हैदराबाद : तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद के मानसून सत्र में सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उनका वक्तव्य काफी चर्चा में रहा है. महुआ मोइत्रा ने विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार राज्यों को जीएसटी का बकाया देने की अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती. उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स कोष में चीनी कंपनियों ने अनुदान दिया, जबकि ये कंपनियां भारत के प्रमुख लोगों की जासूसी करा रही हैं.
दरअसल, महुआ ने 19 सितंबर को हुई लोक सभा की बैठक में अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा, उन्होंने ऋण और अन्य विधि से जुड़े विधेयकों का विरोध करते हुए कहा था कि यह विधेयक राज्यों के लिए परेशानी खड़ी करने वाला है.
महुआ ने कहा था कि जीएसटी के तहत राज्यों को दिए गए अधिकारों को यह कमजोर करता है. इससे राज्यों के लिए उपलब्ध संसाधनों के लिए बनाए गए कानूनी प्रावधान भी कमजोर होते हैं. उन्होंने कहा था कि विधेयकों से पीएम केयर्स फंड भी प्रभावित होता है. बकौल महुआ, इन विधेयकों में ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि केंद्र की ओर से राज्यों को मिलने वाले पैसों के संदर्भ में पीएम केयर्स का दायित्व नहीं बनता.
राजस्व विभाग द्वारा 17 अप्रैल, 2020 को जारी किए गए सर्कुलर का जिक्र करते हुए महुआ ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों और नौकरशाहों के बीच भय का माहौल है. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को मार्च, 2021 तक एक दिन का वेतन दान करने को कहा था.'
झूठ बोलना बंद करे सरकार
बकौल महुआ, सरकार ने कहा था कि अगर कोई अपने वेतन का दान नहीं करना चाहता, उसे यह बात लिखित रूप में बतानी होगी. इससे कर्मचारियों के बीच भय का माहौल बना है. उन्होंने सवाल किया कि भय के माहौल में कौन ऐसा नौकरशाह या कर्मचारी होगा जो इस बात का लिखित प्रमाण देगा कि वह अपने वेतन का दान नहीं करना चाहता. उन्होंने कहा कि सरकार को विकास दल, प्रवासी मजदूरों के कल्याण से जुड़े आंकड़े व खर्च के ब्योरे के संबंध में झूठ बोलना बंद करना चाहिए. महुआ ने कहा था कि पीएम केयर्स के रूप में एक हास्यास्पद भ्रांति खड़ी की गई है.
20 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता का जिक्र करते हुए महुआ ने कहा था कि इस राशि में पहले से खर्च किए जा चुके पैसे भी शामिल हैं. सरकार को इसका प्रचार करना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस आर्थिक मदद में लोन के रूप में दिए जाने वाले पैसे भी शामिल हैं, जो कभी दिए ही नहीं जाएंगे.
वैनिटी प्रोजेक्ट्स पर न करें खर्च
राज्यों को मिलने वाले पैसे का जिक्र करते हुए महुआ ने कहा था कि केंद्र सरकार राज्यों को ठगना बंद करे. उन्हें दिए जाने वाले पैसे के लिए संवैधानिक प्रावधान बनाए गए हैं. उन्होंने कहा था कि ऐसे समय में वैनिटी प्रोजेक्ट्स पर पैसों का खर्च बंद करें, जब राज्य सरकारें फंड की कमी का सामना कर रही हैं.
अंग्रेज लेखक हैंस क्रिश्चियन एंडरसन (Hans Christian Andersen) की 'दी एंपेरर्स न्यू क्लोथ्स' (The Emperor's New Clothes) शीर्षक वाली कहानी का जिक्र करते हुए महुआ ने कहा था कि आज का भारत उन्हें इसकी याद दिलाता है. उन्होंने कहा था कि इस कहानी में शासक के चापलूस प्रहरी उसके सामने सच नहीं बोलते कि वह नंगा है.
मेरा सवाल- राजा आपके कपड़े कहां हैं ?
बंगाली भाषा के कवि नीरेंद्रनाथ चक्रवर्ती की कविता- 'उलंगा राजा' का जिक्र करते हुए महुआ ने कहा था कि पूरे साम्राज्य में एक ही बच्चा होता है जो हिम्मत दिखाते हुए नंगे शासक से यह पूछता है कि राजा आपके कपड़े कहां हैं ? अपनी बात खत्म करते हुए महुआ ने कहा, 'आज मैं भी वही सवाल पूछना चाहती हूं, राजा आपके कपड़े कहां हैं ?'
सांसद परिचय
बता दें कि महुआ पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोक सभा सीट से 17वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुई हैं. महुआ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जुड़ी स्थायी संसदीय समिति की सदस्य हैं. इसके अलावा वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की परामर्श समिति में भी शामिल हैं.
किस विधेयक पर चर्चा के दौरान रखी अपनी बात
गौरतलब है कि लोक सभा में 19 सितंबर को कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कर अदा करने की समय-सीमा बढ़ाने, पीएम केयर्स फंड के लिए कर रियायत देने का प्रस्ताव किया गया है.
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विधेयक में करदाताओं के लिये विभिन्न प्रकार के अनुपालन राहत का प्रस्ताव किया गया है जिसमें रिटर्न जमा करने की समय अवधि बढाने, आधार को पैन से जोड़ने जैसे विषय शामिल हैं. इससे संबंधित कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) अध्यादेश 2020 मार्च में लागू किया गया था.