वाराणसी: 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात मॉडल की तर्ज पर पूरे भारत में विकास की बयार बहाने की बातें करके भाजपा सत्ता में आई. 2014 में जब सांसद के रूप में वाराणसी से जीतकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो बनारस के विकास को भी गुजरात की तर्ज पर आगे बढ़ाने की बात कही और काम भी शुरू हुआ. काम अभी भी जारी है, लेकिन एक बार फिर चुनाव से पहले गुजरात मॉडल की तर्ज पर ही बनारस के विकास को करते हुए उत्तर प्रदेश को एक नए विकास मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने की तैयारी भी की जा रही है. पिछले दिनों पूरे देश के मेयर गुजरात में संपन्न हुए मेयर कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने पहुंचे थे. वाराणसी के मेयर भी वहां पहुंचे थे और तमाम चीजों को देखने के बाद अब गुजरात से एक स्पेशल टीम वाराणसी पहुंची है. जो गुजरात की तर्ज पर बनारस के विकास की रूपरेखा तैयार कर रही है.
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गुजरात की कंपनियां करेंगी निवेशः महापौर ने बताया कि यह टीम वाराणसी नगर निगम के कार्यों खासतौर पर हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, जीआईएस सर्वे, सीवर लाइन पेयजल और सड़क निर्माण की कार्य प्रणाली उस तकनीक पर हमारे साथ मिलकर चीजों को आगे बढ़ाने में सहयोग के लिए काम शुरू कर चुकी है. नगर निगम गुजरात की टीम के साथ ही वहां पर काम करने वाले अलग-अलग संस्थाओं और कई बड़ी कंपनियों की तरफ से वहां पर अलग-अलग विकास के कार्य किए गए थे. वहीं, कंपनियां वाराणसी में भी इन्वेस्ट करने के लिए तैयार हुई है. इसमें वाराणसी के पार्कों से लेकर चौराहे, सड़कों से लेकर गलियों और अन्य कई अलग-अलग जगहों पर कार्यो को संपादित करने की प्लानिंग की जा रही है.
बड़े बाजार और सड़कें होंगी विकसितः महापौर ने बताया कि अभी वाराणसी के दो पार्कों को चमकाने के लिए गुजरात से कुछ संस्थाओं ने हामी भरी है और पूरे खर्च के साथ इसकी रूपरेखा तैयार करते हुए नए सिरे से इनके रिनोवेशन का काम शुरू किया जाएगा. इसके अलावा गुजरात में जिस तरह से बड़े बाजार, सड़कें और अन्य चीजें डेवेलप की गई उसी आधार पर वाराणसी में भी चीजों को डेवेलप करने की प्लानिंग नगर निगम सूरत और अहमदाबाद की टीम मिलकर हमारे साथ आगे बढ़ाने पर काम कर रही है. फिलहाल गुजरात के विकास मॉडल के तर्ज पर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के विकास मॉडल की भी पूरी रूपरेखा तैयार की जा रही है, जो बनारस को एक नई पहचान दिलाने का काम करेगी.
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