चंडीगढ़: पंजाब में सीमावर्ती इलाकों में लगातार हो रहे खनन से सुरक्षा एजेंसियां भी चिंतित हैं. सीमावर्ती इलाके में दिन-रात खनन चल रहा है. जिसमें हजारों की संख्या में मजदूर काम करते हैं. लेकिन इन कर्मियों का किसी तरह का सत्यापन नहीं होने से सुरक्षा एजेंसियां भी चिंतित हैं. क्योंकि ड्रोन के जरिए सीमावर्ती इलाकों में लंबे समय से ड्रग्स और हथियार दोनों आ रहे हैं. सीमावर्ती इलाकों में खनन का मामला 2012 से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहा है. इस मामले में शामिल भारत सरकार के वकील अरुण गोसाई हैं. इस मामले में याचिकाकर्ता ने खनन के लिए आवंटित क्षेत्र को पारदर्शी तरीके से आवंटित करने की याचिका दायर की है. जिसमें अब बीएसएफ ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. बीएसएफ ने सीमावर्ती इलाकों में हो रहे खनन पर चिंता जताई है और यह भी कहा है कि इन इलाकों में 24 घंटे खनन किया जा रहा है.
मामले में शामिल भारत सरकार के वकील अरुण गोसाई का कहना है कि बीएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बड़े पैमाने पर खनन हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पठानकोट और गुरदासपुर में बिना पुलिस वेरिफिकेशन के खनन में लगे सैकड़ों मजदूरों की मौजूदगी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. बड़े पैमाने पर खनन के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कुछ जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. ड्रोन के जरिए सीमा पार हथियारों और नशीले पदार्थों की लगातार तस्करी की जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि खनन स्थलों पर हथियार और नशीले पदार्थ फेंके जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, बीएसएफ ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है कि यह खनन वैध है या अवैध.
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अदालत इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार द्वारा दिए गए जवाब से सहमत नहीं थी. पंजाब सरकार ने रिपोर्ट में कहा है कि अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट ने पंजाब सरकार से केवल यह बताने को कहा कि अवैध खनन बंद हुआ है या नहीं. बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि पंजाब राज्य ने भी अवैध खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक हलफनामा दायर किया था, लेकिन इसमें पठानकोट या गुरदासपुर जिलों के बारे में विशेष उल्लेख या विवरण नहीं था. यह भी नहीं बताया गया था कि क्या उन क्षेत्रों में अवैध खनन को रोका गया था. हलफनामे में कहा गया है कि 1 जनवरी से 26 जुलाई तक 958 व्यक्तियों के खिलाफ 603 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जबकि 690 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 663 को निचली अदालतों ने जमानत पर रिहा कर दिया था. इस अवधि के दौरान पुलिस द्वारा जब्त किए गए 777 वाहनों में से 536 वाहनों को निचली अदालतों ने रिहा कर दिया.
इस संबंध में पंजाब सरकार अब 29 अगस्त को हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी. भारतीय सेना और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भी इस मामले में अपना जवाब दाखिल करना होगा. बेंच ने कहा कि इस मुद्दे पर सेना, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, साथ ही साथ राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और जल संसाधन विभाग, नदी विकास और विभाग से अन्य रिपोर्टों का इंतजार है. उस क्षेत्र में पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट भी अदालत में प्रस्तुत करने के लिए तैयार की जानी थी. यह मामला गुरबीर सिंह पन्नू द्वारा 2012 में दायर एक याचिका पर उच्च न्ययालय में पहुंचा है. वह अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से नीलामी की मांग कर रहे थे.
पंजाब पुलिस, बीएसएफ ने सीमावर्ती जिलों में चलाया जांच एवं तलाशी अभियान : पंजाब पुलिस ने सीमा पार से मादक पदार्थ एवं हथियारों को लाने वाले ड्रोनों के विरूद्ध चौकसी बढ़ाते हुए सात सीमावर्ती जिलों में बीती रात दस घंटे तक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ मिलकर तलाशी अभियान चलाया. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) नरेश अरोड़ा ने कहा कि करीब 100 नाका लगाए गए तथा आईजी और डीआईजी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में लगभग 2,500 पुलिस कर्मियों ने तलाशी अभियान में हिस्सा लिया. यह अभियान ऐसे समय चलाया गया है, जब पंजाब में ड्रोनों एवं अन्य तरीकों से भारी मात्रा में हेरोइन, हथियार एवं गोलाबारूद के खेप पहुंचाये जा रहे हैं. पंजाब और पाकिस्तान के बीच 553 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है.
शुक्रवार को जारी किये गये आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य सीमावर्ती क्षेत्रों में मादक पदार्थ, हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और हथगोले लाने वाले ड्रोन पर नजर रखना था. उसमें कहा गया है कि यह इस बात के संकेत हैं कि राष्ट्रविरोधी तत्व सीमावर्ती राज्य में शांति एवं सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की बड़ी चेष्टा कर रहे हैं. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने यहां कहा कि पठानकोट, गुरदासपुर, बटाला, अमृतसर, तरण तारण, फिरोजपुर और फाजिल्का में यह अभियान चलाया गया.
उन्होंने पंजाब पुलिस एवं बीएसएफ के बीच पूर्ण समन्वय एवं टीमवर्क का आह्वान करते हुए कहा कि यही समय है कि दोनों शीर्ष बल सीमापार से इस नये खतरे का मुकाबला करने के लिए एक टीम की भांति मिलकर काम करें. यादव ने कहा कि इस अभियान में सीमावर्ती जिलों में करीब 100 स्थानों पर पूरी रात नाका लगाना तथा उसके बाद संदिग्ध मकानों एवं गांवों की विशेष तलाशी एवं घेराबंदी शामिल था. उन्होंने कहा कि इस अभियान में सात जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों ने अधिकतम संख्या में पुलिसकर्मियों को लगाया. बीएसएफ पर पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी देश की सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है.