ETV Bharat / bharat

कश्मीरी पंडित फिर SC पहुंचे, नरसंहार की दोबारा जांच कराने की अपील

कश्मीरी पंडितों की संस्था 'रूट्स इन कश्मीर' ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है (Kashmiri pandits organisation moves sc). संस्था ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार मामले की जांच सीबीआई या एनआईए से कराने की अपील की है.

author img

By

Published : Mar 24, 2022, 6:10 PM IST

Supreme court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : साल 1989-90 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की दोबारा जांच कराने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. कश्मीरी पंडितों की संस्था 'रूट्स इन कश्मीर' ने पुनर्विचार याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) दायर की है. इसके जरिए सीबीआई या एनआईए से जांच कराने की अपील की है. संस्था ने 2017 में आए कोर्ट के फैसले में बदलाव की अपील की है, तब शीर्ष कोर्ट ने जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करना शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने वाला अंतिम न्यायिक उपाय है. याचिका में 1989-90 में हुए नरसंहार और उसके बाद हुई हत्याओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति की नियुक्ति की मांग की गई है. याचिका में अपील की गई है कि 'कश्मीरी पंडितों की हत्याओं की प्राथमिकी पर मुकदमा न चलाने के कारणों की जांच की जाए. अदालत की निगरानी में जांच हो ताकि सैकड़ों प्राथमिकी बिना किसी देरी के अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंच सकें.'

इसके साथ ही संस्था ने अपील की है कि इससे जुड़े सभी मामले एनसीटी दिल्ली स्थानांतरित कर दिए जाएं, ताकि अभी तक जो गवाह सामने नहीं आए हैं वह भी पेश होकर बयान दर्ज करा सकें. याचिका में अपील की गई है कि 25 जनवरी 1990 की सुबह भारतीय वायु सेना के 4 अधिकारियों की हत्या का मामला भी सीबीआई अदालत में लंबित है. इसका जल्द निपटारा किया जाए. इस केस में यासीन मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है.

नई दिल्ली : साल 1989-90 में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की दोबारा जांच कराने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. कश्मीरी पंडितों की संस्था 'रूट्स इन कश्मीर' ने पुनर्विचार याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) दायर की है. इसके जरिए सीबीआई या एनआईए से जांच कराने की अपील की है. संस्था ने 2017 में आए कोर्ट के फैसले में बदलाव की अपील की है, तब शीर्ष कोर्ट ने जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करना शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने वाला अंतिम न्यायिक उपाय है. याचिका में 1989-90 में हुए नरसंहार और उसके बाद हुई हत्याओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति की नियुक्ति की मांग की गई है. याचिका में अपील की गई है कि 'कश्मीरी पंडितों की हत्याओं की प्राथमिकी पर मुकदमा न चलाने के कारणों की जांच की जाए. अदालत की निगरानी में जांच हो ताकि सैकड़ों प्राथमिकी बिना किसी देरी के अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंच सकें.'

इसके साथ ही संस्था ने अपील की है कि इससे जुड़े सभी मामले एनसीटी दिल्ली स्थानांतरित कर दिए जाएं, ताकि अभी तक जो गवाह सामने नहीं आए हैं वह भी पेश होकर बयान दर्ज करा सकें. याचिका में अपील की गई है कि 25 जनवरी 1990 की सुबह भारतीय वायु सेना के 4 अधिकारियों की हत्या का मामला भी सीबीआई अदालत में लंबित है. इसका जल्द निपटारा किया जाए. इस केस में यासीन मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है.

पढ़ें- कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बोले फारूक अब्दुल्ला- मैं नहीं, दिल्ली की तत्कालीन हुकूमत जिम्मेदार

पढ़ें- कश्मीर में सलेक्टिव किलिंग पर पंडितों ने जताई चिंता, कहा- "1990 से बदतर हुये कश्मीर के हालात"

पढ़ें- अनुपम खेर की 'द कश्मीर फाइल्स' देख फूट-फूटकर रोए कश्मीरी पंडित, वीडियो वायरल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.