कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगाह किया कि पूर्वोत्तर राज्य में टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार का दिल्ली में असर दिखेगा. भाजपा कार्यकर्ताओं के कथित हमले में घायल हुए कार्यकर्ताओं समेत टीएमसी के कम से कम 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को कोविड नियमों के उल्लंघन के लिए त्रिपुरा के खोवाई जिले में आठ अगस्त को गिरफ्तार किया गया था.
पश्चिम बंगाल से टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं ने हाल में पूर्वोत्तर राज्य का दौरा किया था जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. बनर्जी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव के दौरान भाजपा से जुड़े करीब दो लाख लोग और यहां तक कि विदेश से भी लोग राज्य में आए थे और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि टीएमसी नेता त्रिपुरा क्यों नहीं जा सकते जहां भाजपा का शासन है.
टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि हम निश्चित तौर पर त्रिपुरा जाएंगे और वहां चुनाव जीतेंगे. उन्होंने विस्तार में जाए बिना कहा कि अगर त्रिपुरा में अत्याचार होता है तो इसका असर दिल्ली में देखने को मिलेगा. बनर्जी, घायल टीएमसी कार्यकर्ताओं जिन्हें त्रिपुरा से इलाज के लिए कोलकाता के सरकारी अस्पताल लाया गया था उनका हाल लेने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहीं थी.
भाजपा पर पूर्वोत्तर राज्य में अराजक सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए, उन्होंने दावा किया कि बिप्लब देब सरकार उसके खिलाफ किसी आवाज को नहीं उठने नहीं देती है. भाजपा के खिलाफ जैसे को तैसा वाली परोक्ष रूप से धमकी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वे सोचते हैं कि टीएमसी नेताओं के वहां पहुंचने पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर वे उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे, तो उन्हें (भाजपा सरकार) याद रखना चाहिए कि यहां कानून हमारे हाथों में है. हम ऐसा करना नहीं चाहते और उम्मीद करते हैं कि पहले वे इस बात का ख्याल रखें.
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त्रिपुरा पुलिस ने टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, मंत्री बृत्य बसु और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आठ अगस्त को खोवाई पुलिस थाने में सरकारी कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से कथित रूप से रोकने के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी.
(पीटीआई-भाषा)