muslim communities to tune of 20,000 in almost all UP Assembly constituencies, at BJP's behest

    (File pic) pic.twitter.com/jMIULkgQSc

    — ANI (@ANI) October 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने 10 नवंबर तक अखिलेश यादव से सबूत और दस्तावेज के साथ उनके आरोपों से जुड़ा जवाब मांगा है. चुनाव आयोग ने विधानसभा क्षेत्र का नंबर और गलत तरीके से मतदाता के नाम काटने का विवरण अखिलेश से मांगा है. गौरतलब है कि कुछ समय पहले लखनऊ में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था. इसमें सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में हार का कारण चुनाव आयोग को बताया था.

उन्‍होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव में हर सीट पर यादवों और मुसलमानों के 20-20 हजार वोट हटवा दिए गए. उनका आरोप था कि बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग ने मिलकर यह मशीनरी बनाई और समाजवादी पार्टी को मिलने वाली जीत, बीजेपी को दे दी. उन्होंने कहा था- ‘चुनाव आयोग से हमें सबसे अधिक उम्मीद थी. लेकिन बीजेपी के इशारे पर जानबूझकर हर विधानसभा सीट पर 20 हजार यादव और मुसलमान वोटरों के नाम काट दिए.'

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आगे उन्होंने कहा था कि 'हमने पहले भी कहा और आज भी कहते हैं कि जांच करके देख लें 20-20 हजार वोट उड़ा दिए गए हैं. कई वोटरों के नाम काट दिए गए. कई लोगों का बूथ चेंज कर दिया गया. वोटरों को इस बूथ से दूसरे बूथ पर पहुंचा दिया गया.’ अखिलेश ने कहा था कि 'यह सरकार, जनता की बनाई हुई सरकार नहीं है. आज भी आप जब लोगों के बीच सदस्यता अभियान के लिए गए होंगे तो महूसस किया होगा कि लोग खुद ताज्‍जुब कर रहे हैं कि बीजेपी की सरकार दोबारा कैसे बन गई.'

Last Updated : Oct 27, 2022, 6:58 PM IST
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