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राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में क्लैट-2020 के तहत ही होंगे नामांकन : सुप्रीम कोर्ट

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Published : Sep 21, 2020, 11:48 AM IST

Updated : Sep 21, 2020, 4:54 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने एनएलएसआईयू, बेंगलुरु की उसके एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अधिसूचना रद्द कर दी है. शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में दाखिला क्लैट-2020 के तहत ही लिया जाए.

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सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि बेंगलुरु के नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) की प्रवेश परीक्षा रद्द की जाती है. सुप्रीम कोर्ट में एनएलएसयूआई द्वारा एनएलएटी (NLAT) के आयोजन के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. न्यायमूर्ति अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की खंडपीठ ने कहा एनएलएसआईयू की अधिसूचना को रद्द करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में क्लैट की बजाय किसी दूसरी परीक्षा के माध्यम से नामांकन नहीं होंगे.

इससे पहले अदालत ने एनएलएसआईयू को एनएलएटी आयोजित करने की अनुमति दे थी, क्योंकि परीक्षा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी. हालांकि, अदालत ने मामले के लंबित रहने तक परीक्षा परिणाम घोषित करने पर रोक लगाई थी. इसके बाद शीर्ष अदालत ने एनएलएटी परीक्षा की संवैधानिकता पर सुनवाई के बाद विगत 17 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

आज शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि क्लैट की परीक्षा पूर्व निर्धारित तारीख- 28 सितंबर को ही आयोजित की जाए. कोर्ट ने कहा कि एनएलएसयूआई बिना किसी बाधा के परीक्षा आयोजित कर जल्द से जल्द परिणाम घोषित करे, जिससे प्रवेश की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके.

पढ़ें : आईआईएमसी 2020 की परीक्षा तिथि घोषित

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इस वर्ष क्लैट (CLAT) की परीक्षा टाल दी गई थी. इसके बाद बेंगलुरु स्थित एनएलएसआईयू में क्लैट की बजाय एनएलएटी परीक्षा आयोजित कराई गई.

बता दें कि एनएलएसआईयू में एनएलएटी परीक्षा परीक्षा पहले ही आयोजित की जा चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के बाद प्रवेश CLAT के माध्यम से ही दिए जाएंगे.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि बेंगलुरु के नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) की प्रवेश परीक्षा रद्द की जाती है. सुप्रीम कोर्ट में एनएलएसयूआई द्वारा एनएलएटी (NLAT) के आयोजन के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. न्यायमूर्ति अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की खंडपीठ ने कहा एनएलएसआईयू की अधिसूचना को रद्द करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में क्लैट की बजाय किसी दूसरी परीक्षा के माध्यम से नामांकन नहीं होंगे.

इससे पहले अदालत ने एनएलएसआईयू को एनएलएटी आयोजित करने की अनुमति दे थी, क्योंकि परीक्षा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी. हालांकि, अदालत ने मामले के लंबित रहने तक परीक्षा परिणाम घोषित करने पर रोक लगाई थी. इसके बाद शीर्ष अदालत ने एनएलएटी परीक्षा की संवैधानिकता पर सुनवाई के बाद विगत 17 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

आज शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि क्लैट की परीक्षा पूर्व निर्धारित तारीख- 28 सितंबर को ही आयोजित की जाए. कोर्ट ने कहा कि एनएलएसयूआई बिना किसी बाधा के परीक्षा आयोजित कर जल्द से जल्द परिणाम घोषित करे, जिससे प्रवेश की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके.

पढ़ें : आईआईएमसी 2020 की परीक्षा तिथि घोषित

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इस वर्ष क्लैट (CLAT) की परीक्षा टाल दी गई थी. इसके बाद बेंगलुरु स्थित एनएलएसआईयू में क्लैट की बजाय एनएलएटी परीक्षा आयोजित कराई गई.

बता दें कि एनएलएसआईयू में एनएलएटी परीक्षा परीक्षा पहले ही आयोजित की जा चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के बाद प्रवेश CLAT के माध्यम से ही दिए जाएंगे.

Last Updated : Sep 21, 2020, 4:54 PM IST
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