ETV Bharat / bharat

अमोनियम नाइट्रेट विस्फोट के बाद गैस का मानव शरीर पर असर

लेबनान की राजधानी बेरुत में बंदरगाह के पास एक वेयरहाउस में जोरदार धमाका हुआ. पिछले छह साल से जब्त किया गया अमोनियम नाइट्रेट रखा जा रहा था. जानिए यह अमोनियम नाइट्रेट है क्या, जिसकी वजह से इतनी बड़ी तबाही हुई....

author img

By

Published : Aug 6, 2020, 2:38 PM IST

Effects of Ammonium nitrate gases
मानव शरीर पर अमोनियम नाइट्रेट गैसों का प्रभाव

हैदराबाद : लेबनान की राजधानी बेरुत में बंदरगाह के पास एक वेयरहाउस में जोरदार धमाका हुआ, जिसकी वजह से 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. चार हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि जिस वेयरहाउस में धमाका हुआ है, उसमें पिछले छह साल से जब्त किया गया अमोनियम नाइट्रेट रखा जा रहा था. धमाका इतना ज़बरदस्त था कि उसकी आवाज़ 240 किलोमीटर दूर साइप्रस तक में सुनाई दी. आखिरकार यह अमोनियम नाइट्रेट है क्या, जिसकी वजह से इतनी बड़ी तबाही मच गई. चलिए जानेते है कुछ गैसों के बारे में...

क्या है अमोनियम नाइट्रेट

  • अमोनियम नाइट्रेट एक गंधहीन केमिकल पदार्थ है.
  • इसका कई कामों में इस्तेमाल होता है.
  • ज्यादातर उपयोग दो कामों में किया जाता है. पहला खेतों में फर्टिलाइजर के तौर पर दूसरा खदानों या निर्माण कार्य के लिए विस्फोट करने के लिए.
  • सही ढंग से उपयोग करने पर यह हानिकारक नहीं होती है.
  • अमोनियम नाइट्रेट के कई अलग-अलग उपयोग हैं, लेकिन कृषि उर्वरकों और विस्फोटक के रूप में बहुतायत इसका उपयोग होता है.
  • आग के संपर्क में आने पर यह अत्यधिक विस्फोटक होता है और विस्फोट होने पर यह अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया सहित अन्य विषाक्त गैसों को छोड़ सकती
  • ज्वलनशील होने के कारण अमोनियम नाइट्रेट को सुरक्षित रूप से संग्रहित किए जाने पर सख्त नियम हैं.
  • भण्डारण स्थल फायर प्रूफ होना चाहिए.
  • इसमें कोई भी ड्रेन, पाइप या कोई अन्य ऐसा चैनल नहीं होना चाहिए, जो विस्फोट का खतरा पैदा करे.

गैसें जिन्हें हवा में छोड़ सकते हैं...

  • लकड़ी, कागज और तेल जैसे पदार्थों के जलने से गैसे निकलती है जो हवा में मिल जाती है.
  • अमोनियम,कार्बन डाइऑक्साइड,नाइट्रोजन आक्साइड हवा में छोड़ा जाए तो ठीक हैं, नही तो बंद जगह पर यह गैस विस्फोटक का काम करती है.

मानव शरीर पर इन गैसों का प्रभाव

नाइट्रोजन ऑक्साइड

  • यह एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन गैस है.
  • इसकी खोज 1773 में स्कॉटलैण्ड के वैज्ञनिक डेनियल रदरफोर्ड ने की थी.
  • नाइट्रोजन ऑक्साइड का उच्च स्तर श्वसन समस्याओं वाले लोग के लिए हानिकारक हो सकता है.

हम अपने शरीर में नाइट्रोजन कैसे लेते हैं?


जैसा कि हम सब जानते हैं कि नाइट्रोजन पृथ्वी के वायुमंडल का एक बड़ा हिस्सा है. मानव श्वसन के माध्यम से नाइट्रोजन का उपयोग नहीं कर सकता है, लेकिन पौधों या जानवरों के उपभोग के माध्यम से इसको अवशोषित कर सकता हैं. जिस हवा में हम सांस लेते हैं, वह लगभग 78% नाइट्रोजन है. इसलिए यह स्पष्ट है कि यह हमारे शरीर में हर सांस के साथ प्रवेश करती है. मानव शरीर में नाइट्रोजन प्रोटीन संश्लेषण, एमिनो एसिड को बनाने में मदद करती है, जो विकास, हार्मोन, मस्तिष्क के कार्यों और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं.

अमोनिया

अमोनिया एक तीक्ष्ण गंध वाली रंगहीन गैस होती है. यह हवा से हल्की होती है. इसको बनाने के लिए यूरिया, अमोनियम सल्फेट, अमोनियम फास्फेट, अमोनियम नाइट्रेट आदि रासायनिक खादों का उपयोग किया जाता है. अमोनिया के जलीय घोल को लिकर अमोनिया कहा जाता है. अमोनिया के उत्पादन में चीन का स्थान नंबर एक पर है, वहीं भारत का स्थान नंबर दो पर है.

अमोनिया गैस से हानि

  • अमोनिया एक संचारक गैस है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है.
  • माना जाता है थोड़ी सी भी ज्यादा मात्रा में अमोनिया सूंघने पर जान जा सकती है.
  • हवा में अमोनिया की उच्च सांद्रता का एक्सपोजर नाक, गले और श्वास नली में जलन का कारण बनता है. यही नहीं केंद्रित अमोनिया समाधान जैसे औद्योगिक क्लीनर के साथ संपर्क त्वचा की जलन, स्थायी आंख क्षति या अंधापन सहित संक्षारक चोट का कारण बन सकता है.
  • एक शोध में पाया गया इसे सहसा सूंघने पर आंख में आंसू आ जाते हैं. अधिक मात्रा से घुटन उत्पन्न होती है और मृत्यु भी हो जाती है.

कार्बन डाइऑक्साइड

एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यावश्यक है. धरती पर यह प्राकृतिक रूप से पाई जाती है

कार्बन डाइऑक्साइड गैस से हानि

कार्बन डाइऑक्साइड के उच्चस्तर के संपर्क में आने से सिरदर्द, चक्कर आना, शरीर में झुनझुनी, बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ और पसीना आना हो सकता है.

  • यह हृदय गति को भी बढ़ा सकती है.
  • रक्तचाप बढ़ जाता है.
  • कोमा में जा सकते है.
  • घुटन हो सकती है.

पढ़ें : जानें, दुनिया में कब-कब हुए हैं लेबनान जैसे बड़े धमाके

हैदराबाद : लेबनान की राजधानी बेरुत में बंदरगाह के पास एक वेयरहाउस में जोरदार धमाका हुआ, जिसकी वजह से 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. चार हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि जिस वेयरहाउस में धमाका हुआ है, उसमें पिछले छह साल से जब्त किया गया अमोनियम नाइट्रेट रखा जा रहा था. धमाका इतना ज़बरदस्त था कि उसकी आवाज़ 240 किलोमीटर दूर साइप्रस तक में सुनाई दी. आखिरकार यह अमोनियम नाइट्रेट है क्या, जिसकी वजह से इतनी बड़ी तबाही मच गई. चलिए जानेते है कुछ गैसों के बारे में...

क्या है अमोनियम नाइट्रेट

  • अमोनियम नाइट्रेट एक गंधहीन केमिकल पदार्थ है.
  • इसका कई कामों में इस्तेमाल होता है.
  • ज्यादातर उपयोग दो कामों में किया जाता है. पहला खेतों में फर्टिलाइजर के तौर पर दूसरा खदानों या निर्माण कार्य के लिए विस्फोट करने के लिए.
  • सही ढंग से उपयोग करने पर यह हानिकारक नहीं होती है.
  • अमोनियम नाइट्रेट के कई अलग-अलग उपयोग हैं, लेकिन कृषि उर्वरकों और विस्फोटक के रूप में बहुतायत इसका उपयोग होता है.
  • आग के संपर्क में आने पर यह अत्यधिक विस्फोटक होता है और विस्फोट होने पर यह अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया सहित अन्य विषाक्त गैसों को छोड़ सकती
  • ज्वलनशील होने के कारण अमोनियम नाइट्रेट को सुरक्षित रूप से संग्रहित किए जाने पर सख्त नियम हैं.
  • भण्डारण स्थल फायर प्रूफ होना चाहिए.
  • इसमें कोई भी ड्रेन, पाइप या कोई अन्य ऐसा चैनल नहीं होना चाहिए, जो विस्फोट का खतरा पैदा करे.

गैसें जिन्हें हवा में छोड़ सकते हैं...

  • लकड़ी, कागज और तेल जैसे पदार्थों के जलने से गैसे निकलती है जो हवा में मिल जाती है.
  • अमोनियम,कार्बन डाइऑक्साइड,नाइट्रोजन आक्साइड हवा में छोड़ा जाए तो ठीक हैं, नही तो बंद जगह पर यह गैस विस्फोटक का काम करती है.

मानव शरीर पर इन गैसों का प्रभाव

नाइट्रोजन ऑक्साइड

  • यह एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन गैस है.
  • इसकी खोज 1773 में स्कॉटलैण्ड के वैज्ञनिक डेनियल रदरफोर्ड ने की थी.
  • नाइट्रोजन ऑक्साइड का उच्च स्तर श्वसन समस्याओं वाले लोग के लिए हानिकारक हो सकता है.

हम अपने शरीर में नाइट्रोजन कैसे लेते हैं?


जैसा कि हम सब जानते हैं कि नाइट्रोजन पृथ्वी के वायुमंडल का एक बड़ा हिस्सा है. मानव श्वसन के माध्यम से नाइट्रोजन का उपयोग नहीं कर सकता है, लेकिन पौधों या जानवरों के उपभोग के माध्यम से इसको अवशोषित कर सकता हैं. जिस हवा में हम सांस लेते हैं, वह लगभग 78% नाइट्रोजन है. इसलिए यह स्पष्ट है कि यह हमारे शरीर में हर सांस के साथ प्रवेश करती है. मानव शरीर में नाइट्रोजन प्रोटीन संश्लेषण, एमिनो एसिड को बनाने में मदद करती है, जो विकास, हार्मोन, मस्तिष्क के कार्यों और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं.

अमोनिया

अमोनिया एक तीक्ष्ण गंध वाली रंगहीन गैस होती है. यह हवा से हल्की होती है. इसको बनाने के लिए यूरिया, अमोनियम सल्फेट, अमोनियम फास्फेट, अमोनियम नाइट्रेट आदि रासायनिक खादों का उपयोग किया जाता है. अमोनिया के जलीय घोल को लिकर अमोनिया कहा जाता है. अमोनिया के उत्पादन में चीन का स्थान नंबर एक पर है, वहीं भारत का स्थान नंबर दो पर है.

अमोनिया गैस से हानि

  • अमोनिया एक संचारक गैस है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है.
  • माना जाता है थोड़ी सी भी ज्यादा मात्रा में अमोनिया सूंघने पर जान जा सकती है.
  • हवा में अमोनिया की उच्च सांद्रता का एक्सपोजर नाक, गले और श्वास नली में जलन का कारण बनता है. यही नहीं केंद्रित अमोनिया समाधान जैसे औद्योगिक क्लीनर के साथ संपर्क त्वचा की जलन, स्थायी आंख क्षति या अंधापन सहित संक्षारक चोट का कारण बन सकता है.
  • एक शोध में पाया गया इसे सहसा सूंघने पर आंख में आंसू आ जाते हैं. अधिक मात्रा से घुटन उत्पन्न होती है और मृत्यु भी हो जाती है.

कार्बन डाइऑक्साइड

एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यावश्यक है. धरती पर यह प्राकृतिक रूप से पाई जाती है

कार्बन डाइऑक्साइड गैस से हानि

कार्बन डाइऑक्साइड के उच्चस्तर के संपर्क में आने से सिरदर्द, चक्कर आना, शरीर में झुनझुनी, बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ और पसीना आना हो सकता है.

  • यह हृदय गति को भी बढ़ा सकती है.
  • रक्तचाप बढ़ जाता है.
  • कोमा में जा सकते है.
  • घुटन हो सकती है.

पढ़ें : जानें, दुनिया में कब-कब हुए हैं लेबनान जैसे बड़े धमाके

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.