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कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन का किया बचाव, चीनी फर्मों के अनुबंध पर उठाए सवाल - इंडिया फाउंडेशन

कांग्रेस ने मंगलवार को राजीव गांधी फाउंडेशन का बचाव (Congress defends RGF) करते हुए कहा कि चीनी दूतावास 2016 से इंडिया फाउंडेशन और विवेकानंद फाउंडेशन को फंड क्यों दे रहा है. साथ ही अरुणाचल प्रदेश में हुई झड़प को लेकर निशाना साधा. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Congress media head Pawan Khera
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा
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Published : Dec 13, 2022, 6:09 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को राजीव गांधी फाउंडेशन का बचाव किया (Congress defends RGF), जिस पर विदेशी फंड प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कांग्रेस ने कहा कि एनजीओ फंडिंग पारदर्शी थी. वहीं, पीएम केयर्स और अन्य एनजीओ की फंडिंग और चीनी फर्मों को काम दिए जाने पर सवाल उठाए.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Congress media head Pawan Khera ) ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग में हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है... यह पारदर्शी है. लेकिन हम जानना चाहते हैं कि चीनी दूतावास 2016 से इंडिया फाउंडेशन और विवेकानंद फाउंडेशन को फंड क्यों दे रहा है और बीजेपी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ क्यों साझेदारी कर रही है.

उन्होंने कहा, 'दो फाउंडेशन एनएसए अजीत डोभाल के बेटे द्वारा चलाए जा रहे हैं.' संसद में अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में चीनी घुसपैठ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच झड़प के कुछ घंटों बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि आरजीएफ ने चीनी दूतावास से धन प्राप्त किया था.

शाह ने कहा कि 'अगर वे अनुमति देते तो मैं संसद में जवाब देता कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-2007 के दौरान चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान मिला, जो एफसीआरए के अनुसार उचित नहीं था. इसलिए नियमानुसार गृह मंत्रालय ने अपना रजिस्ट्रेशन रद्द किया था.'

भाजपा पर निशाना साधते हुए खेड़ा ने आरोप लगाया कि विभिन्न चीनी कंपनियों ने पीएम केयर फंड में पैसा दान किया था. एक चीनी कंपनी डोंग फेंग जिसे विश्व बैंक, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने ब्लैकलिस्ट किया गया था उसे केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का ठेका दिया गया था.

इसके अलावा, सरकार ने गुजरात के धोलेरा में एक चीनी कंपनी के साथ 43,000 करोड़ रुपये के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. खेड़ा ने पूछा कि ऐसे सभी अनुबंध चीनी फर्मों को क्यों आवंटित किए गए.'

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने चीन नीति को लेकर केंद्र की आलोचना की. गोगोई ने कहा 'पीएम मोदी ने 19 जून, 2020 को चीन को क्लीन चिट दी और देश को यह कहते हुए गुमराह किया कि पूर्वी लद्दाख एलएसी के उल्लंघन के दौरान किसी ने भी हमारी भूमि में प्रवेश नहीं किया. इसने चीनियों को और अधिक उत्तेजित कर दिया और अरुणाचल प्रदेश में ताजा घुसपैठ हुई. बीजेपी नेता तपीर गाओ अरुणाचल में चीनी घुसपैठ को उजागर कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया.'

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि चीन पीएम की कमजोरी का फायदा उठा रहा है. गोगोई ने कहा, 'जब पीएम ने 2020 में चीनियों को क्लीन चिट दी, तो वे समझ गए कि उन्हें केवल अपनी छवि की परवाह है इसलिए वे एलएसी का उल्लंघन करते रहते हैं. वे वहां सैन्य अभ्यास करने के लिए वहां 5जी नेटवर्क और सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं. हमें सतर्क रहना चाहिए और उनका मुकाबला करना चाहिए. सरकार को देश को बताना चाहिए कि वह हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए क्या करने की योजना बना रही है.'

रक्षामंत्री के बयान को बताया अधूरा : उन्होंने कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश की घुसपैठ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान अधूरा था इसलिए कांग्रेस संसद में चीन नीति पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रही थी और बहिर्गमन कर गई.'

गोगोई ने कहा कि 'हम ये सवाल इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि हमें देश की सुरक्षा की चिंता है. केंद्र चीन पर हमला करने के बजाय हम पर हमला करता है. गोगोई ने कहा कि 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नहीं होगा जब सरकार ने चीन को द्विपक्षीय व्यापार में लाभ की अनुमति दी है.'

खेड़ा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2019 में चुनावी उद्देश्यों के लिए यूसी वेब मोबाइल और शेयर आईटी जैसी चीनी कंपनियों से मदद ली थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चीन सीमा पर विभिन्न घुसपैठ से पता चलता है कि भारतीय विदेश नीति कहीं न कहीं विफल हो रही है.

गोगोई ने कहा कि 'हम नहीं जानते कि विदेश नीति कौन तय कर रहा है, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह या एनएसए अजीत डोभाल. वित्त मंत्री विदेश में कुछ कड़े बयान देते हैं और सोचते हैं कि काम हो गया.' गोगोई ने कहा कि पीएम अपने मंत्रियों के पीछे छिपते हैं और यह बताने के लिए बाहर नहीं आते हैं कि क्या हो रहा है.'

गोगोई ने कहा कि इसके विपरीत, हमने देखा है कि कैसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की दोनों नियमित रूप से चल रहे युद्ध के बारे में अपने नागरिकों को जानकारी देते हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश में नवीनतम चीनी घुसपैठ पर नेपाल, बांग्लादेश और भूटान जैसे दक्षिण एशियाई देशों की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि भारत के सहयोगी निंदा करने के बजाय संतुलनकारी कार्य कर रहे हैं. हमारी दक्षिण एशिया नीति क्या है? हम आसियान से कैसे संबंधित होना चाहते हैं, इसमें स्पष्टता की आवश्यकता है इसलिए हम संसद में विस्तृत चर्चा चाहते हैं.'

भाजपा ने अपने विधायकों का एक दल चीन भेजा था और उन्हें यह सुझाव भी दिया था कि दोनों को एक वैश्विक साझेदारी बनानी चाहिए क्योंकि वे अपने-अपने देशों की बड़ी पार्टियां हैं. खेड़ा ने पीएम केयर फंड को लेकर भी आरोप लगाया.

वहीं, गृह मंत्री ने नवीनतम चीनी घुसपैठ पर केंद्र का बचाव करते हुए कहा, 'मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं जब तक (नरेंद्र) मोदी सरकार सत्ता में है, कोई भी हमारी एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता है.'

वह 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ यांग्त्से नदी के पास पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 के बाद से सीमा विवाद के बीच हुई झड़पों का जिक्र कर रहे थे. गलवान में उस साल 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.

पढ़ें- तवांग झड़प पर बोले शाह, 'एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं'

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को राजीव गांधी फाउंडेशन का बचाव किया (Congress defends RGF), जिस पर विदेशी फंड प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कांग्रेस ने कहा कि एनजीओ फंडिंग पारदर्शी थी. वहीं, पीएम केयर्स और अन्य एनजीओ की फंडिंग और चीनी फर्मों को काम दिए जाने पर सवाल उठाए.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Congress media head Pawan Khera ) ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग में हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है... यह पारदर्शी है. लेकिन हम जानना चाहते हैं कि चीनी दूतावास 2016 से इंडिया फाउंडेशन और विवेकानंद फाउंडेशन को फंड क्यों दे रहा है और बीजेपी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ क्यों साझेदारी कर रही है.

उन्होंने कहा, 'दो फाउंडेशन एनएसए अजीत डोभाल के बेटे द्वारा चलाए जा रहे हैं.' संसद में अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में चीनी घुसपैठ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच झड़प के कुछ घंटों बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि आरजीएफ ने चीनी दूतावास से धन प्राप्त किया था.

शाह ने कहा कि 'अगर वे अनुमति देते तो मैं संसद में जवाब देता कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-2007 के दौरान चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान मिला, जो एफसीआरए के अनुसार उचित नहीं था. इसलिए नियमानुसार गृह मंत्रालय ने अपना रजिस्ट्रेशन रद्द किया था.'

भाजपा पर निशाना साधते हुए खेड़ा ने आरोप लगाया कि विभिन्न चीनी कंपनियों ने पीएम केयर फंड में पैसा दान किया था. एक चीनी कंपनी डोंग फेंग जिसे विश्व बैंक, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने ब्लैकलिस्ट किया गया था उसे केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का ठेका दिया गया था.

इसके अलावा, सरकार ने गुजरात के धोलेरा में एक चीनी कंपनी के साथ 43,000 करोड़ रुपये के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. खेड़ा ने पूछा कि ऐसे सभी अनुबंध चीनी फर्मों को क्यों आवंटित किए गए.'

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने चीन नीति को लेकर केंद्र की आलोचना की. गोगोई ने कहा 'पीएम मोदी ने 19 जून, 2020 को चीन को क्लीन चिट दी और देश को यह कहते हुए गुमराह किया कि पूर्वी लद्दाख एलएसी के उल्लंघन के दौरान किसी ने भी हमारी भूमि में प्रवेश नहीं किया. इसने चीनियों को और अधिक उत्तेजित कर दिया और अरुणाचल प्रदेश में ताजा घुसपैठ हुई. बीजेपी नेता तपीर गाओ अरुणाचल में चीनी घुसपैठ को उजागर कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया.'

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि चीन पीएम की कमजोरी का फायदा उठा रहा है. गोगोई ने कहा, 'जब पीएम ने 2020 में चीनियों को क्लीन चिट दी, तो वे समझ गए कि उन्हें केवल अपनी छवि की परवाह है इसलिए वे एलएसी का उल्लंघन करते रहते हैं. वे वहां सैन्य अभ्यास करने के लिए वहां 5जी नेटवर्क और सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं. हमें सतर्क रहना चाहिए और उनका मुकाबला करना चाहिए. सरकार को देश को बताना चाहिए कि वह हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए क्या करने की योजना बना रही है.'

रक्षामंत्री के बयान को बताया अधूरा : उन्होंने कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश की घुसपैठ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान अधूरा था इसलिए कांग्रेस संसद में चीन नीति पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रही थी और बहिर्गमन कर गई.'

गोगोई ने कहा कि 'हम ये सवाल इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि हमें देश की सुरक्षा की चिंता है. केंद्र चीन पर हमला करने के बजाय हम पर हमला करता है. गोगोई ने कहा कि 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नहीं होगा जब सरकार ने चीन को द्विपक्षीय व्यापार में लाभ की अनुमति दी है.'

खेड़ा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2019 में चुनावी उद्देश्यों के लिए यूसी वेब मोबाइल और शेयर आईटी जैसी चीनी कंपनियों से मदद ली थी. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चीन सीमा पर विभिन्न घुसपैठ से पता चलता है कि भारतीय विदेश नीति कहीं न कहीं विफल हो रही है.

गोगोई ने कहा कि 'हम नहीं जानते कि विदेश नीति कौन तय कर रहा है, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह या एनएसए अजीत डोभाल. वित्त मंत्री विदेश में कुछ कड़े बयान देते हैं और सोचते हैं कि काम हो गया.' गोगोई ने कहा कि पीएम अपने मंत्रियों के पीछे छिपते हैं और यह बताने के लिए बाहर नहीं आते हैं कि क्या हो रहा है.'

गोगोई ने कहा कि इसके विपरीत, हमने देखा है कि कैसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की दोनों नियमित रूप से चल रहे युद्ध के बारे में अपने नागरिकों को जानकारी देते हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश में नवीनतम चीनी घुसपैठ पर नेपाल, बांग्लादेश और भूटान जैसे दक्षिण एशियाई देशों की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि भारत के सहयोगी निंदा करने के बजाय संतुलनकारी कार्य कर रहे हैं. हमारी दक्षिण एशिया नीति क्या है? हम आसियान से कैसे संबंधित होना चाहते हैं, इसमें स्पष्टता की आवश्यकता है इसलिए हम संसद में विस्तृत चर्चा चाहते हैं.'

भाजपा ने अपने विधायकों का एक दल चीन भेजा था और उन्हें यह सुझाव भी दिया था कि दोनों को एक वैश्विक साझेदारी बनानी चाहिए क्योंकि वे अपने-अपने देशों की बड़ी पार्टियां हैं. खेड़ा ने पीएम केयर फंड को लेकर भी आरोप लगाया.

वहीं, गृह मंत्री ने नवीनतम चीनी घुसपैठ पर केंद्र का बचाव करते हुए कहा, 'मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं जब तक (नरेंद्र) मोदी सरकार सत्ता में है, कोई भी हमारी एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता है.'

वह 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ यांग्त्से नदी के पास पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 के बाद से सीमा विवाद के बीच हुई झड़पों का जिक्र कर रहे थे. गलवान में उस साल 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.

पढ़ें- तवांग झड़प पर बोले शाह, 'एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं'

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