नई दिल्ली/पेरिस : पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से भारत के लिए रवाना हुई. पांचों राफेल विमान सात घंटे की सफर तय करने के बाद यूएई पहुंचे. पांचों विमान यूएई के अल धाफरा एयरबेस पहुंचे. यह लड़ाकू विमान अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई को पहुंचेंगे. इन विमानों को 20 अगस्त को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा.
विमानों के रवाना होने से पहले फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ ने कहा कि यह राफेल जेट बेहद तेज और बहुत घातक विमान हैं. उन्होंने फ्रांस की सरकार, वायुसेना और डसॉल्ट को धन्यवाद दिया.
वायुसेना के एयर क्रू और ग्राउंड क्रू ने फ्रांस में अत्यधिक उन्नत हथियार प्रणालियों से लैस विमान का गहन प्रशिक्षण लिया है. वायुसेना अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू विमानों के आने के बाद उनके परिचालन का फैसला लिया जाएगा.
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पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर चीन के साथ गतिरोध के बीच वायुसेना के शीर्ष कमांडरों लद्दाख में बैठक की. बैठक के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों की भारत-चीन सीमा पर तैनाती की भी चर्चा की गई.
वायुसेना ने अपने आधुनिक बेड़े जैसे मिराज 2000, सुखोई -30 और मिग -29 के सभी लड़ाकू विमानों को अग्रिम चौकियों पर तैनात किया है, जिनके द्वारा सीमा पर दिन-रात निगरानी की जा रही है.