जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक साल पूरा होने पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.फारूक अब्दुल्ला ने आगे की रणनीति तय करने के लिए बुधवार पांच अगस्त को अपने निवास पर बैठक बुलाई थी.पीडीपी ने पांच अगस्त को काला दिवस मनाने और रैलियों के आयोजन का एलान किया था. केंद्र सरकार की ओर से पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने से पूर्व चार अगस्त 2019 की शाम को भी फारूक के घर पर एक सर्वदलीय बैठक हुई थी. बैठक में पीडीपी, कांग्रेस, पीपुल्स कांफ्रेंस, माकपा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट व जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के नेताओं को बुलाया गया था लेकिन पुलिस के तरफ से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर गई थी जिस कारण बैठक को मंजूरी नहीं मिली. कश्मीर पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों ने 5 अगस्त से पहले राजनीतिक नेताओं के आवासों के आसपास तैनाती को मजबूत कर दिया है.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने को एक साल, जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू हटाया गया - फारूक अब्दुल्ला ने आज बैठक बुलाई
13:25 August 05
फारूक अब्दुल्ला को नहीं मिली बैठक करने की मंजूरी
11:29 August 05
live:जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू हटाया गया,पुलिस बड़ी संख्या में तैनात
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के एक साल पूरे हो गए हैं. एक बड़े बदलाव के बाद सरकार तेजी से विकास के मोर्चे पर फोकस करके लोगों का दिल जीतने में जुटी. वहीं पांच अगस्त को अलगाववादियों के काला दिवस के रूप में मनाने की योजना एवं पाकिस्तान प्रायोजित संगठनों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किए जाने की आशंका के मद्देनजर यह कर्फ्यू लगाया गया. हालांकि आज (5 अगस्त) स्थिति सामान्य है. लेकिन जम्मू-कश्मीर के गुर्जरनगर में पुलिस बड़ी संख्या में तैनात हैं.
06:29 August 05
live:जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के एक साल पूरे
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने को एक साल पूरा हो गया है. इसको देखते हुए घाटी में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं. हालांकि कर्फ्यू हटा लिया गया है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने को एक साल पूरा होने से पहले मंगलवार को पूरे घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया था. पांच अगस्त को अलगाववादियों के काला दिवस के रूप में मनाने की योजना एवं पाकिस्तान प्रायोजित संगठनों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किए जाने की आशंका के मद्देनजर यह कर्फ्यू लगाया गया. हालांकि आज (5 अगस्त) स्थिति सामान्य है. लेकिन हालात के मद्देनजर घाटी में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई है.
बता दें कि इससे पूर्व कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर अधिकारियों ने बताया था कि घाटी में पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है ताकि सुनिश्चित हो सके कि शांति भंग करने की अलगाववादियों की मंशा कामयाब न हो.
उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर से लैस पुलिस वाहनों ने इलाकों में जाकर दो दिन के लिए सख्त कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा की थी.पुलिस ने कहा,लोगों से कानून का उल्लंघन नहीं करने और घरों के भीतर रहने का आग्रह किया गया है.श्रीनगर शहर समेत कश्मीर के सैकड़ों स्थानों पर अवरोधक लगाए गए हैं ताकि आवश्यक एवं आपात सेवाओं की आवाजाही को नियमित किया जा सके जबकि कोन्सर्टिना तारें भी बिछाई गई हैं.
अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की थी कि जान-माल को खतरे में डाले जाने वाले हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में कर्फ्यू लगाया जाएगा क्योंकि अलगाववादी और पाकिस्तान प्रायोजित संगठन पांच अगस्त को “काला दिवस” मनाने की योजना बना रहे हैं.
श्रीनगर जिला मजिस्ट्रेट शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि कोई भी जन जुटाव कोविड की रोकथाम संबंधी प्रयासों को भी नुकसान पहुंचाएगा. चौधरी ने कहा कि मामलों में हालिया वृद्धि को देखते हुए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों की आवाजाही और एकत्र होने पर भी प्रतिबंध होगा.
आदेश में कहा गया, उक्त रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों पर विचार करने और मौजूदा कारकों की पृष्ठभूमि में स्थिति का आकलन करने के बाद में जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप जिला श्रीनगर के सीमाई अधिकार क्षेत्र में लोगों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध या कर्फ्यू का आदेश देता हूं.
हालांकि, चिकित्सीय आपदा और वैध पास या कार्ड वाले कोविड-19 ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ को प्रतिबंधों से छूट होगी.
13:25 August 05
फारूक अब्दुल्ला को नहीं मिली बैठक करने की मंजूरी
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक साल पूरा होने पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.फारूक अब्दुल्ला ने आगे की रणनीति तय करने के लिए बुधवार पांच अगस्त को अपने निवास पर बैठक बुलाई थी.पीडीपी ने पांच अगस्त को काला दिवस मनाने और रैलियों के आयोजन का एलान किया था. केंद्र सरकार की ओर से पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने से पूर्व चार अगस्त 2019 की शाम को भी फारूक के घर पर एक सर्वदलीय बैठक हुई थी. बैठक में पीडीपी, कांग्रेस, पीपुल्स कांफ्रेंस, माकपा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट व जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के नेताओं को बुलाया गया था लेकिन पुलिस के तरफ से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर गई थी जिस कारण बैठक को मंजूरी नहीं मिली. कश्मीर पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों ने 5 अगस्त से पहले राजनीतिक नेताओं के आवासों के आसपास तैनाती को मजबूत कर दिया है.
11:29 August 05
live:जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू हटाया गया,पुलिस बड़ी संख्या में तैनात
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के एक साल पूरे हो गए हैं. एक बड़े बदलाव के बाद सरकार तेजी से विकास के मोर्चे पर फोकस करके लोगों का दिल जीतने में जुटी. वहीं पांच अगस्त को अलगाववादियों के काला दिवस के रूप में मनाने की योजना एवं पाकिस्तान प्रायोजित संगठनों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किए जाने की आशंका के मद्देनजर यह कर्फ्यू लगाया गया. हालांकि आज (5 अगस्त) स्थिति सामान्य है. लेकिन जम्मू-कश्मीर के गुर्जरनगर में पुलिस बड़ी संख्या में तैनात हैं.
06:29 August 05
live:जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के एक साल पूरे
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने को एक साल पूरा हो गया है. इसको देखते हुए घाटी में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं. हालांकि कर्फ्यू हटा लिया गया है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने को एक साल पूरा होने से पहले मंगलवार को पूरे घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया था. पांच अगस्त को अलगाववादियों के काला दिवस के रूप में मनाने की योजना एवं पाकिस्तान प्रायोजित संगठनों द्वारा हिंसक प्रदर्शन किए जाने की आशंका के मद्देनजर यह कर्फ्यू लगाया गया. हालांकि आज (5 अगस्त) स्थिति सामान्य है. लेकिन हालात के मद्देनजर घाटी में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई है.
बता दें कि इससे पूर्व कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर अधिकारियों ने बताया था कि घाटी में पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है ताकि सुनिश्चित हो सके कि शांति भंग करने की अलगाववादियों की मंशा कामयाब न हो.
उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर से लैस पुलिस वाहनों ने इलाकों में जाकर दो दिन के लिए सख्त कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा की थी.पुलिस ने कहा,लोगों से कानून का उल्लंघन नहीं करने और घरों के भीतर रहने का आग्रह किया गया है.श्रीनगर शहर समेत कश्मीर के सैकड़ों स्थानों पर अवरोधक लगाए गए हैं ताकि आवश्यक एवं आपात सेवाओं की आवाजाही को नियमित किया जा सके जबकि कोन्सर्टिना तारें भी बिछाई गई हैं.
अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की थी कि जान-माल को खतरे में डाले जाने वाले हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में कर्फ्यू लगाया जाएगा क्योंकि अलगाववादी और पाकिस्तान प्रायोजित संगठन पांच अगस्त को “काला दिवस” मनाने की योजना बना रहे हैं.
श्रीनगर जिला मजिस्ट्रेट शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि कोई भी जन जुटाव कोविड की रोकथाम संबंधी प्रयासों को भी नुकसान पहुंचाएगा. चौधरी ने कहा कि मामलों में हालिया वृद्धि को देखते हुए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों की आवाजाही और एकत्र होने पर भी प्रतिबंध होगा.
आदेश में कहा गया, उक्त रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों पर विचार करने और मौजूदा कारकों की पृष्ठभूमि में स्थिति का आकलन करने के बाद में जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप जिला श्रीनगर के सीमाई अधिकार क्षेत्र में लोगों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध या कर्फ्यू का आदेश देता हूं.
हालांकि, चिकित्सीय आपदा और वैध पास या कार्ड वाले कोविड-19 ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ को प्रतिबंधों से छूट होगी.