बेंगलुरु : कर्नाटक के मैसूर में हिंदू मंदिर तोड़ने को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस मामले में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और पूर्व मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया ने भी भाजपा पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया. वहीं अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) इस मामले पर अपनी बात रखी है.
सीएम ने कहा है कि जिले में मंदिरों को गिराने से पहले लोगों को विश्वास में नहीं लेने के लिए मैसूर डीसी और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसका विवरण सदन के सत्र में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में मंदिरों को गिराने की जल्दबाजी में फैसला नहीं लेने का निर्देश जारी किया गया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विस्तृत अध्ययन और कैबिनेट बैठक में चर्चा के बाद स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मैसूरु के नंजनगुड स्थित मंदिर को तोड़ने की कार्रवाई की गई थी. इसको लेकर मैसूर-कोडागू से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा केवल हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने के लिए सरकार को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई गई थी. इसके अलावा विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने ट्विट कर नंजनगुड मंदिर तोड़े जाने को हिंदू भावनाओं के खिलाफ एक कार्य बताते हुए भाजपा सरकार की आलोचना की थी.
उन्होंने कहा था कि घटना की निंदा करते हुए कहा था कि संबंधित अधिकारियों ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया है. साथ ही सिद्धारमैया ने ट्वीट किया कि यदि विध्वंस आवश्यक समझा गया तो एक वैकल्पिक साइट प्रदान की जानी चाहिए थी.