नई दिल्ली : कोलकाता नगर निकाय चुनाव (Kolkata Municipal Elections ) को लेकर भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा (Bjp Moves supreme court) खटखटाया है. बीजेपी ने कोर्ट का रुख कर पश्चिम बंगाल राज्य को एक कार्य योजना बनाने और पर्याप्त केंद्रीय पुलिस बल तैनात करने का निर्देश देने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोलकाता में स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से नगर पालिका चुनाव हों. भाजपा ने आरोप लगाया कि उसे धमकियां मिल रही हैं, सदस्यों को पीटा जा रहा है और उम्मीदवारों को चुनाव से हटाने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
भाजपा की ओर से वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी (Senior Advocate Meneka Guruswamy) ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले की जांच करेगी.
अदालत ने कहा कि ये सभी चुनावी मामले हैं, जहां जमीन पर लड़ाई लड़ी जानी है.
भाजपा ने अदालत से कहा कि उसके 5 उम्मीदवारों को टीएमसी के गुंडों ने धमकी दी है और उन्होंने इस संबंध में एक शिकायत भी दर्ज कराई है. भाजपा ने कहा कि उसने केंद्रीय पुलिस बलों की तैनाती के संबंध में भी राज्य को कई अभ्यावेदन दिए हैं, क्योंकि उन्हें धमकी दी जा रही है जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक चुनाव कराने के संवैधानिक जनादेश पर उल्लंघन करते हैं.
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याचिका में उम्मीदवारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पश्चिम बंगाल को निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि वे उम्मीदवार के रूप में चुनाव में भाग ले सकें और प्रचार कर सकें. याचिका में टीएमसी सदस्यों के खिलाफ उसके द्वारा दर्ज की गई शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की भी मांग की है.
इसी तरह का मामला तृणमूल कांग्रेस ने भी त्रिपुरा नगर निगम चुनाव के लिए दायर किया था. इसने भाजपा सदस्यों पर हमले और अपने उम्मीदवारों को वापस लेने की धमकी देने का आरोप लगाया था. अदालत ने उम्मीदवारों को बल और सुरक्षा तैनात करने के निर्देश दिए थे. यह मामला जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के समक्ष लंबित है.