नई दिल्ली : इस महंगाई के दौर में आम जनता को एक और झटका लगा है. अमूल ने अपना दूध दो रुपये प्रति लीटर महंगा कर दिया है. बढ़ी हुई दर 17 अगस्त (बुधवार) से लागू होगी. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, अमूल ने गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम बंगाल, मुंबई और अन्य सभी बाजारों में दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है.
अमूल गोल्ड की कीमत 500 एमएल के लिए 31 रुपये, 500 एमएल के लिए अमूल ताजा 25 रुपये और 500 एमएल के लिए अमूल शक्ति 28 रुपये में मिलेगा. दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि एमआरपी में चार प्रतिशत की वृद्धि के बराबर है, जो औसत खाद्य मुद्रास्फीति से कम है. कंपनी ने कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे परिचालन लागत और दूध की उत्पादन लागत में वृद्धि को कारण बताया है.
वहीं, मदर डेयरी ने भी दिल्ली-एनसीआर में दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने का फैसला किया है. इसकी भी नई कीमतें बुधवार से लागू होंगी. उत्पादन और अन्य लागत में वृद्धि के कारण मदर डेयरी ने दूध के दाम बढ़ाने का फैसला किया है. मदर डेयरी ने इससे पहले मार्च में दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी.
मदर डेयरी दिल्ली-एनसीआर बाजार की अग्रणी दूध आपूर्तिकर्ताओं में से है और पॉली पैक एवं वेंडिंग मशीनों के माध्यम से प्रति दिन 30 लाख लीटर से अधिक दूध की बिक्री करती है. मदर डेयरी के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कंपनी 17 अगस्त, 2022 से दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने के लिए बाध्य है. नई कीमतें सभी दूध के पैक पर लागू होंगी. फुल क्रीम दूध की कीमत बुधवार से 59 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 61 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी.
टोंड दूध की कीमत बढ़कर 51 रुपये और डबल टोंड दूध की कीमत 45 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी. गाय के दूध की कीमत बढ़ाकर 53 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. थोक वेंडेड दूध (टोकन दूध) की कीमत 46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 48 रुपये कर दी गई है. अधिकारी ने कहा कि पिछले पांच माह में कंपनी की लागत में काफी वृद्धि हुई है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि किसानों से दूध की खरीद की लागत 10-11 प्रतिशत बढ़ गई है.
इसी तरह, गर्मी मौसम के लंबा खिंचने के कारण मवेशियों के चारे की लागत में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. अधिकारी के अनुसार, किसानों से खरीद की लागत में हुई वृद्धि का आंशिक बोझ ही उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है. कंपनी बिक्री से होने वाली कमाई का लगभग 75-80 प्रतिशत किसानों से दूध खरीदने पर करती है.