नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार भी महिलाएं केंद्र में हैं. हर पार्टी महिलाओं को आर्थिक सहायता देने की बात कर रही है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनाव जीतने के बाद महिलाओं को प्रति माह ₹2100 देने का ऐलान किया है, वहीं बीजेपी के कुछ नेताओं ने चुनाव से पहले ही महिलाओं की आर्थिक मदद कर दी है, ताकि उनका वोट सुनिश्चित कर सके. ऐसी स्थिति में क्या राजधानी की महिलाएं फ्री बस, बिजली, पानी, आर्थिक मदद से ही संतुष्ट हैं या महिला सुरक्षा भी उनके लिए एक अहम मुद्दा है. इस मामले में ETV भारत ने पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेस 3 में स्थित महिलाओं से विस्तार से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया?
फ्री सुविधा या आर्थिक मदद केवल महिलाओं को क्यों ?: मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ में नौकरी करने वाली गीता का मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों द्वारा की गई घोषणाओं में महिला सुरक्षा पर काम जोर दिया गया है. अगर दिया भी गया है वह खुल कर जनता के सामने नहीं आया है. वहीं जब बात आती है फ्री सुविधा या आर्थिक मदद की तो वह उचित नहीं है. केवल महिलाओं को फ्री सेवा और आर्थिक मदद देने का मतलब है कि सरकार महिलाओं को कमज़ोर समझती है. इसके बजाय अगर ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दिया जाए तो अच्छा होता.
फ्री सेवा और आर्थिक मदद के वादे को बताया चुनावी स्टंट : सविता ने बताया कि राजनीतिक पार्टियों द्वारा फ्री सेवा और आर्थिक मदद के वादे पहले भी किए गए हैं. जिनपर कभी पूर्ण अमल नहीं किया गया और न इस बार उम्मीद है. ज्यादातर महिलाएं इन फ्री सुविधाओं से संतुष्ट हैं. लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि दिल्ली में पीने के पानी से लेकर सड़क, सीवेज और सफाई की व्यवस्था बिल्कुल अच्छी नहीं है. इन सब से जरूरी बात यह है कि कोई भी पार्टी महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बात ही नहीं करना चाहती है.
"महिला सुरक्षा और अपराध की रोकथाम की बात कोई पार्टी नहीं करती" : दिल्ली में पहले और आज भी महिलाएं बिल्कुल सुरक्षित नहीं है. वहीं गली- मौहल्लों, सोसाइटी और स्कूलों में क्राइम दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. इसकी रोकथाम पर भी किसी पार्टी ने बात नहीं की है. सविता ने अंत में राजधानी की महिलाओं से अपील की है कि फ्री और आर्थिक मदद के चक्कर में न पड़े और उस पार्टी को चुने जो महिला सुरक्षा और देश हित को लेकर के काम करें.
'प्रतिमाह ₹2100 देने वाली बात केजरीवाल का है चुनावी वादा' : बाजार में वूलन सूट खरीदने आईं रजनी ने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले किए जाने वाले सभी वादे दिखावटी हैं. वहीं जहां बात आती है अरविंद केजरीवाल की तो उन्होंने पहले भी फ्री पानी बिजली देने की बात की थी, जो ठीक से नहीं मिल रही, जबकि दिल्ली में लोगों को साफ पानी तक पीने के लिए नहीं है. इसी तरह प्रतिमाह ₹2100 देने वाली बात भी एक चुनावी वादा है यदि उनकी सरकार आ गई, तो वह अपने इस वादे को भी भूल जाएंगे. 2014 के बाद से दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा भी बड़ा सवाल है, वही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला सुरक्षा को लेकर अच्छा काम कर रहे हैं.
'पार्टियों को महिला सुरक्षा को मामले पर गंभीर होनी चाहिए' : शॉपिंग करने पहुंचीं मधु ने बताया कि फ्री सुविधा और आर्थिक मदद देना एक चुनावी वादा है. मुफ्त सुविधा देने वाली सरकार को मालूम है कि दिल्ली में ज्यादातर महिलाएं घरों में रहती है और वह खाली है इसलिए उनको लगता है कि महिलाएं आर्थिक राशि की तरफ आकर्षित होगी और उनको अपना वोट देंगी. यह एक अच्छी बात है कि महिलाओं को आर्थिक मदद दिए जाने का वादा किया गया है, लेकिन उससे पहले महिलाओं की सुरक्षा अहम मुद्दा है. सड़क पर चलते हुए भी महिला सुरक्षित नहीं है रात में निकलने पर भी महिला सुरक्षित नहीं है, लेकिन इन मुद्दों पर कोई भी सरकार बात करने को या सुनने को भी राजी नहीं है.
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