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कोर्ट की सुनवाई में IPS अधिकारी पी रहे थे कोका कोला, जज ने सुनाई ऐसी सजा कि आ गया मजा

यह मामला गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) का है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने एक आईपीएस अधिकारी को कोकाकोला के 100 कैन बांटने की सजा सुनाई है. ऐसा इसलिए क्योंकि पुलिस अधिकारी महोदय हाईकोर्ट की वर्चुअल सुनवाई के दौरान कोका कोला पीते नजर आए. फिर क्या हाईकोर्ट ने सजा सुना दी और जब उनके वकील ने कहा कोक से कम नुकसान वाली चीज की सजा सुनाएं जो जज महोदय ने कोक की जगह अमूल जूस बांटने की सजा दे दी. आप भी जानें पूरा मामला.

Gujarat High Court
गुजरात हाईकोर्ट
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Published : Feb 16, 2022, 9:53 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 12:46 PM IST

गांधीनगर: गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारी को उपस्थित रहने का निर्देश दिया था. लेकिन जब पुलिस अधिकारी सुनवाई पर पहुंचे तो वह कोका-कोला पीते नजर आए. इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए बार एसोसिएशन में कोका-कोला के 100 कैन बांटने का आदेश दिया.

दरअसल सुनवाई बेंच में शामिल जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री ने पुलिस अधिकारी को मौजूद रहने का आदेश दिया था. मुकदमा शुरू होते ही पुलिस अधिकारी कोल्ड ड्रिंक पीते हुए देखा गया. वीडियो कांफ्रेंसिंग पर सुनवाई के दौरान पुलिसकर्मी कोका-कोला पीते नजर आए. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने पूछा यह पुलिस अधिकारी कौन है. पुलिस की ओर से अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता (एजीपी) डीएम देवनानी ने माफी मांगी. उन्होंने कहा कि मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं, मैं उसे अपना वीडियो बंद करने के लिए कहूंगा.

हालांकि चीफ जस्टिस ने अफसर को यूं ही जाने नहीं दिया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कैन से पता चलता है कि यह कोका-कोला है. क्या वह एक IPS अधिकारी है? क्या यह एक अधिकारी का काम है? अगर वह फिजिकल कोर्ट में होता तो क्या वह कोका-कोला ला सकता था? मुख्य न्यायाधीश कुमार ने तब एक वकील के बारे में एक घटना सुनाई, जो वर्चुअल कोर्ट के दौरान दौरान समोसा खाते हुए पाया गया था. उन्होंने कहा कि एक बार वकील हमारे सामने समोसा खा रहे थे. हमने कहा कि हमें उसके समोसे खाने से ऐतराज नहीं है लेकिन एक ही बात थी कि वह हमारे सामने समोसा नहीं खा सकते क्योंकि यह सभी को ललचाता है. या तो वे सभी को समोसा दें या फिर सुनवाई के दौरान समोसा न खाएं.

मुख्य न्यायाधीश ने अगप देवनानी से कहा कि वह अदालत के समक्ष पेश होने वाले संबंधित पुलिस अधिकारी को कोका-कोला पीते हुए बार एसोसिएशन में सभी को उसी के 100 डिब्बे वितरित करने का निर्देश दें. मुख्य न्यायाधीश ने गंभीर स्वर में कहा कि यदि अधिकारी ने बार एसोसिएशन में सभी को कोका-कोला के 100 डिब्बे वितरित नहीं किए तो हम मुख्य सचिव से अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए कहेंगे. हम उन्हें तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक वे इसका पालन नहीं करते. यह आज शाम तक पहुंच जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें- गुजरात हाईकोर्ट में लगी याचिका, 'मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर का शोर क्यों सुनें'

इस बीच वरिष्ठ अधिवक्ता भास्कर तन्ना ने कहा कि क्या यह कोका-कोला से कम हानिकारक होना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि शायद नींबू का रस या अमूल जूस. इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस अधिकारी को अमूल जूस उपलब्ध कराने के लिए कहा जाए. इसके बाद कोर्ट में सभी हंस पड़े. अदालत ने अगप देवनानी को संबंधित पुलिस अधिकारी से कैन का सेट मिलने के बाद अदालत को सूचित करने को कहा. इसके बाद कोर्ट ने अन्य मामलों की सुनवाई शुरू की गई.

गांधीनगर: गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारी को उपस्थित रहने का निर्देश दिया था. लेकिन जब पुलिस अधिकारी सुनवाई पर पहुंचे तो वह कोका-कोला पीते नजर आए. इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए बार एसोसिएशन में कोका-कोला के 100 कैन बांटने का आदेश दिया.

दरअसल सुनवाई बेंच में शामिल जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री ने पुलिस अधिकारी को मौजूद रहने का आदेश दिया था. मुकदमा शुरू होते ही पुलिस अधिकारी कोल्ड ड्रिंक पीते हुए देखा गया. वीडियो कांफ्रेंसिंग पर सुनवाई के दौरान पुलिसकर्मी कोका-कोला पीते नजर आए. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने पूछा यह पुलिस अधिकारी कौन है. पुलिस की ओर से अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता (एजीपी) डीएम देवनानी ने माफी मांगी. उन्होंने कहा कि मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं, मैं उसे अपना वीडियो बंद करने के लिए कहूंगा.

हालांकि चीफ जस्टिस ने अफसर को यूं ही जाने नहीं दिया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कैन से पता चलता है कि यह कोका-कोला है. क्या वह एक IPS अधिकारी है? क्या यह एक अधिकारी का काम है? अगर वह फिजिकल कोर्ट में होता तो क्या वह कोका-कोला ला सकता था? मुख्य न्यायाधीश कुमार ने तब एक वकील के बारे में एक घटना सुनाई, जो वर्चुअल कोर्ट के दौरान दौरान समोसा खाते हुए पाया गया था. उन्होंने कहा कि एक बार वकील हमारे सामने समोसा खा रहे थे. हमने कहा कि हमें उसके समोसे खाने से ऐतराज नहीं है लेकिन एक ही बात थी कि वह हमारे सामने समोसा नहीं खा सकते क्योंकि यह सभी को ललचाता है. या तो वे सभी को समोसा दें या फिर सुनवाई के दौरान समोसा न खाएं.

मुख्य न्यायाधीश ने अगप देवनानी से कहा कि वह अदालत के समक्ष पेश होने वाले संबंधित पुलिस अधिकारी को कोका-कोला पीते हुए बार एसोसिएशन में सभी को उसी के 100 डिब्बे वितरित करने का निर्देश दें. मुख्य न्यायाधीश ने गंभीर स्वर में कहा कि यदि अधिकारी ने बार एसोसिएशन में सभी को कोका-कोला के 100 डिब्बे वितरित नहीं किए तो हम मुख्य सचिव से अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए कहेंगे. हम उन्हें तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक वे इसका पालन नहीं करते. यह आज शाम तक पहुंच जाना चाहिए.

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इस बीच वरिष्ठ अधिवक्ता भास्कर तन्ना ने कहा कि क्या यह कोका-कोला से कम हानिकारक होना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि शायद नींबू का रस या अमूल जूस. इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस अधिकारी को अमूल जूस उपलब्ध कराने के लिए कहा जाए. इसके बाद कोर्ट में सभी हंस पड़े. अदालत ने अगप देवनानी को संबंधित पुलिस अधिकारी से कैन का सेट मिलने के बाद अदालत को सूचित करने को कहा. इसके बाद कोर्ट ने अन्य मामलों की सुनवाई शुरू की गई.

Last Updated : Feb 17, 2022, 12:46 PM IST
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