नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना कल अंबाला में वायुसेना स्टेशन पर औपचारिक रूप से राफेल विमान को शामिल करेगी. विमान 17 स्क्वाड्रन, 'गोल्डन एरो' का हिस्सा होगा. बता दें कि 27 जुलाई को फ्रांस से वायुसेना स्टेशन पर पहले पांच भारतीय वायुसेना के राफेल विमान पहुंचे. कार्यक्रम में फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी पहुंचेंगी.
भारत द्वारा फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के लगभग चार साल बाद पांच राफेल जेट का पहला बैच 29 जुलाई को भारत आया था.
फ्रांसिसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित जेट विमानों को भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाना बाकी है.
सभी 36 विमानों की डिलीवरी 2021 के अंत तक पूरी होने वाली है.
चार से पांच राफेल जेट के दूसरे बैच के नवंबर तक भारत पहुंचने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि फ्रांस से भारत द्वारा 36 राफेल जेट के एक और बैच की संभावित खरीद पर प्रारंभिक चर्चा सिंह और पार्ली के बीच हो सकती है.
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वायु-श्रेष्ठता और सटीक हमलों के लिए जाना जाने वाला राफेल भारत का पहला बड़ा लड़ाकू विमान है. राफेल जेट कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
36 राफेल जेट में से 30 फाइटर जेट होंगे और छह ट्रेनर होंगे. ट्रेनर जेट ट्विन-सीटर होंगे और उनमें फाइटर जेट्स की लगभग सभी विशेषताएं होंगी.
राफेल जेट का पहला स्क्वाड्रन अंबाला हवाई अड्डे पर तैनात किया जाएगा, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर तैनात होगा.