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Rajasthan : कांग्रेस तैयार कर रही 'डिजिटल फौज', BJP का करेगी मुकाबला, जानिए दोनों दलों का प्लान

राजस्थान में विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं. दोनों पार्टियां अपने राजनीतिक अभियान को जल्द ही सोशल मीडिया पर भी जोर-शोर से लाने में लगी हैं. कांग्रेस अब सोशल मीडिया को अपनी ताकत बनाकर भाजपा के खिलाफ 1 लाख वॉलंटियर्स उतारेगी. जानिए किसका क्या है प्लान...

Rajasthan Assembly elections
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Published : Jun 5, 2023, 7:55 PM IST

Updated : Jun 5, 2023, 8:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव से करीब 6 महीने पहले जनता तक सीधी पहुंच बनाने की जुगत में लगे हुए हैं. इस कड़ी में दोनों ही दलों ने अपने राजनीतिक अभियान को सोशल मीडिया पर और ज्यादा आक्रामक बनाने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस सोशल मीडिया पर अपनी टीम का दायरा बढ़ाकर चुनावी रण में उतरना चाहती है तो बीजेपी अपने प्लेटफॉर्म को और आकर्षक और तथ्यपरक करना चाहती है. लिहाजा दोनों ही दलों की प्लानिंग ने जमीनी स्तर पर रंग दिखाना शुरू कर दिया है.

पदाधिकारी और वॉलंटियर्स की फौज बनाएगी कांग्रेस : राजस्थान के राजनीतिक मुद्दों को लेकर विपक्षी दल बीजेपी का आक्रमण अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नजर आ रहा है. ऐसे में कांग्रेस भी बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के मानस से जल्द 60 हजार कार्यकर्ताओं की फौज को मैदान में उतराने की तैयारी कर चुकी है. इसके अलावा करीब 1 लाख वॉलंटियर्स भी पार्टी की रीति-नीति को प्रदेश के हर कोने तक पहुंचाने का काम करेंगे. कांग्रेस ने हर मोबाइल के जरिए एक-एक व्यक्ति को टारगेट करने का प्लान बनाया है. इसके लिए हजारों की संख्या में व्हाट्सएप ग्रुप को कैटेगरी ओरिएंटेड बनाया गया है.

पढे़ं. Rajasthan Politics: कांग्रेस के इंस्टाग्राम पेज पर सीएम गहलोत का 'मारियो' अवतार...लिखा ये संदेश

मिस कॉल के जरिए जोड़े जाएंगे वॉलंटियर्स : जून के महीने में वॉलंटियर्स को जोड़ा जाएगा. इसके बाद जुलाई में तय कार्यक्रम के मुताबिक ट्रेनिंग का दौर भी शुरू किया जाएगा. इसके तहत पहले जिलेवार 40 सदस्यों को नियुक्त किया जाएगा. इसके बाद 200 विधानसभा में 10-10 लोगों की कमेटी बनाई जाएगी. इस तरह से जिला और विधानसभा में 4000 पदाधिकारी बनेंगे, जो जिलों के हिसाब से ब्लॉक, पंचायत और बूथ स्तर पर करीब 60 हजार की संख्या में होंगे. इस बीच मिस कॉल के जरिए जून के तीसरे सप्ताह में वॉलंटियर्स की सदस्यता का अभियान शुरू होगा, जो कांग्रेस की रीति-नीति का प्रचार करेंगे. वॉलंटियर्स बनाने के लिए ऑनलाइन मिस्ड कॉल और गूगल फॉर्म से आवेदन लिए जाएंगे.

लाखों की संख्या में व्हाट्सएप ग्रुप : कांग्रेस ने भाजपा के सोशल मीडिया अभियान का मुकाबला करने के लिए फैक्ट चेक एंड स्प्रेड पॉलिसी बनाई है. हालांकि, कांग्रेस शासित सरकार का जनसंपर्क विभाग इस काम को कर रहा है, लेकिन आम जनता के बीच सही कंटेंट को पहुंचाने के मकसद से इस पॉलिसी को लाया गया है. पार्टी की सोशल मीडिया टीम के चेयरमैन सुमित भगासरा का आरोप है कि बीजेपी अक्सर झूठी और भ्रामक खबरों के जरिए अपना प्रोपेगेंडा चलाती है. ऐसे में हमारा फैक्ट चेक का फॉर्मूला उनके दुष्प्रचार का मुकाबला करेगा. इसके अलावा भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस की ओर से लाखों की संख्या में व्हाट्सएप ग्रुप बनाई जा रही है. इनमें युवा, महिला, कारोबारी जैसी कैटेगरी के जरिए अलग-अलग वर्ग तक पार्टी की स्कीम को पहुंचाया जाएगा. पार्टी युवाओं को साथ लाने के लिए NSUI को साथ ला रही है. जहां NSUI की मौजूदगी नहीं है, उन निजी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में वॉलंटियर्स तैयार होंगे.

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यह होगा भाजपा का सोशल मीडिया प्लान : भारतीय जनता पार्टी अक्सर सोशल मीडिया पर विरोधी दलों के मुकाबले ज्यादा ताकतवर साबित होती है. पार्टी की रणनीति में एडवांस प्लानिंग पर जोर रहता है, इसलिए राजस्थान में बीजेपी अब चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के प्रचार-प्रसार की तैयारी कर रही है. पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखकर ही पार्टी चुनाव में उतरेगी, लिहाजा पार्टी ने अब सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स और ब्लॉगर्स को जोड़ने की कवायद शुरू की है. इसके अलावा क्रिएटिव, ग्राफिक्स, कार्टून, वीडियो और सांग्स की मदद से मोदी सरकार की उपलब्धियों का जनता के बीच प्रचार किया जाएगा. नई प्लानिंग में व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर को लेकर भी प्लान बनाए गए हैं. दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में पार्टी अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और ब्लॉगर्स को भी जोड़ेगी.

2024 के आम चुनाव का टार्गेट-25 : राजस्थान में भाजपा हर जिले में पांच ब्लॉगर्स या इन्फ्लुएंसर्स को अपने नेटवर्क के साथ जोड़ेगी. पार्टी का मानना है कि बड़ी फॉलोइंग वाले लोगों के प्लेटफॉर्म के जरिए जनता का विश्वास हासिल किया जा सकता है. ऐसे में पार्टी इनके जरिए विरोध का संतुलन बनाने के साथ ही अपने पक्ष में माहौल बनाना चाहती है. भाजपा मोदी सरकार की कामयाबी और गहलोत राज की विफलताओं को इन लोगों के जरिए घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश करेगी. इससे 2023 विधानसभा चुनाव का लक्ष्य हासिल करने और 2024 के आम चुनाव में टार्गेट-25 हासिल करने की कोशिश रहेगी. भाजपा ने प्रदेश के 52 हजार बूथ्स पर वॉट्सएप के जरिए जनता तक पहुंचने की प्लानिंग की है. दो तरह के इन ग्रुप्स में बूथ से जुड़े पदाधिकारियों के अलावा मतदाताओं को भी शामिल किया जाएगा. पार्टी ने चुनाव से पहले 30 फीसदी मतदाताओं तक सीधी पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए बीजेपी की सोशल मीडिया टीम भी सक्रिय हो चुकी है.

जयपुर. राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव से करीब 6 महीने पहले जनता तक सीधी पहुंच बनाने की जुगत में लगे हुए हैं. इस कड़ी में दोनों ही दलों ने अपने राजनीतिक अभियान को सोशल मीडिया पर और ज्यादा आक्रामक बनाने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस सोशल मीडिया पर अपनी टीम का दायरा बढ़ाकर चुनावी रण में उतरना चाहती है तो बीजेपी अपने प्लेटफॉर्म को और आकर्षक और तथ्यपरक करना चाहती है. लिहाजा दोनों ही दलों की प्लानिंग ने जमीनी स्तर पर रंग दिखाना शुरू कर दिया है.

पदाधिकारी और वॉलंटियर्स की फौज बनाएगी कांग्रेस : राजस्थान के राजनीतिक मुद्दों को लेकर विपक्षी दल बीजेपी का आक्रमण अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नजर आ रहा है. ऐसे में कांग्रेस भी बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के मानस से जल्द 60 हजार कार्यकर्ताओं की फौज को मैदान में उतराने की तैयारी कर चुकी है. इसके अलावा करीब 1 लाख वॉलंटियर्स भी पार्टी की रीति-नीति को प्रदेश के हर कोने तक पहुंचाने का काम करेंगे. कांग्रेस ने हर मोबाइल के जरिए एक-एक व्यक्ति को टारगेट करने का प्लान बनाया है. इसके लिए हजारों की संख्या में व्हाट्सएप ग्रुप को कैटेगरी ओरिएंटेड बनाया गया है.

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मिस कॉल के जरिए जोड़े जाएंगे वॉलंटियर्स : जून के महीने में वॉलंटियर्स को जोड़ा जाएगा. इसके बाद जुलाई में तय कार्यक्रम के मुताबिक ट्रेनिंग का दौर भी शुरू किया जाएगा. इसके तहत पहले जिलेवार 40 सदस्यों को नियुक्त किया जाएगा. इसके बाद 200 विधानसभा में 10-10 लोगों की कमेटी बनाई जाएगी. इस तरह से जिला और विधानसभा में 4000 पदाधिकारी बनेंगे, जो जिलों के हिसाब से ब्लॉक, पंचायत और बूथ स्तर पर करीब 60 हजार की संख्या में होंगे. इस बीच मिस कॉल के जरिए जून के तीसरे सप्ताह में वॉलंटियर्स की सदस्यता का अभियान शुरू होगा, जो कांग्रेस की रीति-नीति का प्रचार करेंगे. वॉलंटियर्स बनाने के लिए ऑनलाइन मिस्ड कॉल और गूगल फॉर्म से आवेदन लिए जाएंगे.

लाखों की संख्या में व्हाट्सएप ग्रुप : कांग्रेस ने भाजपा के सोशल मीडिया अभियान का मुकाबला करने के लिए फैक्ट चेक एंड स्प्रेड पॉलिसी बनाई है. हालांकि, कांग्रेस शासित सरकार का जनसंपर्क विभाग इस काम को कर रहा है, लेकिन आम जनता के बीच सही कंटेंट को पहुंचाने के मकसद से इस पॉलिसी को लाया गया है. पार्टी की सोशल मीडिया टीम के चेयरमैन सुमित भगासरा का आरोप है कि बीजेपी अक्सर झूठी और भ्रामक खबरों के जरिए अपना प्रोपेगेंडा चलाती है. ऐसे में हमारा फैक्ट चेक का फॉर्मूला उनके दुष्प्रचार का मुकाबला करेगा. इसके अलावा भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस की ओर से लाखों की संख्या में व्हाट्सएप ग्रुप बनाई जा रही है. इनमें युवा, महिला, कारोबारी जैसी कैटेगरी के जरिए अलग-अलग वर्ग तक पार्टी की स्कीम को पहुंचाया जाएगा. पार्टी युवाओं को साथ लाने के लिए NSUI को साथ ला रही है. जहां NSUI की मौजूदगी नहीं है, उन निजी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में वॉलंटियर्स तैयार होंगे.

पढे़ं. Rajasthan Congress Crisis : गहलोत-पायलट में सुलह की तस्वीर...लेकिन पिक्चर अभी बाकी है...

यह होगा भाजपा का सोशल मीडिया प्लान : भारतीय जनता पार्टी अक्सर सोशल मीडिया पर विरोधी दलों के मुकाबले ज्यादा ताकतवर साबित होती है. पार्टी की रणनीति में एडवांस प्लानिंग पर जोर रहता है, इसलिए राजस्थान में बीजेपी अब चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के प्रचार-प्रसार की तैयारी कर रही है. पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखकर ही पार्टी चुनाव में उतरेगी, लिहाजा पार्टी ने अब सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स और ब्लॉगर्स को जोड़ने की कवायद शुरू की है. इसके अलावा क्रिएटिव, ग्राफिक्स, कार्टून, वीडियो और सांग्स की मदद से मोदी सरकार की उपलब्धियों का जनता के बीच प्रचार किया जाएगा. नई प्लानिंग में व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर को लेकर भी प्लान बनाए गए हैं. दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में पार्टी अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और ब्लॉगर्स को भी जोड़ेगी.

2024 के आम चुनाव का टार्गेट-25 : राजस्थान में भाजपा हर जिले में पांच ब्लॉगर्स या इन्फ्लुएंसर्स को अपने नेटवर्क के साथ जोड़ेगी. पार्टी का मानना है कि बड़ी फॉलोइंग वाले लोगों के प्लेटफॉर्म के जरिए जनता का विश्वास हासिल किया जा सकता है. ऐसे में पार्टी इनके जरिए विरोध का संतुलन बनाने के साथ ही अपने पक्ष में माहौल बनाना चाहती है. भाजपा मोदी सरकार की कामयाबी और गहलोत राज की विफलताओं को इन लोगों के जरिए घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश करेगी. इससे 2023 विधानसभा चुनाव का लक्ष्य हासिल करने और 2024 के आम चुनाव में टार्गेट-25 हासिल करने की कोशिश रहेगी. भाजपा ने प्रदेश के 52 हजार बूथ्स पर वॉट्सएप के जरिए जनता तक पहुंचने की प्लानिंग की है. दो तरह के इन ग्रुप्स में बूथ से जुड़े पदाधिकारियों के अलावा मतदाताओं को भी शामिल किया जाएगा. पार्टी ने चुनाव से पहले 30 फीसदी मतदाताओं तक सीधी पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए बीजेपी की सोशल मीडिया टीम भी सक्रिय हो चुकी है.

Last Updated : Jun 5, 2023, 8:03 PM IST
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