हैदराबाद : लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए भीषण विस्फोट में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई और करीब 4,000 लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा भी इतिहास में कई ऐसे विस्फोट हुए हैं, जिनमें जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ा है. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ घटनाओं के बारे में...
दुनिया में सबसे बड़ा गैर परमाणु विस्फोट
लेबनान त्रासदी :
लेबनान की राजधानी बेरूत में हुआ धमाका दुनिया में सबसे बड़ा गैर परमाणु विस्फोट बताया जा रहा है, जिसने बेरूत को हिला कर रख दिया. इस विस्फोट में कम से कम 100 लोग मारे गए और 4,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
धमाके की वजह
- राष्ट्रपति मिशेल ओउन ने कहा कि छह साल के लिए 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट को एक गोदाम में बिना उचित प्रबंधन के रखा गया था.
- अमोनियम नाइट्रेट को कथित तौर पर 2013 में बंदरगाह पर लगाए गए जहाज से उतारा गया था और फिर वहां एक गोदाम में संग्रहित करके रख दिया गया था.
- अधिकारियों ने कहा कि विस्फोट के लिए सटीक ट्रिगर खोजने के लिए एक जांच चल रही थी.
अमोनियम नाइट्रेट क्या है?
अमोनियम नाइट्रेट के कई अलग-अलग उपयोग हैं, लेकिन कृषि उर्वरकों और विस्फोटक के रूप में बहुतायत इसका उपयोग होता है.
आग के संपर्क में आने पर यह अत्यधिक विस्फोटक होता है और विस्फोट होने पर यह अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया सहित अन्य विषाक्त गैसों को छोड़ सकता है.
ज्वलनशील होने के कारण अमोनियम नाइट्रेट को सुरक्षित रूप से संग्रहित किए जाने पर सख्त नियम हैं.
- भण्डारण स्थल फायर प्रूफ होना चाहिए.
- इसमें कोई भी ड्रेन, पाइप या कोई अन्य ऐसा चैनल नहीं होना चाहिए, जो विस्फोट का खतरा पैदा करे.
दुनिया में सबसे बड़े गैर परमाणु विस्फोट
टेक्सास सिटी त्रासदी
साल 1947 में टेक्सास सिटी में कार्गो जहाज एसएस ग्रांडकैंप पर आग लग गई थी. तब 2,300 टन अमोनियम नाइट्रेट की वजह से यह आग लगी. विस्फोट इतना भयानक था कि आकाश में उड़ रहे दो विमान भी इसकी चपेट में आ गए. इतना ही नहीं, इससे आस-पास की रिफाइनरियों में भी विस्फोट हो गया और एक मालवाहक जहाज, जिसमें 1000 टन अमोनियम नाइट्रेट था, इसकी चपेट में आ गया, जिससे विस्फोट को और हवा मिल गई.
इस त्रासदी ने लगभग 600 लोगों की जान ले ली, जबकि इसमें 3,500 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
हैलिफैक्स धमाका
छह दिसंबर 1917 की सुबह कनाडा के हैलिफैक्स बंदरगाह में यह घटना हुई थी. यह समुद्री आपदा तब हुई, जब प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस का मालवाहक जहाज अत्यधिक विस्फोटक माल ले जाते हुए बेल्जियम के एक पोत से टकरा गया था. मालवाहक जहाज में भीषण विस्फोट हो गया था, जो इससे पहले किसी भी मानव निर्मित विस्फोट से भयावह था. इस आपदा का शिकार लगभग 11,000 लोग हुए थे, जिनमें से 2,000 लोगों की मौत हो गई और 9,000 लोग घायल हुए थे.
चेरनोबिल
साल 1986 में यूक्रेन में चेरनोबिल न्यूक्लियर प्लांट में जबरदस्त धमाका हुआ, तब यह सोवियत रूस का हिस्सा था. यह परमाणु संयंत्र प्रिप्यत शहर के पास बनाया गया था. यह इतिहास की सबसे भयाकन परमाणु त्रासदी थी. इस विस्फोट में न्यूक्लियर रिएक्टर का 2,000 टन का ढक्कन उड़ा दिया था. यह हिरोशिमा बम की तुलना में 400 गुना अधिक रेडियोधर्मी था. इसका असर यूरोप के 77,000 वर्ग मील से अधिक क्षेत्र पर महसूस किया गया था. मोटे तौर पर 600,000 लोग उच्च विकिरण के संपर्क में थे, और दूषित क्षेत्र से 350,000 से अधिक लोगों को बाहर निकालना पड़ा था.
सैन जुआनिको आपदा, 19 नवंबर 1984
इतिहास में सबसे घातक औद्योगिक आपदाओं में से एक मेक्सिको के सैन जुआनिको के पेट्रोएलोस मैक्सिकनोस के तरल पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) डिपो में विस्फोटों की एक श्रृंखला थी, जिसने सब कुछ नष्ट कर दिया था. इस घटना ने पूरे शहर को तबाह कर दिया. घटना में 500 से अधिक लोग मारे गए, और हजारों गंभीर रूप से झुलस गए.
पेपकॉन (PEPCON) आपदा
चार मई, 1988 को, अमेरिका में नेवादा के हेंडरसन में पैसिफिक इंजीनियरिंग एंड प्रोडक्शन कंपनी (PEPCON) के रासायनिक संयंत्र में कई विस्फोट हुए. जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी, जबकि 372 लोग घायल हुए थे और अनुमानित तौर पर 100 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.
हर्टफोर्डशायर ऑयल स्टोरेज टर्मिनल फायर (11 दिसंबर, 2005)
ब्रिटेन की राजधानी लंदन के बन्सफील्ड में स्थित एक तेल उत्पाद डिपो में सिलसिलेवार धमाके हुए थे. यह देश का पांचवां सबसे बड़ा भंडारण डिपो था, जिसमें लगभग 60 मिलियन इंपीरियल गैलन ईंधन की क्षमता थी. इस विस्फोट की आवाजें नीदरलैंड्स और फ्रांस तक सुनाई दी थीं. हालांकि, इस विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था. इसने 20 बड़े भंडारण टैंकों को प्रभावित किया था.
कैरानो तेल रिफाइनरी विस्फोट 2005
प्यूर्टो रिको के बायामॉन में स्थित कैरिबियन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन तेल रिफाइनरी और डिपो में एक बड़ा गैसोलीन टैंक विस्फोट हुआ था. धमाके को 50 मील दूर से देखा और सुना गया था. धमाके से 30,000 फीट ऊंचा धुंए का गुब्बार बन गया था. इस विस्फोट की वजह से शहर में चारों ओर 3.0 की तीव्रता का भूकंप भी आया.