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बुलंदशहर में बच्चों को अगवाकर हत्या करने के मामले में तीन दोषियों को फांसी की सजा - बुलंदशहर में बच्चों को अगवा करने का मामला

बुलंदशहर में आज बच्चों को अगवाकर उनकी हत्या करने के मामले में तीन लोगों को कोर्ट ने फांसी की सजा (Court Sentenced Three People to Death In Bulandshahr) सुनाई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 18, 2023, 4:20 PM IST

Updated : Oct 18, 2023, 6:37 PM IST

बुलंदशहर में बच्चों की हत्या करने वाले तीन दोषियों को फांसी की सजा

बुलंदशहर: वर्ष 2019 में नगर कोतवाली क्षेत्र के फैसलाबाद में कारपेंटर ने रोजा इफ्तार की दावत की. लेकिन, पड़ोस में रह रहे ममेरे भाई को नहीं बुलाया. इससे आक्रोशित ममेरे भाई ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर कारपेंटर और उसके भाई की दो बेटियों और दावत में आए उनके भांजे को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया. तीनों बच्चों को धतूरी गांव के जंगल में ले गए और सिर, माथे और सीने में गोलियां दागकर हत्या कर दी. इसके बाद ट्यूबवेल की होज में तीनों बच्चों के शवों को डालकर आरोपी फरार हो गए थे. बुधवार को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. मनु कालिया ने तीनाें अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई. इसके साथ ही एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया. तीनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है.

एडीजीसी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि 25 मई 2019 को माहेआलम नगर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में बताया था कि वह अपने भाई जमशेद उर्फ राजा के साथ निवासी मोहल्ला फैसलाबाद में रहता है. जबकि, वह मूल रूप से गांव जलीलपुर थाना जहांगीराबाद का निवासी है. माहेआलम का बहनोई हसीन खां भी उनके परिवार के साथ फैसलाबाद में रहता है. सलमान, बिलाल निवासी जलीलपुर जहांगीराबाद और इमरान उर्फ गूंगा निवासी गांव मिर्जापुर कोतवाली देहात का उनके घर पर आना-जाना था. बिलाल उनका ममेरा भाई है. इमरान व सलमान उसके दोस्त हैं. तीनों आपराधिक किस्म के लोग हैं. जानकारी होने पर इनसे रिश्ता तोड़ लिया था.

24 मई 2019 को जमशेद ने रोजा इफ्तार का आयोजन किया. इसमें बिलाल, सलमान और इमरान उर्फ गूंगा को निमंत्रण नहीं दिया गया. लेकिन, तीनों जबरन कार्यक्रम में आ गए. इन लोगों को रोजा इफ्तार पार्टी में नहीं बुलाया गया था. इससे आक्रोशित ममेरे भाई बिलाल ने धमकी दी कि इस बेइज्जती को उम्र भर नहीं भूलेंगे. माहेआलम ने बताया कि उनकी बेटी अरीबा (7), भतीजी आसमां (9) पुत्री जमशेद और भांजा अब्दुल (8) पुत्र हसीन खां निवासी गांव बरारी अहमदगढ़ रात करीब साढे़ नौ बजे अचानक लापता हो गए. खोजबीन के दौरान पता चला कि तीनों बच्चों को बिलाल, सलमान और इमरान बाइक और स्कूटी पर बैठाकर ले गए हैं. रात में खुर्जा गेट पुलिस चौकी पर बच्चों की गुमशुदगी दर्ज कराई गई.

25 मई 2019 को पुलिस को तीनों बच्चों के शव गांव धतूरी के जंगल में बलदेवराज पंजाबी की ट्यूबवेल की होज में मिले. पीड़ित माहेआलम ने सलमान मलिक, बिलाल, निवासी जलीलपुर थाना जहांगीराबाद और इमरान निवासी मिर्जापुर थाना कोतवाली देहात पर अगवा कर हत्या और साजिद निवासी मोहल्ला कोट थाना खुर्जा नगर पर साजिश रचने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था. बुधवार को तमाम सुबूतों और बयानों का अवलोकन कर अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. मनु कालिया ने तीनाें अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है.

यह भी पढ़ें: दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, बेटे अब्दुल्ला और पत्नी तजीन फात्मा को सात-सात साल कैद की सजा

बुलंदशहर में बच्चों की हत्या करने वाले तीन दोषियों को फांसी की सजा

बुलंदशहर: वर्ष 2019 में नगर कोतवाली क्षेत्र के फैसलाबाद में कारपेंटर ने रोजा इफ्तार की दावत की. लेकिन, पड़ोस में रह रहे ममेरे भाई को नहीं बुलाया. इससे आक्रोशित ममेरे भाई ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर कारपेंटर और उसके भाई की दो बेटियों और दावत में आए उनके भांजे को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया. तीनों बच्चों को धतूरी गांव के जंगल में ले गए और सिर, माथे और सीने में गोलियां दागकर हत्या कर दी. इसके बाद ट्यूबवेल की होज में तीनों बच्चों के शवों को डालकर आरोपी फरार हो गए थे. बुधवार को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. मनु कालिया ने तीनाें अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई. इसके साथ ही एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया. तीनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है.

एडीजीसी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि 25 मई 2019 को माहेआलम नगर कोतवाली में दर्ज मुकदमे में बताया था कि वह अपने भाई जमशेद उर्फ राजा के साथ निवासी मोहल्ला फैसलाबाद में रहता है. जबकि, वह मूल रूप से गांव जलीलपुर थाना जहांगीराबाद का निवासी है. माहेआलम का बहनोई हसीन खां भी उनके परिवार के साथ फैसलाबाद में रहता है. सलमान, बिलाल निवासी जलीलपुर जहांगीराबाद और इमरान उर्फ गूंगा निवासी गांव मिर्जापुर कोतवाली देहात का उनके घर पर आना-जाना था. बिलाल उनका ममेरा भाई है. इमरान व सलमान उसके दोस्त हैं. तीनों आपराधिक किस्म के लोग हैं. जानकारी होने पर इनसे रिश्ता तोड़ लिया था.

24 मई 2019 को जमशेद ने रोजा इफ्तार का आयोजन किया. इसमें बिलाल, सलमान और इमरान उर्फ गूंगा को निमंत्रण नहीं दिया गया. लेकिन, तीनों जबरन कार्यक्रम में आ गए. इन लोगों को रोजा इफ्तार पार्टी में नहीं बुलाया गया था. इससे आक्रोशित ममेरे भाई बिलाल ने धमकी दी कि इस बेइज्जती को उम्र भर नहीं भूलेंगे. माहेआलम ने बताया कि उनकी बेटी अरीबा (7), भतीजी आसमां (9) पुत्री जमशेद और भांजा अब्दुल (8) पुत्र हसीन खां निवासी गांव बरारी अहमदगढ़ रात करीब साढे़ नौ बजे अचानक लापता हो गए. खोजबीन के दौरान पता चला कि तीनों बच्चों को बिलाल, सलमान और इमरान बाइक और स्कूटी पर बैठाकर ले गए हैं. रात में खुर्जा गेट पुलिस चौकी पर बच्चों की गुमशुदगी दर्ज कराई गई.

25 मई 2019 को पुलिस को तीनों बच्चों के शव गांव धतूरी के जंगल में बलदेवराज पंजाबी की ट्यूबवेल की होज में मिले. पीड़ित माहेआलम ने सलमान मलिक, बिलाल, निवासी जलीलपुर थाना जहांगीराबाद और इमरान निवासी मिर्जापुर थाना कोतवाली देहात पर अगवा कर हत्या और साजिद निवासी मोहल्ला कोट थाना खुर्जा नगर पर साजिश रचने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था. बुधवार को तमाम सुबूतों और बयानों का अवलोकन कर अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. मनु कालिया ने तीनाें अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है.

यह भी पढ़ें: दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, बेटे अब्दुल्ला और पत्नी तजीन फात्मा को सात-सात साल कैद की सजा

Last Updated : Oct 18, 2023, 6:37 PM IST
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