पटना: आखिरकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार में हुई मौत पर अपनी चुप्पी तोड़ी. विधानसभा में उन्होंने कहा कि मुझे इसका अफसोस है. लेकिन हमारा उद्देश्य सिर्फ अफसोस जाहिर करना ही नहीं है, बल्कि समाधान निकालना भी है.
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने एक्यूट इंसेफ्लाइलटिस सिंड्रोम के कारणों का पता लगाने के लिए हमने अमेरिका तक से संपर्क किया. लेकिन उनकी रिपोर्ट और यहां की रिपोर्ट में कई अंतरविरोध पाए गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 में हमारी सरकार ने एम्स पटना में इसको लेकर बैठक की थी. बहुत सारे विशेषज्ञ आए थे. उन्होंने अपनी-अपनी राय दी थी. लेकिन सबने एक जैसी राय नहीं दी. इसके बाद हमने अमेरिकी विशेषज्ञों की राय जाननी चाही.
पढ़ें: 17 OBC जातियां SC में, मायावती बोलीं- यह धोखा है
इससे पहले विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने चमकी बुखार से जुड़े कुछ तथ्य रखे. उन्होंने कहा कि अब तक 153 बच्चों की मौत हो चुकी है. उनके अनुसार 28 जून तक कुल 720 बच्चों को दाखिला करवाया गया. 586 बच्चे ठीक हो गए. 2011-19 के आंकड़ों के मुताबिक मरने वाले बच्चों की संख्या में पहले के मुकाबले कमी आई है.