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हिमाचल प्रदेश : गर्भवती स्टाफ नर्स को इमरजेंसी ड्यूटी पर किया तैनात - महामारी एडवाइजरी का उल्लंघन

हिमाचल प्रदेश के बीबीएमबी अस्पताल प्रबंधन की ओर से अन्य स्टाफ मौजूद होने के बावजूद भी एक पांच महीने की गर्भवती नर्स को इमरजेंसी सेवा में तैनात किया गया. हैरानी की बात यह है कि स्टाफ नर्स का अभी तक कोरोना सैंपल भी नहीं लिया गया है.

ड्यूटी पर तैनात गर्भवती स्टाफ नर्स
ड्यूटी पर तैनात गर्भवती स्टाफ नर्स
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Published : Sep 27, 2020, 8:21 PM IST

शिमला : मंडी जिला में केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का उल्लंघन किए जाने का मामले सामना आया है. सुंदरनगर के बीबीएमबी अस्पताल में चार कोरोना पॉजिटिव मामले आने के बाद एहतियात तौर पर 47 कर्मचारियों के कोविड-19 सैंपल लिए गए. बीबीएमबी अस्पताल को तीन दिनों के लिए बंद करने के बाद इमरजेंसी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.

बीबीएमबी अस्पताल प्रबंधन ने महामारी एडवाइजरी का उल्लंघन करते हुए अन्य स्टाफ मौजूद होने के बावजूद भी एक पांच महीने की गर्भवती नर्स मालती चंदेल को इमरजेंसी सेवा में तैनात कर दिया.

गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक होने के बावजूद मालती का अभी तक कोरोना सैंपल भी नहीं लिया गया है. मालती अपनी ड्यूटी तो बखूबी निभा रही हैं, लेकिन उन्हें कोरोना संक्रमण को लेकर अपने स्वास्थ्य के लिए खतरा बरकरार है.

अस्पताल की लापरवाही.

बीबीएमबी अस्पताल सुंदरनगर में तैनात मालती चंदेल ने कहा कि अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मामले आने के बाद इसे सील कर दिया गया. अस्पताल सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं के लिए खुला है और ऑनकॉल डॉक्टर को बुलाया जाता है. उन्होंने कहा कि अभी तक उनका कोरोना सैंपल नहीं लिया गया है. पांच महीने की गर्भवती होने के बाद भी वे ड्यूटी दे रही हैं.

वहीं, इस मामले में प्रिसिंपल मेडिकल ऑफिसर बीबीएमबी डॉ. देशराज शर्मा ने कहा कि अस्पताल में कोरोना मामले आने पर ओपीडी को 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया था. अस्पताल को सैनिटाइज किया गया है.

उन्होंने कहा कि महिला स्टाफ नर्स इमरजेंसी ड्यूटी दे रही हैं और गर्भवती स्टाफ नर्स की कोविड को लेकर ड्यूटी नहीं लगाई गई है. उन्होंने कहा कि सोमवार से अस्पताल की सामान्य ओपीडी को खोल दिया जाएगा.

पढ़ें- राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक को मंजूरी दी

शिमला : मंडी जिला में केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का उल्लंघन किए जाने का मामले सामना आया है. सुंदरनगर के बीबीएमबी अस्पताल में चार कोरोना पॉजिटिव मामले आने के बाद एहतियात तौर पर 47 कर्मचारियों के कोविड-19 सैंपल लिए गए. बीबीएमबी अस्पताल को तीन दिनों के लिए बंद करने के बाद इमरजेंसी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.

बीबीएमबी अस्पताल प्रबंधन ने महामारी एडवाइजरी का उल्लंघन करते हुए अन्य स्टाफ मौजूद होने के बावजूद भी एक पांच महीने की गर्भवती नर्स मालती चंदेल को इमरजेंसी सेवा में तैनात कर दिया.

गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक होने के बावजूद मालती का अभी तक कोरोना सैंपल भी नहीं लिया गया है. मालती अपनी ड्यूटी तो बखूबी निभा रही हैं, लेकिन उन्हें कोरोना संक्रमण को लेकर अपने स्वास्थ्य के लिए खतरा बरकरार है.

अस्पताल की लापरवाही.

बीबीएमबी अस्पताल सुंदरनगर में तैनात मालती चंदेल ने कहा कि अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मामले आने के बाद इसे सील कर दिया गया. अस्पताल सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं के लिए खुला है और ऑनकॉल डॉक्टर को बुलाया जाता है. उन्होंने कहा कि अभी तक उनका कोरोना सैंपल नहीं लिया गया है. पांच महीने की गर्भवती होने के बाद भी वे ड्यूटी दे रही हैं.

वहीं, इस मामले में प्रिसिंपल मेडिकल ऑफिसर बीबीएमबी डॉ. देशराज शर्मा ने कहा कि अस्पताल में कोरोना मामले आने पर ओपीडी को 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया था. अस्पताल को सैनिटाइज किया गया है.

उन्होंने कहा कि महिला स्टाफ नर्स इमरजेंसी ड्यूटी दे रही हैं और गर्भवती स्टाफ नर्स की कोविड को लेकर ड्यूटी नहीं लगाई गई है. उन्होंने कहा कि सोमवार से अस्पताल की सामान्य ओपीडी को खोल दिया जाएगा.

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