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ASI Fired On Odisha Health Minister : अटैक करने से पहले हमलावर ने बेटी को किया था कॉल, पत्नी ने खोला राज !

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Published : Jan 30, 2023, 1:46 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 10:49 PM IST

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब दास का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उन्हें रविवार को झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर में गोली मार दी गई थी, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इस घटना में मंत्री की सुरक्षा में तैनात एएसआई गोपाल दास आरोपी है. लेकिन गोपाल दास ने मंत्री की हत्या क्यों की, इसके पीछे कोई साजिश है या मंत्री से एएसआई की कोई रंजिश, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

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एएसआई की पत्नी का बयान

भुवनेश्वर : ओडिशा पिछले दिनों स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास की गोली मार कर हत्या कर दी गई. उनका अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह नगर झारसुगुड़ा में किया गया. कई मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और उनके हजारों समर्थकों की मौजूदगी में झारसुगुड़ा के खेरुल मैदान में दास के नश्वर अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया। दास के बेटे विशाल ने हिंदू परंपरा का पालन करते हुए चिता को मुखाग्नि दी. बता दें कि इस वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी कोई बदमाश नहीं बल्कि मंत्री की सुरक्षा में तैनात एएसआई गोपाल दास है. बहरहाल, आरोपी एएसआई को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस घटना को अंजाम देने के पीछे कोई साजिश है या रंजिश, ये राज उसकी पत्नी जयंती दास ने खोला है. वहीं शासन ने आरोपी एएसआई को बर्खास्त कर दिया है.

एएसआई की पत्नी जयंती ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके पति सात-आठ साल से मानसिक रूप से बीमार थे. जिसकी वजह से वह दवाइयां भी ले रहे थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वह बायपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित था. हालांकि, आधिकारिक रूप से इस बाबत कोई जानकारी नहीं मिली है. वहीं क्राइम ब्रांच के एडीजी अरुण बोथरा ने बताया कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. फॉरेंसिक और साइबर एक्सपर्ट को जांच के लिए बुलाया गया है. हम कोशिश करेंगे कि आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा सजा मिले.

जयंती ने बताया, "मुझे नहीं पता कि क्या हुआ है, इस घटना के बारे में न्यूज चैनल से पता चला. उन्होंने बेटी को करीब 11:00 बजे कॉल किया था. इसके बाद मुझसे बात करते-करते फिर अचानक फोन काट दिया और कहा कि उन्हें जाना है क्योंकि किसी का फोन आया है. पिछले सात-आठ साल उनके मानसिक असंतुलन की वजह से उन्होंने दवाइयां ली थीं, लेकिन बाद में वह सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करने लगे थे." बहरहाल, पुलिस ने गोपाल दास को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला अब ओडिशा क्राइम ब्रांच के पास है, जो गोपाल दास से पूछताछ कर रही है.

मनोविकार से पीड़ित रहा है हमलावर एएसआई

मंत्री नब किशोर दास की कथित रूप से गोली मारकर हत्या करने वाले एएसआई गोपालकृष्ण दास ने ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ नामक मनोविकार के कारण एक मनोवैज्ञानिक से उपचार कराया था. अतीत में मनोविकार से पीड़ित रहने के बावजूद गोपालकृष्ण दास को सविर्स रिवॉल्वर जारी की गई थी और उसे ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया. ब्रह्मपुर स्थित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा कि गोपालकृष्ण दास ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ से पीड़ित रहा है.

त्रिपाठी ने कहा, ‘‘दास सबसे पहले आठ से 10 साल पहले मेरे क्लिनिक आया था. उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था और उसका इलाज चल रहा था.’’ चिकित्सक ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या वह नियमित रूप से दवा ले रहा था. यदि दवाइयां नियमित रूप से नहीं ली जाती हैं, तो बीमारी फिर से पैदा हो सकती है. उसे मेरे पास आए एक साल हो गया है.’’

विशेषज्ञों के अनुसार, ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें मरीज के बर्ताव और मिजाज में अचानक अत्यधिक बदलाव आता रहता है. कभी वह अत्यंत खुश और कभी बहुत अवसाद में रहता है. इस बीमारी को काउंसलिंग समेत अन्य उपचारों से नियंत्रित किया जा सकता है. गोपालकृष्ण दास गंजाम जिले के जलेश्वरखंडी गांव का रहने वाला है. उसने ब्रह्मपुर में एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में अपना करियर शुरू किया था और बाद में 12 साल पहले उसे झारसुगुड़ा जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था.

झारसुगुड़ा के एसडीपीओ (अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी) गुप्तेश्वर भोई ने बताया कि ब्रजराजनगर क्षेत्र के गांधी चौक पर एक पुलिस चौकी का प्रभारी बनाए जाने के बाद एएसआई को लाइसेंसी पिस्तौल जारी की गई थी. गोपालकृष्ण दास की पत्नी जयंती ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका पति मनोविकार के कारण दवा लिया करता था. जयंती ने कहा, ‘‘वह हमसे 400 किलोमीटर दूर रहता है, इसलिए मैं यह नहीं बता सकती कि वह नियमित रूप से दवा ले रहा था या नहीं.’’

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोपालकृष्ण दास को रविवार को मंत्री नब दास के दौरे के मद्देनजर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था. पुलिस ने बताया कि उसने कथित तौर पर गोलियां उस समय चलाईं, जब मंत्री एक स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एक कार से उतरे और उनके समर्थक उन्हें माला पहना रहे थे. उसने बताया कि गोपालकृष्ण दास ने मंत्री को निशाना बनाते हुए दो गोलियां चलाईं, लेकिन एक ही गोली निशाने पर लगी. पुलिस ने बताया कि घटना के तुरंत बाद दास ने हवा में गोलियां चलाकर मौके से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे पकड़ लिया गया. भोई ने कहा कि उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि एएसआई ने मंत्री पर गोली क्यों चलाई.

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने स्वास्थ्य मंत्री की हत्या के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साइबर विशेषज्ञ, बैलिस्टिक विशेषज्ञ और अपराध शाखा के अधिकारियों सहित सात सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है और इस दल का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी रमेश सी डोरा कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि सीआईडी अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (27 शस्त्र कानून के साथ पढ़ा जाए) के तहत मामला दर्ज किया है.

नब किशोर दास : ओडिशा में किसी मंत्री की जान लेने का पहला मामला

ओडिशा में इस किस्म की यह पहली घटना है जब किसी मंत्री की जान ली गई है. इससे पहले 2011 में बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक जगबंधु माझी की माओवादियों ने हत्या कर दी थी. दास की झारसुगुडा जिले में मानसिक विकार से पीड़ित एक पुलिस अधिकारी ने 29 जनवरी, 2023 को कथित तौर पर गोली मार कर हत्या कर दी जबकि 2011 में नबरंगपुर जिले में एक आधिकारिक समारोह के दौरान माओवादियों ने गोलीबारी कर माझी की जान ले ली थी. गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ओडिशा सरकार ने 2011 में माझी की हत्या के बाद सभी विधायकों को निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) मुहैया कराए थे. झारसुगुडा जिले के ब्रजराजनगर के गांधी चौक में स्वास्थ्य मंत्री दास पर हुए हमले ने लोगों का ध्यान फिर से इस उग्रवाद प्रभावित राज्य में अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की ओर खींचा है.

नबरंगपुर जिले के उमरकोट के तत्कालीन विधायक जगबंधु माझी सितंबर, 2011 में अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक गांव में भूमि-स्वामित्व प्रमाण पत्र वितरित कर रहे थे, तभी तीन अज्ञात लोगों ने उन पर और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) पर गोलियां चला दीं. घटना में विधायक और पीएसओ की मृत्यु हो गई. इस हमले में माओवादियों के शामिल होने की आशंका जताई जाती रही है. इसी तरह दो लोगों ने तत्कालीन पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश्वर मोहंती पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह 22 फरवरी, 2014 को पुरी शहर में एक समारोह से घर लौट रहे थे. हालांकि, मोहंती हमले में बाल-बाल बच गए क्योंकि डॉक्टरों ने उनके बाएं हाथ और पीठ से गोलियां निकाल दीं. पुलिस जांच में पता चला है कि हमला संभवत: जमीन जायदाद के विवाद को लेकर किया गया है.

झामुमो के पूर्व नेता और अब बीजद विधायक सुदाम मरांडी को भी संदिग्ध माओवादियों के हमले का सामना करना पड़ा. मरांडी हालांकि हत्या के प्रयास में बच गए. इस घटना में मरांडी के साथ जा रहे तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. यह घटना मयूरभंज जिले के बंदम गांव के पास एक फुटबॉल मैच के दौरान हुई थी. इसी तरह, क्योंझर में चंपुआ के एक कांग्रेस विधायक धनुर्जय सिद्धू को भी हत्या के प्रयास का सामना करना पड़ा. 26 फरवरी, 2007 को जब विधायक अपने वाहन से एक कार्यक्रम में जा रहे थे, तब अज्ञात लोगों ने उन पर गोलियां चलाईं. हालांकि डॉक्टर उनकी जान बचाने में सफल रहे. ओडिशा की वाणिज्य और परिवहन मंत्री तुकुनी साहू के पति एवं बीजद नेता अभिमन्यु साहू की कुछ बदमाशों ने 15 दिसंबर, 2013 को सुबह की सैर के दौरान हत्या कर दी थी.

नब दास का पार्थिव शरीर भुवनेश्वर से गृह नगर पहुंचने पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी

पश्चिमी ओडिशा के लोकप्रिय नेता नब किशोर दास का पार्थिव शरीर भुवनेश्वर से यहां लाए जाने पर सोमवार को हजारों लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण अंतिम विदाई दी. जिले में कई दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे. स्थानीय लोगों ने दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को ले जाने वाले रथ पर फूल बरसाए, जो झारसुगुड़ा शहर की सड़कों से होते हुए उनके घर जा रहा था.

'नब दास अमर रहे' जैसे नारे गूंज रहे थे. नेता के कई समर्थक आरोपी को मौत की सजा देने की मांग कर रहे थे. इससे पहले, सोमवार को ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री को औपचारिक 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया, जिसके बाद दास के पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर ले जाया गया. राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दास के आवास का दौरा किया, जहां विभिन्न क्षेत्रों के लोग श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए. करीब तीन दशकों तक दास ने पश्चिमी ओडिशा में राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी.

बीजू जनता दल (बीजद) के नेता दास के बेटे विशाल और बेटी दीपाली को वहां उनके दोस्त, समर्थक, सहकर्मी और आम लोग ढांढस बंधाते रहे. ओडिशा सरकार ने दिवंगत मंत्री के सम्मान में रविवार शाम को तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की थी. दास का विभाग मंत्रिमंडल सहयोगी निरंजन पुजारी को आवंटित किया गया है.

दिवंगत मंत्री को राजकीय सम्मान

ओडिशा सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास को राजकीय सम्मान देने का ऐलान किया है. सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि पूरे राज्य में 29 से 31 जनवरी तक कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा. विज्ञप्ति में कहा गया, "ओडिशा सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सम्मान के रूप में, दिवंगत गणमान्य व्यक्ति को राजकीय सम्मान दिया जाएगा. राज्य की राजधानी में मृत्यु के दिन और अंत्येष्टि के दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा."

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास पर रविवार को झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर में फायरिंग हुई थी. ये फायरिंग तब हुई, जब वह ब्रजराजनगर के गांधी चौक के पास एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. जैसे ही वह कार से निकले उन पर चार से पांच राउंड गोली चलीं. इस वक्त गांधी चौक पर मंत्री के लिए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था थी, जहां एएसआई गोपाल दास भी तैनात था. मंत्री नब दास पर गोली चलाने वाला भी उनकी सुरक्षा में तैनात एएसआई है.

स्वास्थ्य मंत्री को पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ते देख उन्हें तुरंत भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल स्थानांतरित कराया गया. अपोलो अस्पताल में चिकित्सकों की कड़ी मशक्कत के बावजूद मंत्री नब दास की मौत हो गई.

एएसआई की पत्नी का बयान

भुवनेश्वर : ओडिशा पिछले दिनों स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास की गोली मार कर हत्या कर दी गई. उनका अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गृह नगर झारसुगुड़ा में किया गया. कई मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और उनके हजारों समर्थकों की मौजूदगी में झारसुगुड़ा के खेरुल मैदान में दास के नश्वर अवशेषों का अंतिम संस्कार किया गया। दास के बेटे विशाल ने हिंदू परंपरा का पालन करते हुए चिता को मुखाग्नि दी. बता दें कि इस वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी कोई बदमाश नहीं बल्कि मंत्री की सुरक्षा में तैनात एएसआई गोपाल दास है. बहरहाल, आरोपी एएसआई को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस घटना को अंजाम देने के पीछे कोई साजिश है या रंजिश, ये राज उसकी पत्नी जयंती दास ने खोला है. वहीं शासन ने आरोपी एएसआई को बर्खास्त कर दिया है.

एएसआई की पत्नी जयंती ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके पति सात-आठ साल से मानसिक रूप से बीमार थे. जिसकी वजह से वह दवाइयां भी ले रहे थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वह बायपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित था. हालांकि, आधिकारिक रूप से इस बाबत कोई जानकारी नहीं मिली है. वहीं क्राइम ब्रांच के एडीजी अरुण बोथरा ने बताया कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. फॉरेंसिक और साइबर एक्सपर्ट को जांच के लिए बुलाया गया है. हम कोशिश करेंगे कि आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा सजा मिले.

जयंती ने बताया, "मुझे नहीं पता कि क्या हुआ है, इस घटना के बारे में न्यूज चैनल से पता चला. उन्होंने बेटी को करीब 11:00 बजे कॉल किया था. इसके बाद मुझसे बात करते-करते फिर अचानक फोन काट दिया और कहा कि उन्हें जाना है क्योंकि किसी का फोन आया है. पिछले सात-आठ साल उनके मानसिक असंतुलन की वजह से उन्होंने दवाइयां ली थीं, लेकिन बाद में वह सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करने लगे थे." बहरहाल, पुलिस ने गोपाल दास को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला अब ओडिशा क्राइम ब्रांच के पास है, जो गोपाल दास से पूछताछ कर रही है.

मनोविकार से पीड़ित रहा है हमलावर एएसआई

मंत्री नब किशोर दास की कथित रूप से गोली मारकर हत्या करने वाले एएसआई गोपालकृष्ण दास ने ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ नामक मनोविकार के कारण एक मनोवैज्ञानिक से उपचार कराया था. अतीत में मनोविकार से पीड़ित रहने के बावजूद गोपालकृष्ण दास को सविर्स रिवॉल्वर जारी की गई थी और उसे ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया. ब्रह्मपुर स्थित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा कि गोपालकृष्ण दास ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ से पीड़ित रहा है.

त्रिपाठी ने कहा, ‘‘दास सबसे पहले आठ से 10 साल पहले मेरे क्लिनिक आया था. उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था और उसका इलाज चल रहा था.’’ चिकित्सक ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या वह नियमित रूप से दवा ले रहा था. यदि दवाइयां नियमित रूप से नहीं ली जाती हैं, तो बीमारी फिर से पैदा हो सकती है. उसे मेरे पास आए एक साल हो गया है.’’

विशेषज्ञों के अनुसार, ‘बाइपोलर डिसआर्डर’ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें मरीज के बर्ताव और मिजाज में अचानक अत्यधिक बदलाव आता रहता है. कभी वह अत्यंत खुश और कभी बहुत अवसाद में रहता है. इस बीमारी को काउंसलिंग समेत अन्य उपचारों से नियंत्रित किया जा सकता है. गोपालकृष्ण दास गंजाम जिले के जलेश्वरखंडी गांव का रहने वाला है. उसने ब्रह्मपुर में एक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में अपना करियर शुरू किया था और बाद में 12 साल पहले उसे झारसुगुड़ा जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था.

झारसुगुड़ा के एसडीपीओ (अनुमंडलीय पुलिस अधिकारी) गुप्तेश्वर भोई ने बताया कि ब्रजराजनगर क्षेत्र के गांधी चौक पर एक पुलिस चौकी का प्रभारी बनाए जाने के बाद एएसआई को लाइसेंसी पिस्तौल जारी की गई थी. गोपालकृष्ण दास की पत्नी जयंती ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका पति मनोविकार के कारण दवा लिया करता था. जयंती ने कहा, ‘‘वह हमसे 400 किलोमीटर दूर रहता है, इसलिए मैं यह नहीं बता सकती कि वह नियमित रूप से दवा ले रहा था या नहीं.’’

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोपालकृष्ण दास को रविवार को मंत्री नब दास के दौरे के मद्देनजर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था. पुलिस ने बताया कि उसने कथित तौर पर गोलियां उस समय चलाईं, जब मंत्री एक स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एक कार से उतरे और उनके समर्थक उन्हें माला पहना रहे थे. उसने बताया कि गोपालकृष्ण दास ने मंत्री को निशाना बनाते हुए दो गोलियां चलाईं, लेकिन एक ही गोली निशाने पर लगी. पुलिस ने बताया कि घटना के तुरंत बाद दास ने हवा में गोलियां चलाकर मौके से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे पकड़ लिया गया. भोई ने कहा कि उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि एएसआई ने मंत्री पर गोली क्यों चलाई.

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने स्वास्थ्य मंत्री की हत्या के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साइबर विशेषज्ञ, बैलिस्टिक विशेषज्ञ और अपराध शाखा के अधिकारियों सहित सात सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है और इस दल का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी रमेश सी डोरा कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि सीआईडी अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (27 शस्त्र कानून के साथ पढ़ा जाए) के तहत मामला दर्ज किया है.

नब किशोर दास : ओडिशा में किसी मंत्री की जान लेने का पहला मामला

ओडिशा में इस किस्म की यह पहली घटना है जब किसी मंत्री की जान ली गई है. इससे पहले 2011 में बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक जगबंधु माझी की माओवादियों ने हत्या कर दी थी. दास की झारसुगुडा जिले में मानसिक विकार से पीड़ित एक पुलिस अधिकारी ने 29 जनवरी, 2023 को कथित तौर पर गोली मार कर हत्या कर दी जबकि 2011 में नबरंगपुर जिले में एक आधिकारिक समारोह के दौरान माओवादियों ने गोलीबारी कर माझी की जान ले ली थी. गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ओडिशा सरकार ने 2011 में माझी की हत्या के बाद सभी विधायकों को निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) मुहैया कराए थे. झारसुगुडा जिले के ब्रजराजनगर के गांधी चौक में स्वास्थ्य मंत्री दास पर हुए हमले ने लोगों का ध्यान फिर से इस उग्रवाद प्रभावित राज्य में अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की ओर खींचा है.

नबरंगपुर जिले के उमरकोट के तत्कालीन विधायक जगबंधु माझी सितंबर, 2011 में अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक गांव में भूमि-स्वामित्व प्रमाण पत्र वितरित कर रहे थे, तभी तीन अज्ञात लोगों ने उन पर और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) पर गोलियां चला दीं. घटना में विधायक और पीएसओ की मृत्यु हो गई. इस हमले में माओवादियों के शामिल होने की आशंका जताई जाती रही है. इसी तरह दो लोगों ने तत्कालीन पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश्वर मोहंती पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह 22 फरवरी, 2014 को पुरी शहर में एक समारोह से घर लौट रहे थे. हालांकि, मोहंती हमले में बाल-बाल बच गए क्योंकि डॉक्टरों ने उनके बाएं हाथ और पीठ से गोलियां निकाल दीं. पुलिस जांच में पता चला है कि हमला संभवत: जमीन जायदाद के विवाद को लेकर किया गया है.

झामुमो के पूर्व नेता और अब बीजद विधायक सुदाम मरांडी को भी संदिग्ध माओवादियों के हमले का सामना करना पड़ा. मरांडी हालांकि हत्या के प्रयास में बच गए. इस घटना में मरांडी के साथ जा रहे तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. यह घटना मयूरभंज जिले के बंदम गांव के पास एक फुटबॉल मैच के दौरान हुई थी. इसी तरह, क्योंझर में चंपुआ के एक कांग्रेस विधायक धनुर्जय सिद्धू को भी हत्या के प्रयास का सामना करना पड़ा. 26 फरवरी, 2007 को जब विधायक अपने वाहन से एक कार्यक्रम में जा रहे थे, तब अज्ञात लोगों ने उन पर गोलियां चलाईं. हालांकि डॉक्टर उनकी जान बचाने में सफल रहे. ओडिशा की वाणिज्य और परिवहन मंत्री तुकुनी साहू के पति एवं बीजद नेता अभिमन्यु साहू की कुछ बदमाशों ने 15 दिसंबर, 2013 को सुबह की सैर के दौरान हत्या कर दी थी.

नब दास का पार्थिव शरीर भुवनेश्वर से गृह नगर पहुंचने पर लोगों ने श्रद्धांजलि दी

पश्चिमी ओडिशा के लोकप्रिय नेता नब किशोर दास का पार्थिव शरीर भुवनेश्वर से यहां लाए जाने पर सोमवार को हजारों लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण अंतिम विदाई दी. जिले में कई दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे. स्थानीय लोगों ने दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को ले जाने वाले रथ पर फूल बरसाए, जो झारसुगुड़ा शहर की सड़कों से होते हुए उनके घर जा रहा था.

'नब दास अमर रहे' जैसे नारे गूंज रहे थे. नेता के कई समर्थक आरोपी को मौत की सजा देने की मांग कर रहे थे. इससे पहले, सोमवार को ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री को औपचारिक 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया, जिसके बाद दास के पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर ले जाया गया. राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दास के आवास का दौरा किया, जहां विभिन्न क्षेत्रों के लोग श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए. करीब तीन दशकों तक दास ने पश्चिमी ओडिशा में राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी.

बीजू जनता दल (बीजद) के नेता दास के बेटे विशाल और बेटी दीपाली को वहां उनके दोस्त, समर्थक, सहकर्मी और आम लोग ढांढस बंधाते रहे. ओडिशा सरकार ने दिवंगत मंत्री के सम्मान में रविवार शाम को तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की थी. दास का विभाग मंत्रिमंडल सहयोगी निरंजन पुजारी को आवंटित किया गया है.

दिवंगत मंत्री को राजकीय सम्मान

ओडिशा सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास को राजकीय सम्मान देने का ऐलान किया है. सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि पूरे राज्य में 29 से 31 जनवरी तक कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा. विज्ञप्ति में कहा गया, "ओडिशा सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सम्मान के रूप में, दिवंगत गणमान्य व्यक्ति को राजकीय सम्मान दिया जाएगा. राज्य की राजधानी में मृत्यु के दिन और अंत्येष्टि के दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा."

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास पर रविवार को झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर में फायरिंग हुई थी. ये फायरिंग तब हुई, जब वह ब्रजराजनगर के गांधी चौक के पास एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. जैसे ही वह कार से निकले उन पर चार से पांच राउंड गोली चलीं. इस वक्त गांधी चौक पर मंत्री के लिए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था थी, जहां एएसआई गोपाल दास भी तैनात था. मंत्री नब दास पर गोली चलाने वाला भी उनकी सुरक्षा में तैनात एएसआई है.

स्वास्थ्य मंत्री को पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ते देख उन्हें तुरंत भुवनेश्वर के अपोलो अस्पताल स्थानांतरित कराया गया. अपोलो अस्पताल में चिकित्सकों की कड़ी मशक्कत के बावजूद मंत्री नब दास की मौत हो गई.

Last Updated : Jan 30, 2023, 10:49 PM IST
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