पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पंजाब के संगरूर में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन कृषि कानूनों से 'किसानों और मजदूरों को वैसे ही खत्म' कर रहे हैं, जैसे उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से छोटे दुकानदारों को बर्बाद कर दिया था.
राहुल ने दावा किया कि पिछले छह वर्षों के दौरान नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार की कोई भी नीति गरीबों, किसानों या मजदूरों के कल्याण के लिए नहीं थी. उन्होंने कहा, 'सभी नीतियां उनके तीन-चार चुनिंदा दोस्तों के लिए बनायी गई हैं.'
राहुल गांधी ने अनाज की खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, 'इस प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है और अधिक संख्या में मंडियों को स्थापित करने की आवश्यकता है. एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी देने की, किसानों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराने, भंडार गृह स्थापित करने की आवश्यकता है.'
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'नरेंद्र मोदी व्यवस्था को मजबूत नहीं कर रहे हैं... अगर मोदी बेहतर पीडीएस देते हैं और एमएसपी की गारंटी देते हैं, ज्यादा मंडियां देते हैं तो अंबानी और अडानी पैसा नहीं बना सकते.'
उन्होंने दावा किया कि नए कृषि कानून न केवल किसानों और मजदूरों के बल्कि पूरे देश के खिलाफ हैं और देश की आजादी को छीनने वाले हैं.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'जिस प्रकार उन्होंने (मोदी) जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और नोटबंदी से छोटे दुकानदारों और छोटे व मंझोले व्यवसायों को समाप्त कर दिया, उसी प्रकार वह किसानों और श्रमिकों को खत्म कर रहे हैं तथा इन तीन कानूनों से आपका गला काटा जा रहा है.'
उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार से सवाल किया कि इस महामारी के समय भी कानून लाने की क्या जल्दी थी. राहुल गांधी ने दावा किया कि इसका कारण यह है कि प्रधानमंत्री को लगता है कि अगर कोरोना वायरस के दौरान किसानों और मजदूरों को निशाना बनाया गया तो वह अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाएंगे.
राहुल केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में राज्य भर में खेती बचाओ यात्रा नाम से ट्रैक्टर रैलियों की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहे हैं.