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घर में खुशियां लेकर आया कोरोना, जानें क्या है पूरा मामला - कोरोना महामारी

कोरोना महामारी के कारण एक ओर जहां लोग संघर्ष कर रहे हैं, तो दूसरी ओर झारखंड के धनबाद से सुखद घटना सामने आई है. दरअसल, धनबाद के एक शख्स को कोरोना के डर ने 20 साल बाद परिवार से मिला दिया. बता दें कि घरेलू विवाद के कारण साल 2000 में वह अपने घर से भागकर झरिया आ गया था. पढ़े पूरी खबर..

खुशियां लेकर आया कोरोना
खुशियां लेकर आया कोरोना
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Published : Aug 11, 2020, 9:04 PM IST

धनबाद: एक शख्स पिछले 20 सालों से झरिया के लिलोरी पथरा में रह रहा था. पिछले एक सप्ताह से उसकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब चल थी. बीमार होने के कारण बुखार खांसी सर्दी हो गई थी. जिसके कारण वह घर में ही पड़ा रहता था. कोरोना महामारी के लक्षण बुखार, खांसी और सर्दी होने के कारण पड़ोसियों को भय सताने लगा.

पड़ोसियों ने उनके परिजनों और गांव के बारे में पूछने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने नहीं बताया. जिसके बाद लोगों ने मामले की सूचना झरिया पुलिस को दे दी. पुलिस ने पहुंचकर उनसे पूछताछ की. पहले तो उसने टालमटोल किया, लेकिन पुलिस जब सख्त हुई तो यह शख्स टूट गया.

20 साल बाद मुलाकात

उसने पुलिस को बताया कि घरेलू विवाद के कारण साल 2000 में वह अपने घर से भागकर झरिया आ गया था. यहां वह नाम बदलकर सत्यनारायण यादव के नाम से रह था. उसने बताया कि वह कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया थाना क्षत्र के बेलगढ़ का रहनेवाला है. असल में उसका नाम गजाधर सोनार है.

देखें पूरी खबर.

2000 में वह किराए के मकान में रहने लगा और एक वजन मापी मशीन खरीद ली, जिससे उसका जीवन यापन चलता था. पुलिस की सूचना पर उसकी पत्नी अनिता देवी और बेटा चंदेश्वर सोनार कोडरमा से झरिया पहुंचे.

पति को इतने दिन बाद इस अवस्था में देखकर पत्नी रोने लगी. पत्नी अनिता देवी ने बताया कि पति के गायब होने की सूचना हमने कोडरमा थाना को दी थी, इसके साथ ही अपने स्तर से भी काफी खोजबीन की, लेकिन कोशिश नाकाम रही. पत्नी और बेटा अब उन्हें घर ले जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- रूस ने बनाई कोरोना की वैक्सीन, पुतिन की बेटी को लगा पहला टीका

इधर, जो काम पुलिस 20 सालों में न कर सकी, वह कोरोना संक्रमण के भय ने कुछ घंटों में कर दिया. कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशान है, लेकिन यही परेशानी और भय इस परिवार के लिए सार्थक साबित हुआ.

धनबाद: एक शख्स पिछले 20 सालों से झरिया के लिलोरी पथरा में रह रहा था. पिछले एक सप्ताह से उसकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब चल थी. बीमार होने के कारण बुखार खांसी सर्दी हो गई थी. जिसके कारण वह घर में ही पड़ा रहता था. कोरोना महामारी के लक्षण बुखार, खांसी और सर्दी होने के कारण पड़ोसियों को भय सताने लगा.

पड़ोसियों ने उनके परिजनों और गांव के बारे में पूछने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने नहीं बताया. जिसके बाद लोगों ने मामले की सूचना झरिया पुलिस को दे दी. पुलिस ने पहुंचकर उनसे पूछताछ की. पहले तो उसने टालमटोल किया, लेकिन पुलिस जब सख्त हुई तो यह शख्स टूट गया.

20 साल बाद मुलाकात

उसने पुलिस को बताया कि घरेलू विवाद के कारण साल 2000 में वह अपने घर से भागकर झरिया आ गया था. यहां वह नाम बदलकर सत्यनारायण यादव के नाम से रह था. उसने बताया कि वह कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया थाना क्षत्र के बेलगढ़ का रहनेवाला है. असल में उसका नाम गजाधर सोनार है.

देखें पूरी खबर.

2000 में वह किराए के मकान में रहने लगा और एक वजन मापी मशीन खरीद ली, जिससे उसका जीवन यापन चलता था. पुलिस की सूचना पर उसकी पत्नी अनिता देवी और बेटा चंदेश्वर सोनार कोडरमा से झरिया पहुंचे.

पति को इतने दिन बाद इस अवस्था में देखकर पत्नी रोने लगी. पत्नी अनिता देवी ने बताया कि पति के गायब होने की सूचना हमने कोडरमा थाना को दी थी, इसके साथ ही अपने स्तर से भी काफी खोजबीन की, लेकिन कोशिश नाकाम रही. पत्नी और बेटा अब उन्हें घर ले जा रहे हैं.

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इधर, जो काम पुलिस 20 सालों में न कर सकी, वह कोरोना संक्रमण के भय ने कुछ घंटों में कर दिया. कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशान है, लेकिन यही परेशानी और भय इस परिवार के लिए सार्थक साबित हुआ.

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