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विमान में मास्क पहनने से इनकार करने वाले यात्री को नीचे उतार दें: डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनियों से कहा

अगर आप विमान से यात्रा करना चाहते हैं, तो आपके लिए मास्क पहनना जरूरी है. अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो आपको विमान से उतार दिया जाएगा, आप पर स्थानीय पुलिस कार्रवाई भी कर सकती है. इस संबंध में नए दिशा-निर्देश डीजीसीए ने जारी किए हैं.

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Published : Jun 8, 2022, 7:24 PM IST

नई दिल्ली : विमानन नियामक डीजीसीए ने बुधवार को कहा कि एयरलाइन कंपनियों को ऐसे किसी यात्री को प्रस्थान से पहले विमान से नीचे उतार देना चाहिए, जो चेतावनी के बाद भी विमान के अंदर मास्क पहनने से इनकार करता है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक सर्कुलर में कहा कि इसके अलावा, हवाईअड्डा संचालकों को स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेनी चाहिए और फेस मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए.

सर्कुलर तीन जून के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि ‘‘डीजीसीए को ऐसे यात्रियों और अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए हवाईअड्डों और विमान में तैनात सभी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग बाध्यकारी निर्देश जारी करना चाहिए जो मास्क लगाने और स्वच्छता मानदंडों का उल्लंघन करते हैं.’’

अदालत ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और लगातार चूक करने वालों को ‘नो फ्लाई’ सूची में डाला जाना चाहिए. डीजीसीए के बुधवार के सर्कुलर में कहा गया है कि एयरलाइन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्री उड़ानों में ठीक से मास्क पहनें और उन्हें केवल ‘‘असाधारण परिस्थितियों में और अनुमत कारणों से’’ चेहरे से हटाया जाए.

इसमें कहा गया है कि यदि किसी यात्री को अतिरिक्त मास्क की आवश्यकता होती है, तो एयरलाइन को इसे प्रदान करना होगा. इसमें कहा गया, ‘‘एयरलाइन यह सुनिश्चित करेगी कि यदि कोई यात्री बार-बार चेतावनियों के बाद भी उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसे प्रस्थान से पहले, यदि आवश्यक हो, तो उसे विमान से नीचे उतार देना चाहिए.’’

इसमें कहा गया है कि यदि कोई यात्री बार-बार चेतावनी के बाद भी उड़ान के बीच में मास्क पहनने से इनकार करता है या कोविड​​​​-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है, तो उसे डीजीसीए नियमों में परिभाषित ‘‘अनियंत्रित यात्री’’ माना जाना चाहिए. डीजीसीए के नियम एयरलाइंस को यात्रियों को ‘‘अनियंत्रित’’ घोषित किए जाने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए प्रतिबंधित करने का अधिकार देते हैं.

इसमें कहा गया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी बिना मास्क पहने परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं हो. इसमें कहा गया है, सभी हवाईअड्डा संचालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए घोषणाएं और निगरानी बढ़ानी चाहिए कि टर्मिनल पर यात्रियों ने मास्क ठीक से पहना हो और हवाईअड्डा परिसर के भीतर हर समय कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करे.

सर्कुलर के अनुसार, ‘‘यदि कोई यात्री मास्क नहीं पहनता है या मास्क पहनने और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने से इनकार करता है, तो उस पर संबंधित राज्य के कानून के अनुसार जुर्माना लगाया जाना चाहिए, जहां हवाई अड्डा स्थित है और उसे सुरक्षा एजेंसियों को भी सौंपा जा सकता है.’’

ये भी पढे़ं : इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कम नहीं है बेंगलुरू का नया एम विश्वेश्वरैया रेलवे टर्मिनल

नई दिल्ली : विमानन नियामक डीजीसीए ने बुधवार को कहा कि एयरलाइन कंपनियों को ऐसे किसी यात्री को प्रस्थान से पहले विमान से नीचे उतार देना चाहिए, जो चेतावनी के बाद भी विमान के अंदर मास्क पहनने से इनकार करता है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक सर्कुलर में कहा कि इसके अलावा, हवाईअड्डा संचालकों को स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेनी चाहिए और फेस मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए.

सर्कुलर तीन जून के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि ‘‘डीजीसीए को ऐसे यात्रियों और अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए हवाईअड्डों और विमान में तैनात सभी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग बाध्यकारी निर्देश जारी करना चाहिए जो मास्क लगाने और स्वच्छता मानदंडों का उल्लंघन करते हैं.’’

अदालत ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और लगातार चूक करने वालों को ‘नो फ्लाई’ सूची में डाला जाना चाहिए. डीजीसीए के बुधवार के सर्कुलर में कहा गया है कि एयरलाइन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्री उड़ानों में ठीक से मास्क पहनें और उन्हें केवल ‘‘असाधारण परिस्थितियों में और अनुमत कारणों से’’ चेहरे से हटाया जाए.

इसमें कहा गया है कि यदि किसी यात्री को अतिरिक्त मास्क की आवश्यकता होती है, तो एयरलाइन को इसे प्रदान करना होगा. इसमें कहा गया, ‘‘एयरलाइन यह सुनिश्चित करेगी कि यदि कोई यात्री बार-बार चेतावनियों के बाद भी उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसे प्रस्थान से पहले, यदि आवश्यक हो, तो उसे विमान से नीचे उतार देना चाहिए.’’

इसमें कहा गया है कि यदि कोई यात्री बार-बार चेतावनी के बाद भी उड़ान के बीच में मास्क पहनने से इनकार करता है या कोविड​​​​-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है, तो उसे डीजीसीए नियमों में परिभाषित ‘‘अनियंत्रित यात्री’’ माना जाना चाहिए. डीजीसीए के नियम एयरलाइंस को यात्रियों को ‘‘अनियंत्रित’’ घोषित किए जाने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए प्रतिबंधित करने का अधिकार देते हैं.

इसमें कहा गया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी बिना मास्क पहने परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं हो. इसमें कहा गया है, सभी हवाईअड्डा संचालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए घोषणाएं और निगरानी बढ़ानी चाहिए कि टर्मिनल पर यात्रियों ने मास्क ठीक से पहना हो और हवाईअड्डा परिसर के भीतर हर समय कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करे.

सर्कुलर के अनुसार, ‘‘यदि कोई यात्री मास्क नहीं पहनता है या मास्क पहनने और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने से इनकार करता है, तो उस पर संबंधित राज्य के कानून के अनुसार जुर्माना लगाया जाना चाहिए, जहां हवाई अड्डा स्थित है और उसे सुरक्षा एजेंसियों को भी सौंपा जा सकता है.’’

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