ETV Bharat / bharat

अलपन बंद्योपाध्याय के आचरण से अराजकता की आशंका : सूत्र

सरकारी सूत्र ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के 28 मई के आचरण से अराजकता उत्पन्न हो सकती है. सूत्र के मुताबिक अलपन के आचरण से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) को गहरा नुकसान पहुंचा है.

alapan bandyopadhyay
alapan bandyopadhyay
author img

By

Published : Jun 2, 2021, 9:29 PM IST

Updated : Jun 2, 2021, 10:23 PM IST

नई दिल्ली : अलपन बंद्योपाध्याय विवाद पर सरकारी सूत्र ने कहा है कि मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के निजी कर्मचारी की तरह काम नहीं कर सकते. सरकारी सूत्रों ने पूछा है कि क्या अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) ने खुद को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की 'इच्छा' के अधीन कर लिया था, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 'पुरस्कृत' किया जा सके ?

सूत्रों ने बताया कि देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने आईएएस अधिकारियों के पहले बैच को संबोधित करते हुए उन्हें 'भारत का स्टील ढांचा' बताया था.

सूत्रों ने कहा कि पटेल ने ना केवल युवा अधिकारियों को प्रेरित करने के लिए इस कथन का उपयोग किया बल्कि इसके पीछे कई अर्थ छिपे थे कि भारत एक बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है जहां राज्यों के शासकों के अपने स्वयं के हित और अहंकार होंगे.

उन्होंने कहा कि अगर केंद्र के प्रतिनिधि प्राकृतिक आपदा के बाद मुख्य सचिव द्वारा बुलायी गयी बैठकों का बहिष्कार करते तो क्या यह संघीय ढांचे में संस्थागत विघटन के समान नहीं होता.

एक सूत्र ने कहा, 'क्या इससे अराजकता नहीं होती? अलपन बंद्योपाध्याय के 28 मई के आचरण ने आईएएस को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जिन्हें सरदार पटेल ने भारत का 'स्टील ढांचा' बताया था.'

इससे पहले आज ममता ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, 'अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) अध्याय अब समाप्त हो चुका है. उनके आस पास जो कुछ भी घटित हो रहा है, पश्चिम बंगाल सरकार उसमें अलपन बंद्योपाध्याय को पूरा समर्थन देगी.'

बता दें कि प्रधानमंत्री जब चक्रवात 'यास' के बाद हुए नुकसान के आकलन के लिए राज्य में समीक्षा बैठक कर रहे थे, उस समय बंदोपाध्याय का आचरण सवालों के दायरे में आ गया.

यह भी पढ़ें- सवालों पर भड़कीं ममता बनर्जी, बोलीं- अलपन का मुद्दा खत्म हो गया, कुछ और पूछें

बंद्योपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य ने हाल ही में उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी और मिल भी गयी, क्योंकि उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते 31 मई को कहा था कि हमारे मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय आज सेवानिवृत्त हुए, वह अगले तीन साल तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना इसमें जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, एनजीओ से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील की. सीएम ममता ने कहा था कि प्रदेश के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है.

यह भी पढ़ें- अलपन बनर्जी को दिल्ली नहीं भेज सकती, ममता ने मोदी को लिखा पत्र

ममता बनर्जी ने इससे पहले पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है. ममता ने पीएम मोदी से फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था.

यह भी पढ़ें- केंद्र ने प.बंगाल के मुख्य सचिव को वापस दिल्ली बुलाया

बता दें कि ममता के मुख्य सचिव रहे अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ केंद्र कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (डीओपीटी) द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू किए जाने की खबरें सामने आई थीं. अलपन को सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे नई दिल्ली स्थित डीओपीटी कार्यालय में रिपोर्ट करना था. लेकिन वे इसमें विफल रहे. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को विगत 28 मई को नई दिल्ली आने का निर्देश जारी किया गया था.

नई दिल्ली : अलपन बंद्योपाध्याय विवाद पर सरकारी सूत्र ने कहा है कि मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के निजी कर्मचारी की तरह काम नहीं कर सकते. सरकारी सूत्रों ने पूछा है कि क्या अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) ने खुद को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की 'इच्छा' के अधीन कर लिया था, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 'पुरस्कृत' किया जा सके ?

सूत्रों ने बताया कि देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने आईएएस अधिकारियों के पहले बैच को संबोधित करते हुए उन्हें 'भारत का स्टील ढांचा' बताया था.

सूत्रों ने कहा कि पटेल ने ना केवल युवा अधिकारियों को प्रेरित करने के लिए इस कथन का उपयोग किया बल्कि इसके पीछे कई अर्थ छिपे थे कि भारत एक बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है जहां राज्यों के शासकों के अपने स्वयं के हित और अहंकार होंगे.

उन्होंने कहा कि अगर केंद्र के प्रतिनिधि प्राकृतिक आपदा के बाद मुख्य सचिव द्वारा बुलायी गयी बैठकों का बहिष्कार करते तो क्या यह संघीय ढांचे में संस्थागत विघटन के समान नहीं होता.

एक सूत्र ने कहा, 'क्या इससे अराजकता नहीं होती? अलपन बंद्योपाध्याय के 28 मई के आचरण ने आईएएस को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जिन्हें सरदार पटेल ने भारत का 'स्टील ढांचा' बताया था.'

इससे पहले आज ममता ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, 'अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) अध्याय अब समाप्त हो चुका है. उनके आस पास जो कुछ भी घटित हो रहा है, पश्चिम बंगाल सरकार उसमें अलपन बंद्योपाध्याय को पूरा समर्थन देगी.'

बता दें कि प्रधानमंत्री जब चक्रवात 'यास' के बाद हुए नुकसान के आकलन के लिए राज्य में समीक्षा बैठक कर रहे थे, उस समय बंदोपाध्याय का आचरण सवालों के दायरे में आ गया.

यह भी पढ़ें- सवालों पर भड़कीं ममता बनर्जी, बोलीं- अलपन का मुद्दा खत्म हो गया, कुछ और पूछें

बंद्योपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य ने हाल ही में उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी और मिल भी गयी, क्योंकि उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते 31 मई को कहा था कि हमारे मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय आज सेवानिवृत्त हुए, वह अगले तीन साल तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना इसमें जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, एनजीओ से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील की. सीएम ममता ने कहा था कि प्रदेश के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है.

यह भी पढ़ें- अलपन बनर्जी को दिल्ली नहीं भेज सकती, ममता ने मोदी को लिखा पत्र

ममता बनर्जी ने इससे पहले पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है. ममता ने पीएम मोदी से फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था.

यह भी पढ़ें- केंद्र ने प.बंगाल के मुख्य सचिव को वापस दिल्ली बुलाया

बता दें कि ममता के मुख्य सचिव रहे अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ केंद्र कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (डीओपीटी) द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू किए जाने की खबरें सामने आई थीं. अलपन को सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे नई दिल्ली स्थित डीओपीटी कार्यालय में रिपोर्ट करना था. लेकिन वे इसमें विफल रहे. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को विगत 28 मई को नई दिल्ली आने का निर्देश जारी किया गया था.

Last Updated : Jun 2, 2021, 10:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.