जम्मूःअनुच्छेद 370 हटाने को लेकर कश्मीर घाटी में धारा 144 लागू है जिसके चलते संचार-व्यवस्था ठप्प है और तमाम प्रतिबंधों के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने राजनेताओं, कार्यकर्ताओं समेत 100 से अधिक लोगों को शांति के लिए खतरा होने का हवाला देते हुए गिरफ्तार किया है. क्योंकि ये सभी घाटी में शांति व्यवस्था के लिए खतरा प्रतीत हो रहे थे.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 100 से अधिक राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को अभी तक घाटी में गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, उन्होंने गिरफ्तारी के संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी.
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अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला रविवार रात से नजरबंद थे. उन्हें राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए खतरा बताते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था.
उन्होंने बताया कि ‘जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस’ के नेता सज्जाद लोन और इमरान अंसारी को भी गिरफ्तार किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि नेताओं को उनके गुप्कर निवास से कुछ मीटर की दूरी पर हरि निवास में रखा गया है.
उन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी में उनकी गतिविधियों से शांति एवं सौहार्द में खलल पैदा होने के डर के चलते मजिस्ट्रेट ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे.
मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने की घोषणा होने के बाद इन नेताओं को गिरफ्तार किया गया.