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पांच साल के बच्चे के पेट से निकला 12 किलो का ट्यूमर, साइज देखकर डॉक्टर भी हैरान

बीमारियों का उम्र से कोई लेना-देना नहीं रहा. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक बच्चे के पेट में 12 किलो की रसौली थी, जिसे अलीगढ़ के डॉ. संजय भार्गव की टीम ने निकाल दिया. जानिए कैसे बढ़ी पेट में रसौली.

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Published : May 18, 2023, 4:30 PM IST

सर्जन संजय भार्गव और बच्चे के मामा ने बताया.

अलीगढ़: डॉक्टर को लोग भगवान इसलिए मानते हैं क्योंकि वह जिंदगी बचाते हैं. अलीगढ़ में बुलंदशहर के बच्चे को नई जिंदगी मिली. शहर में स्थित एक निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 5 वर्ष के बच्चे के पेट से 12 किलो का ट्यूमर निकालकर उसकी जान बचाई. इससे पहले कई अस्पतालों में बच्चे के इलाज के लिए डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए थे. इस सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे के परिजन बहुत खुश हैं.

ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों की टीम को लीड करने वाले सर्जन संजय भार्गव ने बताया कि जिस बच्चे का ऑपरेशन हुआ, वह 5 वर्ष का है. वह मूल रूप से जनपद बुलंदशहर का रहने वाला है. उसके पेट में एक करीब 12 किलो वजन का ट्यूमर था, जो सिस्टिक टेराटोमा (Cystic teratoma) कहलाता है. यह ट्यूमर खाने की थैली से जुड़ रहा था. उन्होंने आशंका जताई कि यह बीमारी बच्चे को बचपन से रही होगी, जिसका अंदाजा उसके घरवालों को नहीं था. वक्त के साथ ट्यूमर धीरे-धीरे विकराल हो गया. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में 4 डॉक्टरों की टीम लगी थी. करीब 4 घंटे तक ऑपरेशन चला. सफल ऑपरेशन के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है.

डॉ. भार्गव ने बताया कि जन्म से पैदा हुई सिस्टिक टेराटॉमा (रसौली) घातक हो सकती है. जब बच्चे का पेट बढ़ने लगा तब प्रॉपर जांच जरूरी थी. बच्चे के मामा शिवप्रताप सिंह का कहना है कि बचपन से बच्चे का पेट बढ़ा हुआ था. परिवार के लोगों ने बुलंदशहर समेत कई जगह बच्चे को इलाज कराया. जांच में पेट में ट्यूमर होने का पता चल गया था. मगर कई डॉक्टरों ने इतना बड़ा ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया.

उन्हें बताया गया कि इस ऑपरेशन के लिए जिन इक्यूपमेंट्स की जरूरत होती है, वह बड़े अस्पतालों में उपलब्ध है. तब शिवप्रताप सिंह ने अलीगढ़ में डॉ. संजय भार्गव से बात की. सीटी स्कैन की रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर साहब ने टाइम दिया. संजय भार्गव की टीम ने इस चैलेंज को स्वीकार किया तो बच्चे को यहां पर एडमिट कराया. ऑपरेशन करने में टीम को 3 से 4 घंटे लगे. ऑपरेशन सफल रहा. अब बच्चा स्वस्थ है.

यह भी पढ़ें- सपा नेता छविनाथ यादव को प्रतापगढ़ से कौशांबी जेल लाया गया, जानिए वजह

सर्जन संजय भार्गव और बच्चे के मामा ने बताया.

अलीगढ़: डॉक्टर को लोग भगवान इसलिए मानते हैं क्योंकि वह जिंदगी बचाते हैं. अलीगढ़ में बुलंदशहर के बच्चे को नई जिंदगी मिली. शहर में स्थित एक निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 5 वर्ष के बच्चे के पेट से 12 किलो का ट्यूमर निकालकर उसकी जान बचाई. इससे पहले कई अस्पतालों में बच्चे के इलाज के लिए डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए थे. इस सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे के परिजन बहुत खुश हैं.

ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों की टीम को लीड करने वाले सर्जन संजय भार्गव ने बताया कि जिस बच्चे का ऑपरेशन हुआ, वह 5 वर्ष का है. वह मूल रूप से जनपद बुलंदशहर का रहने वाला है. उसके पेट में एक करीब 12 किलो वजन का ट्यूमर था, जो सिस्टिक टेराटोमा (Cystic teratoma) कहलाता है. यह ट्यूमर खाने की थैली से जुड़ रहा था. उन्होंने आशंका जताई कि यह बीमारी बच्चे को बचपन से रही होगी, जिसका अंदाजा उसके घरवालों को नहीं था. वक्त के साथ ट्यूमर धीरे-धीरे विकराल हो गया. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में 4 डॉक्टरों की टीम लगी थी. करीब 4 घंटे तक ऑपरेशन चला. सफल ऑपरेशन के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है.

डॉ. भार्गव ने बताया कि जन्म से पैदा हुई सिस्टिक टेराटॉमा (रसौली) घातक हो सकती है. जब बच्चे का पेट बढ़ने लगा तब प्रॉपर जांच जरूरी थी. बच्चे के मामा शिवप्रताप सिंह का कहना है कि बचपन से बच्चे का पेट बढ़ा हुआ था. परिवार के लोगों ने बुलंदशहर समेत कई जगह बच्चे को इलाज कराया. जांच में पेट में ट्यूमर होने का पता चल गया था. मगर कई डॉक्टरों ने इतना बड़ा ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया.

उन्हें बताया गया कि इस ऑपरेशन के लिए जिन इक्यूपमेंट्स की जरूरत होती है, वह बड़े अस्पतालों में उपलब्ध है. तब शिवप्रताप सिंह ने अलीगढ़ में डॉ. संजय भार्गव से बात की. सीटी स्कैन की रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर साहब ने टाइम दिया. संजय भार्गव की टीम ने इस चैलेंज को स्वीकार किया तो बच्चे को यहां पर एडमिट कराया. ऑपरेशन करने में टीम को 3 से 4 घंटे लगे. ऑपरेशन सफल रहा. अब बच्चा स्वस्थ है.

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