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भारत पहुंचे 11 अफगान सिख, मिल सकती है भारत की नागरिकता

दिल्ली के अफगान सिख निदान सिंह, जिन्हें आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था. वह परिवार के 10 अन्य लोगों के साथ आज भारत लौटे. सूत्रों ने कहा कि इन सभी 11 सिखों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.

भारत पहुंचेंगे 11 अफगान सिख
भारत पहुंचेंगे 11 अफगान सिख
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Published : Jul 26, 2020, 5:14 AM IST

Updated : Jul 26, 2020, 11:06 PM IST

नई दिल्ली : 11 अफगान सिखों को भारत की नागरिकता दी जा सकती है. इनमें दिल्ली के अफगान सिख निदान सिंह भी शामिल हैं. निदान को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था. वह परिवार के 10 अन्य लोगों के साथ आज भारत लौटे. सूत्रों ने कहा कि इन सभी 11 सिखों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.

भारत पहुंचे 11 अफगान सिख

निदान सिंह सचदेवा ने भारत में अपनी सुरक्षित वापसी पर संतुष्टि जाहिर की. उन्होंने कहा कि भारत शांति का देश है. यह गरीबों और सताए गए लोगों की भूमि है. हम आतंकवाद के शिकार हुए. मुझे अपहरणकर्ताओं द्वारा प्रताड़ित और पीटा गया.

निदान सिंह का बयान.

उन्होंने कहा कि भारत हमारे पूर्वजों की भूमि है और हम सदैब भारत के नागरिक रहना चाहते हैं. मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार हमारे अनुरोध पर विचार करेगी.

निदान सिंह सचदेवा के भाई चरण सिंह सचदेवा ने ईटीवी भारत को ताया कि उनकी सुरक्षित वापसी पर परिवार बहुत खुश है. हम उनसे मिले हैं, लेकिन कोरोना के प्रकोप के कारण वे सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार क्वारंटाइन में रहेंगे.

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष (दिल्ली इकाई) हरमीत सिंह कालका ने भारत सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री, अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को अफगान अल्पसंख्यकों की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल के शोर बाजार में मार्च 2020 मार्च को गुरुद्वारा गुरु हर राय पर हुए आतंकी हमले में एक भारतीय सिख सहित 26 सिखों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोगों को अगवा कर लिया गया था और गुरुद्वारे को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था.

11 अफगान सिखों का एक समूह, जो भारत के प्रस्तावित सुविधा मिशन में शामिल होना चाहते थे, रविवार 26 जुलाई को दिल्ली पहुंचे.

कथित तौर पर, भारत सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह अफगान हिंदुओं और सिखों को वीजा देगी और भारतीय नागरिकता के अनुरोधों की जांच करेगी.

इससे पहले इस संबंध में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो संदेश जारी किया. सिरसा ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारों में अफगान हिंदू-सिखों के समूह को क्वारंनटाइन किया जाएगा. मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अल्पसंख्यकों की मदद की.

अफगान सिखों के भारत आने के संबंध में मनजिंदर सिंह सिरसा

पढ़ें - कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले 52 वीरों ने जब दुश्मन फौज के सामने दिखाया था कौशल

उन्होंने कहा कि भारत सरकार उन्हें उनके अनुरोध नागरिकता देने पर ध्यान देगी और आने वाले दिनों में अधिक हिंदू-सिख समुदाय के सदस्यों को वापस लौटने की सुविधा प्रदान करेगी.

सूत्रों ने बताया कि समूह में निधन सिंह सचदेवा भी शामिल हैं, जिन्हें काबुल में अपहरण कर लिया गया था, हालांकि बाद में उन्हें अफगान सुरक्षा बलों ने बचा लिया था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सचदेवा के भाई चरण सिंह सचदेवा ने कहा, 'हिंदू-सिख समुदाय के 11 सदस्य रविवार को भारत पहुंचेंगे और इस समूह में मेरा भाई निदान भी वापस आ जाएगा.

नई दिल्ली : 11 अफगान सिखों को भारत की नागरिकता दी जा सकती है. इनमें दिल्ली के अफगान सिख निदान सिंह भी शामिल हैं. निदान को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था. वह परिवार के 10 अन्य लोगों के साथ आज भारत लौटे. सूत्रों ने कहा कि इन सभी 11 सिखों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.

भारत पहुंचे 11 अफगान सिख

निदान सिंह सचदेवा ने भारत में अपनी सुरक्षित वापसी पर संतुष्टि जाहिर की. उन्होंने कहा कि भारत शांति का देश है. यह गरीबों और सताए गए लोगों की भूमि है. हम आतंकवाद के शिकार हुए. मुझे अपहरणकर्ताओं द्वारा प्रताड़ित और पीटा गया.

निदान सिंह का बयान.

उन्होंने कहा कि भारत हमारे पूर्वजों की भूमि है और हम सदैब भारत के नागरिक रहना चाहते हैं. मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार हमारे अनुरोध पर विचार करेगी.

निदान सिंह सचदेवा के भाई चरण सिंह सचदेवा ने ईटीवी भारत को ताया कि उनकी सुरक्षित वापसी पर परिवार बहुत खुश है. हम उनसे मिले हैं, लेकिन कोरोना के प्रकोप के कारण वे सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार क्वारंटाइन में रहेंगे.

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष (दिल्ली इकाई) हरमीत सिंह कालका ने भारत सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री, अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को अफगान अल्पसंख्यकों की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल के शोर बाजार में मार्च 2020 मार्च को गुरुद्वारा गुरु हर राय पर हुए आतंकी हमले में एक भारतीय सिख सहित 26 सिखों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोगों को अगवा कर लिया गया था और गुरुद्वारे को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था.

11 अफगान सिखों का एक समूह, जो भारत के प्रस्तावित सुविधा मिशन में शामिल होना चाहते थे, रविवार 26 जुलाई को दिल्ली पहुंचे.

कथित तौर पर, भारत सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह अफगान हिंदुओं और सिखों को वीजा देगी और भारतीय नागरिकता के अनुरोधों की जांच करेगी.

इससे पहले इस संबंध में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो संदेश जारी किया. सिरसा ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारों में अफगान हिंदू-सिखों के समूह को क्वारंनटाइन किया जाएगा. मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अल्पसंख्यकों की मदद की.

अफगान सिखों के भारत आने के संबंध में मनजिंदर सिंह सिरसा

पढ़ें - कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले 52 वीरों ने जब दुश्मन फौज के सामने दिखाया था कौशल

उन्होंने कहा कि भारत सरकार उन्हें उनके अनुरोध नागरिकता देने पर ध्यान देगी और आने वाले दिनों में अधिक हिंदू-सिख समुदाय के सदस्यों को वापस लौटने की सुविधा प्रदान करेगी.

सूत्रों ने बताया कि समूह में निधन सिंह सचदेवा भी शामिल हैं, जिन्हें काबुल में अपहरण कर लिया गया था, हालांकि बाद में उन्हें अफगान सुरक्षा बलों ने बचा लिया था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सचदेवा के भाई चरण सिंह सचदेवा ने कहा, 'हिंदू-सिख समुदाय के 11 सदस्य रविवार को भारत पहुंचेंगे और इस समूह में मेरा भाई निदान भी वापस आ जाएगा.

Last Updated : Jul 26, 2020, 11:06 PM IST
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