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बंगाल को गरीब कल्याण रोजगार अभियान में शामिल नहीं करने पर टीएमसी ने पीएम पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और वरिष्ठ तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर बंगाल के मजदूरों की अनदेखी का आरोप लगाया है और उनसे बंगाल के प्रवासी मजदूरों को 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में शामिल नहीं करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है.

ममता और मोदी
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Published : Jun 22, 2020, 11:26 PM IST

कोलकाता : केंद्र पर पश्चिम बंगाल के गरीबों की दयनीय दशा के प्रति उदासीन रहने का एक बार फिर आरोप लगाते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने से संबद्ध 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में राज्य को शामिल नहीं करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा.

हालांकि भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य को इसलिए इस अभियान से बाहर रखा गया क्योंकि अतीत में तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र की दो बड़ी योजनाएं- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत नहीं अपनायी थी.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और वरिष्ठ तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, 'श्री नरेंद्र मोदी जी, आपने बंगाल के 11 लाख प्रवासी श्रमिकों की चिंताओं की जानबूझकर अनदेखी क्यों की है जो हाल ही में अपने घर लौटै हैं. पश्चिम बंगाल को गरीब कल्याण रोजगार अभियान बाहर क्यों रख दिया गया? बंगाल के लोगों के प्रति ऐसी उदासीनता क्यों?'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 50,000 करोड़ रूपये की लागत से शनिवार को रोजगार यह योजना शुरू की थी जो कोरोना वाायरस लॉकडाउन के चलते अपने गृहराज्य लौटे हैं.

यह योजना बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के 116 जिलों में 125 दिनों में मिशन के तौर पर लागू की जाएगी। इन राज्यों में सर्वाधिक प्रवासी श्रमिक लौटै है.

अभिषेक बनर्जी के सुर में मिलाते हुए तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, 'भाजपा को केवल वोट जीतने में रुचि है। उसे आम लोगों के विकास की कोई परवाह नहीं है. इसलिए बंगाल को इस योजना से बाहर रखा गया है. पिछले कुछ सप्ताह से वे यहां के प्रवासियों के लिए घडि़याली आंसू बहा रहे थे लेकिन अब वे बेनकाब हो गये हैं.'

लोकसभा में कांग्रेस के नेता रंजन चौधरी ने हाल ही में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे पश्चिम बंगाल को गरीब कल्याण रोजगार अभियान में शामिल करने का अनुरोध किया और कहा कि राज्य देश के अन्य हिस्सों में काम के लिए बड़ी संख्या में श्रमिक भेजता है.

पढ़ें - मिजोरम : लगातार दूसरे दिन भूकंप, पीएम-गृहमंत्री ने दिया मदद का आश्वासन

उन्होंने कहा, 'मैं यह देखकर स्तब्ध हूं कि बंगाल को इस योजना में लाभार्थी नहीं बनाया गया है. यह सही नहीं जान पड़ता है. बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को वंचित नहीं रखा जाना चाहिए.'

हालांकि भाजपा सचिव राहुल सिन्हा ने कहा, 'ऐसे कई मौके आए जब राज्य सरकार ने केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत , लागू नहीं होने दी.उस राज्य को कोई योजना देने का तुक नहीं है जो निहित राजनीतिक हितों के चलते उसे लागू करने को इच्छुक न हो.'

कोलकाता : केंद्र पर पश्चिम बंगाल के गरीबों की दयनीय दशा के प्रति उदासीन रहने का एक बार फिर आरोप लगाते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने से संबद्ध 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में राज्य को शामिल नहीं करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा.

हालांकि भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य को इसलिए इस अभियान से बाहर रखा गया क्योंकि अतीत में तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र की दो बड़ी योजनाएं- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत नहीं अपनायी थी.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और वरिष्ठ तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, 'श्री नरेंद्र मोदी जी, आपने बंगाल के 11 लाख प्रवासी श्रमिकों की चिंताओं की जानबूझकर अनदेखी क्यों की है जो हाल ही में अपने घर लौटै हैं. पश्चिम बंगाल को गरीब कल्याण रोजगार अभियान बाहर क्यों रख दिया गया? बंगाल के लोगों के प्रति ऐसी उदासीनता क्यों?'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 50,000 करोड़ रूपये की लागत से शनिवार को रोजगार यह योजना शुरू की थी जो कोरोना वाायरस लॉकडाउन के चलते अपने गृहराज्य लौटे हैं.

यह योजना बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के 116 जिलों में 125 दिनों में मिशन के तौर पर लागू की जाएगी। इन राज्यों में सर्वाधिक प्रवासी श्रमिक लौटै है.

अभिषेक बनर्जी के सुर में मिलाते हुए तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, 'भाजपा को केवल वोट जीतने में रुचि है। उसे आम लोगों के विकास की कोई परवाह नहीं है. इसलिए बंगाल को इस योजना से बाहर रखा गया है. पिछले कुछ सप्ताह से वे यहां के प्रवासियों के लिए घडि़याली आंसू बहा रहे थे लेकिन अब वे बेनकाब हो गये हैं.'

लोकसभा में कांग्रेस के नेता रंजन चौधरी ने हाल ही में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे पश्चिम बंगाल को गरीब कल्याण रोजगार अभियान में शामिल करने का अनुरोध किया और कहा कि राज्य देश के अन्य हिस्सों में काम के लिए बड़ी संख्या में श्रमिक भेजता है.

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उन्होंने कहा, 'मैं यह देखकर स्तब्ध हूं कि बंगाल को इस योजना में लाभार्थी नहीं बनाया गया है. यह सही नहीं जान पड़ता है. बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को वंचित नहीं रखा जाना चाहिए.'

हालांकि भाजपा सचिव राहुल सिन्हा ने कहा, 'ऐसे कई मौके आए जब राज्य सरकार ने केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत , लागू नहीं होने दी.उस राज्य को कोई योजना देने का तुक नहीं है जो निहित राजनीतिक हितों के चलते उसे लागू करने को इच्छुक न हो.'

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