प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad) के अध्यक्ष महन्त नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) की मौत मामले में सीबीआई (CBI) की तरफ से सीजेएम कोर्ट (CJM Court) में चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है. सीबीआई की तरफ से दाखिल की गयी पहली चार्जशीट के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की थी. आनंद गिरी और आद्या प्रसाद तिवारी के साथ ही उसके बेटे संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया है.
सीबीआई की चार्जशीट में तीनों के खिलाफ साजिश रचने के साथ ही आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है. तीनों आरोपियों के खिलाफ 306 और 120बी के आरोपों के तहत मामला चलेगा. मामले की अगली सुनवाई 25 नवम्बर को होगी. सीबीआई की तरफ से सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गयी पहली चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि आनंद गिरी ने संदीप तिवारी और आद्या प्रसाद तिवारी के साथ मिलकर नरेंद्र गिरी को ब्लैकमेल किया कि उनको आत्महत्या करनी पड़ी.
सीबीआई की तरफ से दाखिल की गयी चार्जशीट में हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट भी लगायी गयी है, जिसके अनुसार यह बताया गया है कि नरेंद्र गिरी के कमरे से जो सुसाइड लेटर मिला था उसे किसी और ने नहीं बल्कि खुद नरेंद्र गिरी ने ही लिखा था. सुसाइड लेटर में जो लिखावट है उसे देखकर एक्सपर्ट ने भी यही माना है कि सुसाइड नोट की राइटिंग नरेंद्र गिरी के पुराने लिखे हुए दस्तावेजों से मिल रहे हैं, इसलिए सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने आंनद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी व संदीप तिवारी पर जो आरोप लगाए हैं उसके अनुसार इन्ही तीनों की वजह से ही नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की है. इसके साथ ही सुसाइड करने से पहले नरेंद्र गिरी द्वारा एक वीडियो बनाया गया था. उसमें भी इन्ही तीनों को आरोपी बनाए जाने की बात सीबीआई की चार्जशीट में कही गयी है.
सीबीआई की लंबी चौड़ी चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि आनंद गिरी का एक ऑडियो है, जिसमें उनके द्वारा महंत नरेंद्र गिरी को किसी वीडियो को वॉयरल करके बदनाम करने की बात कही गयी थी. हालांकि अभी आनंद गिरी का जो वॉइस सैम्पल लिया गया है उसकी जांच रिपोर्ट नहीं आयी है. इसी तरह के एक ऑडियो को महन्त नरेंद्र गिरी को किसी दूसरे महंत ने सुनाया था, जिसमें आनंद गिरी द्वारा उन्हें बदनाम करने की बात का जिक्र किया गया है.
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सीबीआई की तरफ से पहली चार्जशीट दाखिल करने के साथ ही यह भी जानकारी दी गयी कि मामले में अभी कुछ बिंदुओं और लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है. सीबीआई को कोई और साक्ष्य मिलते हैं तो सीबीआई इस मामले में अपनी तरफ से सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल कर सकती है.
सीबीआई की तरफ से दाखिल की गयी चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि महंत नरेंद्र गिरी ने सुसाइड से पहले ही अपने शिष्यों से यह पूछा था कि क्या कम्प्यूटर से दूसरे की वीडियो पर किसी और की तस्वीर लगाकर वीडियो फोटो बनायी जा सकती है, जिसका जवाब हां में सुनने के बाद से नरेन्द्र गिरी को अपनी आनंद गिरी की धमकियों से बदनाम होने का डर सताने लगा था.
यही नहीं मौत से करीब दस दिन पहले सल्फास की गोलियां खाने पर मौत होने की उम्मीद कितनी रहती है इस बारे में भी बातचीत किया था. उसी दौरान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी का बेटा संदीप भी उन तक आनंद गिरी की बातों और धमकियों को पहुंचाने का काम करता था.
वहीं, इस मामले में आनंद गिरी के अधिवक्ता विनीत विक्रम सिंह का आरोप है कि सीबीआई ने जल्दबाजी में चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई की चार्जशीट में उनके मुवक्किल के ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं, उन सभी आरोपों का सीबीआई के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है. सिर्फ आनंद गिरी को फंसाने के लिए सीबीआई ने सब कुछ कर दिया है. सीबीआई ने जल्दबाजी में चार्जशीट तैयार करके उसे दाखिल कर उनके मुवक्किल को आरोपी बना दिया है, जिसके खिलाफ वो कोर्ट में अपील करेंगे. इसके साथ ही आनंद गिरी की जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करेंगे.