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भारत और नेपाल के बीच 17 अगस्त को उच्च स्तरीय बैठक

नेपाल के दैनिक पत्रिका काठमांडू पोस्ट ने बताया कि भारत और नेपाल 17 अगस्त को उच्चस्तरीय बैठक करने वाले हैं.इस बैठक को दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद के कारण उपजे गतिरोध को कम करने की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है.

उच्च स्तरीय बैठक
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Published : Aug 11, 2020, 11:01 PM IST

काठमांडू : नेपाल के दैनिक पत्रिका काठमांडू पोस्ट ने बताया कि भारत और नेपाल 17 अगस्त को उच्चस्तरीय बैठक करने वाले हैं.द काठमांडू पोस्ट ने कहा नेपाल-भारत के बीच होने वाली इस बैठक को दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद के कारण उपजे गतिरोध को कम करने की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है.

बता दें कि नेपाल ने हाल ही में एक संवैधानिक संशोधन के माध्यम से देश के राजनीतिक मानचित्र को फिर से तैयार करने की प्रक्रिया को पूरा किया, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्र शामिल हैं, जो भारत का हिस्सा है.

भारत ने नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों को मनगढ़ंत और झूठा करार दिया था.

पढ़ें - नक्शा विवाद के बीच भारत ने नेपाल को दिए दस वेंटिलेटर

इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 8 मई को उत्तराखंड के धारचूला के साथ लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक सड़क का उद्घाटन किया. इसके बाद भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंध लगातार बिगड़ते गए.

नेपाल ने सड़क के उद्घाटन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि यह नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरती है. हालांकि भारत ने नेपाल के इस दावे को खारिज कर दिया कि सड़क पूरी तरह से उसके क्षेत्र में है.

काठमांडू : नेपाल के दैनिक पत्रिका काठमांडू पोस्ट ने बताया कि भारत और नेपाल 17 अगस्त को उच्चस्तरीय बैठक करने वाले हैं.द काठमांडू पोस्ट ने कहा नेपाल-भारत के बीच होने वाली इस बैठक को दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद के कारण उपजे गतिरोध को कम करने की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है.

बता दें कि नेपाल ने हाल ही में एक संवैधानिक संशोधन के माध्यम से देश के राजनीतिक मानचित्र को फिर से तैयार करने की प्रक्रिया को पूरा किया, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्र शामिल हैं, जो भारत का हिस्सा है.

भारत ने नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों को मनगढ़ंत और झूठा करार दिया था.

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इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 8 मई को उत्तराखंड के धारचूला के साथ लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक सड़क का उद्घाटन किया. इसके बाद भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंध लगातार बिगड़ते गए.

नेपाल ने सड़क के उद्घाटन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि यह नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरती है. हालांकि भारत ने नेपाल के इस दावे को खारिज कर दिया कि सड़क पूरी तरह से उसके क्षेत्र में है.

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