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Lok Sabha Election 2024 : भाजपा और विपक्ष के साथ मायावती नहीं करेंगी गठबंधन, पार्टी को मजबूत करने की तैयारी

बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (BSP National President Mayawati) ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए यूपी स्टेट व उत्तराखंड स्टेट के बीएसपी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों और सभी जिला अध्यक्षों की एक विशेष बैठक की. इसमें उन्होंने कहा कि पार्टी गठबंधन नहीं करेगी. अकेले ही अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 1, 2023, 4:04 PM IST

Updated : Oct 1, 2023, 6:55 PM IST

मायावती ने बसपा के यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों संग की बैठक

लखनऊ: बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर धीरे-धीरे अपना रुख साफ कर रही हैं. मायावती ने रविवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में मायावती ने क्या कुछ कहा इसकी औपचारिक जानकारी तो मीडिया को अब तक नहीं दी गई है. लेकिन, सूत्रों के हवाले से जो बातें सामने आ रही हैं, उसमें यही कहा जा रहा है कि पदाधिकारी को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह किसी गठबंधन की उम्मीद न करें. आगामी चुनाव को मायावती और बसपा विपक्ष के इंडिया एलाइंस और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का सहयोग लिए बिना ही लड़ेगी. मायावती की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन करके बसपा को उतना लाभ नहीं हुआ, जितने की उम्मीद की जा रही थी. इसलिए अब चुनाव में मायावती बिना गठबंधन के उतरेंगी.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद मायावती ने रविवार को यूपी स्टेट व उत्तराखंड स्टेट के बीएसपी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा सभी जिला अध्यक्षों की एक विशेष बैठक को सम्बोधित किया. इसमें खासकर आगामी लोकसभा आम चुनाव 2024 की जमीनी तैयारियों की समीक्षा की गई. इस सम्बन्ध में जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए. मीटिंग को लेकर बसपा से जुड़े सूत्र ने बताया कि मायावती का इस बैठक में सीधा निर्देश था कि ना ही एनडीए और ना ही इंडिया किसी गठबंधन के साथ हम नहीं जा रहे. अकेले अपने दम पर काडर वोट को साथ लेते हुए बहुजन समाज पार्टी मैदान में उतरेगी. इसके अलावा कांशीराम की ओर से जो मिशन शुरू किया गया था, उस पर पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को साथ जोड़ते हुए पार्टी आगे बढ़ेगी.

सूत्रों का कहना है कि पार्टी के सांसद दानिश अली को हाल ही में भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी ने जिस तरह से सदन में अपशब्द बोले उसको बसपा फील्ड में जाकर खास तौर पर मुस्लिम वोटरों के बीच में एक मुद्दा बनाएगी. ताकि, चुनाव के दौरान उसको इसका अधिक लाभ मिल सके.

फेक न्यूज से बचें बसपा नेता

फेक न्यूज के खिलाफ प्रचार और प्रसार का उल्लेख मायावती ने किया. बीएसपी विरोधी तत्व राजनीतिक साजिश के तहत बीच-बीच में इस प्रकार का दुष्प्रचार करते रहने से अभी भी रुक नहीं रहे हैं, इसीलिए सावधानी बरतना हर स्तर पर बहुत जरूरी है.

'आरक्षण निष्प्रभावी करने का हो रहा प्रयास'

बहुसंख्यक एससी, एसटी और ओबीसी समाज के लोगों को सदियों से सामाजिक एवं आर्थिक शोषण, अन्याय मुक्ति और उनकी समानता आदि के लिए आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की गई है. लेकिन, इसको भी निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने का प्रयास हर स्तर पर लगातार जारी है. इसके विरुद्ध संघर्ष जारी रखना जरूरी है.

'अंधाधुंध बुलडोजर चलना गलत'

बैठक में गंभीर हालातों का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि जिस प्रकार से एक व्यक्ति की केस में दोष सिद्धि से पहले ही अंधाधुंध बुलडोजर चलाकर उसके पूरे परिवार को दंडित किया जा रहा है, उसी प्रकार किसी व्यक्ति को उसकी सजा घोषित होने से पहले ही उसके शिक्षण संस्थाओं तथा अब अस्पतालों तक को बंद किया जा रहा है. यह घोर जनविरोधी कदम है. इससे आम जनहित प्रभावित हो रहा है और लोगों की परेशानी बहुत बढ़ रही है. सरकार की ऐसी कार्रवाई जनता की नजर में द्वेषपूर्ण और पूरी तरह से गैर जरूरी है.

यह भी पढ़ें: एससी एसटी ओबीसी वर्ग की महिलाओं का कोटा अलग से सुरक्षित करे सरकार : मायावती

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: फूलपुर सीट से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की मांग, कांग्रेस नेताओं ने जारी किया पोस्टर

मायावती ने बसपा के यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों संग की बैठक

लखनऊ: बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर धीरे-धीरे अपना रुख साफ कर रही हैं. मायावती ने रविवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में मायावती ने क्या कुछ कहा इसकी औपचारिक जानकारी तो मीडिया को अब तक नहीं दी गई है. लेकिन, सूत्रों के हवाले से जो बातें सामने आ रही हैं, उसमें यही कहा जा रहा है कि पदाधिकारी को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह किसी गठबंधन की उम्मीद न करें. आगामी चुनाव को मायावती और बसपा विपक्ष के इंडिया एलाइंस और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का सहयोग लिए बिना ही लड़ेगी. मायावती की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन करके बसपा को उतना लाभ नहीं हुआ, जितने की उम्मीद की जा रही थी. इसलिए अब चुनाव में मायावती बिना गठबंधन के उतरेंगी.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद मायावती ने रविवार को यूपी स्टेट व उत्तराखंड स्टेट के बीएसपी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा सभी जिला अध्यक्षों की एक विशेष बैठक को सम्बोधित किया. इसमें खासकर आगामी लोकसभा आम चुनाव 2024 की जमीनी तैयारियों की समीक्षा की गई. इस सम्बन्ध में जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए. मीटिंग को लेकर बसपा से जुड़े सूत्र ने बताया कि मायावती का इस बैठक में सीधा निर्देश था कि ना ही एनडीए और ना ही इंडिया किसी गठबंधन के साथ हम नहीं जा रहे. अकेले अपने दम पर काडर वोट को साथ लेते हुए बहुजन समाज पार्टी मैदान में उतरेगी. इसके अलावा कांशीराम की ओर से जो मिशन शुरू किया गया था, उस पर पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को साथ जोड़ते हुए पार्टी आगे बढ़ेगी.

सूत्रों का कहना है कि पार्टी के सांसद दानिश अली को हाल ही में भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी ने जिस तरह से सदन में अपशब्द बोले उसको बसपा फील्ड में जाकर खास तौर पर मुस्लिम वोटरों के बीच में एक मुद्दा बनाएगी. ताकि, चुनाव के दौरान उसको इसका अधिक लाभ मिल सके.

फेक न्यूज से बचें बसपा नेता

फेक न्यूज के खिलाफ प्रचार और प्रसार का उल्लेख मायावती ने किया. बीएसपी विरोधी तत्व राजनीतिक साजिश के तहत बीच-बीच में इस प्रकार का दुष्प्रचार करते रहने से अभी भी रुक नहीं रहे हैं, इसीलिए सावधानी बरतना हर स्तर पर बहुत जरूरी है.

'आरक्षण निष्प्रभावी करने का हो रहा प्रयास'

बहुसंख्यक एससी, एसटी और ओबीसी समाज के लोगों को सदियों से सामाजिक एवं आर्थिक शोषण, अन्याय मुक्ति और उनकी समानता आदि के लिए आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की गई है. लेकिन, इसको भी निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने का प्रयास हर स्तर पर लगातार जारी है. इसके विरुद्ध संघर्ष जारी रखना जरूरी है.

'अंधाधुंध बुलडोजर चलना गलत'

बैठक में गंभीर हालातों का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि जिस प्रकार से एक व्यक्ति की केस में दोष सिद्धि से पहले ही अंधाधुंध बुलडोजर चलाकर उसके पूरे परिवार को दंडित किया जा रहा है, उसी प्रकार किसी व्यक्ति को उसकी सजा घोषित होने से पहले ही उसके शिक्षण संस्थाओं तथा अब अस्पतालों तक को बंद किया जा रहा है. यह घोर जनविरोधी कदम है. इससे आम जनहित प्रभावित हो रहा है और लोगों की परेशानी बहुत बढ़ रही है. सरकार की ऐसी कार्रवाई जनता की नजर में द्वेषपूर्ण और पूरी तरह से गैर जरूरी है.

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Last Updated : Oct 1, 2023, 6:55 PM IST
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