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श्रीलंकाई नौसेना ने 13 भारतीय मछुआरों को पकड़ा, गोलीबारी में दो घायल, भारत ने कड़ा रुख अपनाया - FIRING ON INDIAN FISHERMEN

श्रीलंकाई नौसेना की तरफ से भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी करने और उन्हें गिरफ्तार करने की घटना पर भारत सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 28, 2025, 6:04 PM IST

चेन्नई/ नई दिल्ली: श्रीलंकाई नौसेना ने एक बार फिर तमिलनाडु के 13 मछुआरों को गिरफ्तार किया है और उनपर श्रीलंका के समुद्री जल क्षेत्र में अवैध रूप से घुसने का आरोप लगाया है. इस दौरान श्रीलंकाई नौसेना की गोलीबारी में दो भारतीय मछुआरे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें जाफना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

भारत सरकार ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा मछुआरों पर गोलीबारी की घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया और इस घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया.

मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा कि डेल्फ्ट द्वीप के पास भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उन पर गोलीबारी की सूचना मिली है. 13 मछुआरों में से दो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनका इलाज जाफना टीचिंग अस्पताल में चल रहा है. तीन अन्य मछुआरों को मामूली चोटें आईं. जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने घायल मछुआरों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. साथ ही मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को मंगलवार सुबह मंत्रालय में तलब किया गया और इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया. कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने भी इस मामले को श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है. बयान में आगे कहा गया कि भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से जुड़े मुद्दों को मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिसमें आजीविका संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखा गया है. किसी भी हालत में बल का प्रयोग अस्वीकार्य है. इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट के मुताबिक 27 जनवरी की रात करीब 10 बजे कराईकल के 20 से अधिक मछुआरे एक मोटरबोट में मछली पकड़ रहे थे. श्रीलंकाई नौसेना की दो गश्ती नौकाओं ने भारतीय मछुआरों को घेर लिया. हालांकि, कुछ मछुवारे भागने में सफल रहे, लेकिन श्रीलंकाई नौसेना ने एक मोटरबोट को पकड़ लिया, जिसमें 13 मछुआरे सवार थे.

श्रीलंकाई नौसेना ने बोट में सवार सभी मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उनकी मोटरबोट भी जब्त कर ली गई है. बाद में मछुआरों को श्रीलंकाई तटरक्षक शिविर में ले जाया गया.

श्रीलंकाई नौसेना ने दावा किया है कि मछुआरे मुलातिवु जल क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे जो श्रीलंका की समुद्री सीमा में है. जब मछुआरे पकड़ने जाने की डर की वजह से भागने लगे, तो उन पर गोली चलाई गई.

बताया गया है कि गोलीबारी में दो मछुआरे गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल मछुआरों को जाफना टीचिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.

मछुआरों के परिजनों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस बीच, मछुआरों पर गोली चलाने और उन्हें गिरफ्तार करने की घटना को लेकर तमिलनाडु में मछुआरों के परिजनों ने विरोध दर्ज कराया. उन्होंने मछुआरों पर गोली चलाने की निंदा की और केंद्र और राज्य सरकारों से मछुआरों को रिहा करवाने का अनुरोध किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि मछुआरों पर आतंकवादियों की तरह गोली मारी गई?

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भारत सरकार ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा मछुआरों पर गोलीबारी की घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया और इस घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया.

मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा कि डेल्फ्ट द्वीप के पास भारतीय मछुआरों को पकड़ने के दौरान श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उन पर गोलीबारी की सूचना मिली है. 13 मछुआरों में से दो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनका इलाज जाफना टीचिंग अस्पताल में चल रहा है. तीन अन्य मछुआरों को मामूली चोटें आईं. जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने घायल मछुआरों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. साथ ही मछुआरों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि नई दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को मंगलवार सुबह मंत्रालय में तलब किया गया और इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया. कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने भी इस मामले को श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है. बयान में आगे कहा गया कि भारत सरकार ने हमेशा मछुआरों से जुड़े मुद्दों को मानवीय तरीके से निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जिसमें आजीविका संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखा गया है. किसी भी हालत में बल का प्रयोग अस्वीकार्य है. इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच मौजूदा सहमति का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट के मुताबिक 27 जनवरी की रात करीब 10 बजे कराईकल के 20 से अधिक मछुआरे एक मोटरबोट में मछली पकड़ रहे थे. श्रीलंकाई नौसेना की दो गश्ती नौकाओं ने भारतीय मछुआरों को घेर लिया. हालांकि, कुछ मछुवारे भागने में सफल रहे, लेकिन श्रीलंकाई नौसेना ने एक मोटरबोट को पकड़ लिया, जिसमें 13 मछुआरे सवार थे.

श्रीलंकाई नौसेना ने बोट में सवार सभी मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उनकी मोटरबोट भी जब्त कर ली गई है. बाद में मछुआरों को श्रीलंकाई तटरक्षक शिविर में ले जाया गया.

श्रीलंकाई नौसेना ने दावा किया है कि मछुआरे मुलातिवु जल क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे जो श्रीलंका की समुद्री सीमा में है. जब मछुआरे पकड़ने जाने की डर की वजह से भागने लगे, तो उन पर गोली चलाई गई.

बताया गया है कि गोलीबारी में दो मछुआरे गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल मछुआरों को जाफना टीचिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.

मछुआरों के परिजनों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस बीच, मछुआरों पर गोली चलाने और उन्हें गिरफ्तार करने की घटना को लेकर तमिलनाडु में मछुआरों के परिजनों ने विरोध दर्ज कराया. उन्होंने मछुआरों पर गोली चलाने की निंदा की और केंद्र और राज्य सरकारों से मछुआरों को रिहा करवाने का अनुरोध किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि मछुआरों पर आतंकवादियों की तरह गोली मारी गई?

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