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अफगानिस्तान : अंतिम किला फतह करने निकले तालिबानी, पंजशीर के शेरों ने संभाला मोर्चा

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Published : Aug 23, 2021, 1:52 AM IST

Updated : Aug 23, 2021, 5:02 PM IST

अफगानिस्तान (Afghanistan) के कुल 34 प्रांतों में से 33 प्रांत पर तालिबान कब्जा कर चुका है. बस, पंजशीर ही एकमात्र ऐसा प्रांत है जिसने अभी तक हथियार नहीं डाले हैं और अजेय बना हुआ है. इस बीच तालिबान ने पंजशीर के नार्दर्न अलायंस को सरेंडर की धमकी दी लेकिन पंजशीर के शेर सीना तानकर तालिबान के सामने खड़े हो गए हैं. इस बीच अल-जजीरा ने दावा किया है कि तालिबान के सैकड़ों लड़ाके पंजशीर को घेरना शुरु कर चुके हैं.

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काबुल : ताजा मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पंजशीर घाटी में दोनों गुटों के बीच जबरदस्त लड़ाई छिड़ी हुई है. दरअसल, तालिबान अफगानिस्तान के लगभग हर हिस्से पर कब्जा जमा चुका है लेकिन पंजशीर घाटी अजेय दुर्ग बना हुआ है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजशीर घाटी में तालिबान के लड़ाकों और नॉरदर्न अलायंस के बीच लड़ाई छिड़ गई है. इस क्षेत्र में तालिबान के लड़ाके आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें अहमद शाह मसूद के लड़ाकों से कड़ी टक्कर मिल रही है. हालांकि इससे पहले अलजजीरा ने दावा किया था कि मसूद के बेटे ने तालिबान से हाथ मिला लिया है. गौरतलब है कि अहमद शाह मसूद उत्तरी अलायंस बनाने के बाद से तालिबान से टक्कर लेते रहे हैं. उन्होंने कभी भी पंजशीर पर तालिबान का कब्जा नहीं होने दिया है.

तालिबान से जंग की तैयारी

रिपोर्ट्स के अनुसार सैकड़ों तालिबानी घाटी की ओर आगे बढ़ रहे हैं. पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के 32 वर्षीय बेटे अहमद शाह ने कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को तालिबान को नहीं सौंपेंगे. बीती रात अल-अरबिया टीवी चैनल को दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वे युद्ध नहीं करेंगे लेकिन किसी भी तरह के आक्रमण का विरोध करेंगे. अहमद मसूद ने कहा है कि अगर तालिबान के साथ वार्ता असफल होती है तो युद्ध को नहीं टाला जा सकता.

अंतिम किला फतह करने निकले तालिबानी, पंजशीर के शेरों ने संभाला मोर्चा

एकजुट हुए तालिबान विरोधी

कहा यह भी जा रहा है कि अहमद मसूद के नेतृत्व में तालिबान का विरोध करने वाले सरकारी बल अलग-अलग इलाकों से रैली कर पंजशीर घाटी में जमा हो गए हैं, जो तालिबान से मोर्चा ले रहे हैं. तालिबान विरोधी नेता अहमद मसूद का कहना है कि अगर तालिबान पंजशीर घाटी पर कब्जा करने का प्रयास करता है तो सेनाएं लड़ने के लिए तैयार हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बगलान प्रांत के तीन जिलों में हारने के बाद तालिबान ने फिर जंग छेड़ दी है. इन जिलों में तालिबान की ओर से लड़ाई तेज कर दी गई है. खबर है कि बगलान प्रांत के बानू और अंद्राब में तालिबान ने फिर से हमले शुरू कर दिए हैं.

पश्चिमी देशों का क्या रुख

अलजजीरा के अनुसार इस बीच पेंटागन ने कहा कि वह वाणिज्यिक एयरलाइनों से औपचारिक रूप से एयरलिफ्ट की सहायता मांग रहा है ताकि अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों को स्थानांतरित किया जा सके. वहीं ब्रिटिश सेना ने पिछले दिनों काबुल हवाई अड्डे पर कम से कम सात मौतों की बात स्वीकार की है. बताया कि तालिबान लड़ाकों ने भीड़ को खदेड़ने की कोशिश में हवा में गोलियां चलाईं. जिससे भगदड़ मची और लोगों ने एक-दूसरे को कुचल दिया और इसमें दम घुटने या दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई.

यह भी पढ़ें-अफगानिस्तान : 400 आए वापस, इतने ही अन्य भारतीय नागरिकों के फंसे होने की आशंका

अलकायदा की मौजूदगी पर सफाई

तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने सऊदी के स्वामित्व वाले अल हदथ टीवी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि अल-कायदा अफगानिस्तान में मौजूद नहीं है और इस आंदोलन का उनके साथ कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर अमेरिका और अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है.

काबुल : ताजा मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पंजशीर घाटी में दोनों गुटों के बीच जबरदस्त लड़ाई छिड़ी हुई है. दरअसल, तालिबान अफगानिस्तान के लगभग हर हिस्से पर कब्जा जमा चुका है लेकिन पंजशीर घाटी अजेय दुर्ग बना हुआ है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजशीर घाटी में तालिबान के लड़ाकों और नॉरदर्न अलायंस के बीच लड़ाई छिड़ गई है. इस क्षेत्र में तालिबान के लड़ाके आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें अहमद शाह मसूद के लड़ाकों से कड़ी टक्कर मिल रही है. हालांकि इससे पहले अलजजीरा ने दावा किया था कि मसूद के बेटे ने तालिबान से हाथ मिला लिया है. गौरतलब है कि अहमद शाह मसूद उत्तरी अलायंस बनाने के बाद से तालिबान से टक्कर लेते रहे हैं. उन्होंने कभी भी पंजशीर पर तालिबान का कब्जा नहीं होने दिया है.

तालिबान से जंग की तैयारी

रिपोर्ट्स के अनुसार सैकड़ों तालिबानी घाटी की ओर आगे बढ़ रहे हैं. पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के 32 वर्षीय बेटे अहमद शाह ने कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को तालिबान को नहीं सौंपेंगे. बीती रात अल-अरबिया टीवी चैनल को दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वे युद्ध नहीं करेंगे लेकिन किसी भी तरह के आक्रमण का विरोध करेंगे. अहमद मसूद ने कहा है कि अगर तालिबान के साथ वार्ता असफल होती है तो युद्ध को नहीं टाला जा सकता.

अंतिम किला फतह करने निकले तालिबानी, पंजशीर के शेरों ने संभाला मोर्चा

एकजुट हुए तालिबान विरोधी

कहा यह भी जा रहा है कि अहमद मसूद के नेतृत्व में तालिबान का विरोध करने वाले सरकारी बल अलग-अलग इलाकों से रैली कर पंजशीर घाटी में जमा हो गए हैं, जो तालिबान से मोर्चा ले रहे हैं. तालिबान विरोधी नेता अहमद मसूद का कहना है कि अगर तालिबान पंजशीर घाटी पर कब्जा करने का प्रयास करता है तो सेनाएं लड़ने के लिए तैयार हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बगलान प्रांत के तीन जिलों में हारने के बाद तालिबान ने फिर जंग छेड़ दी है. इन जिलों में तालिबान की ओर से लड़ाई तेज कर दी गई है. खबर है कि बगलान प्रांत के बानू और अंद्राब में तालिबान ने फिर से हमले शुरू कर दिए हैं.

पश्चिमी देशों का क्या रुख

अलजजीरा के अनुसार इस बीच पेंटागन ने कहा कि वह वाणिज्यिक एयरलाइनों से औपचारिक रूप से एयरलिफ्ट की सहायता मांग रहा है ताकि अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों को स्थानांतरित किया जा सके. वहीं ब्रिटिश सेना ने पिछले दिनों काबुल हवाई अड्डे पर कम से कम सात मौतों की बात स्वीकार की है. बताया कि तालिबान लड़ाकों ने भीड़ को खदेड़ने की कोशिश में हवा में गोलियां चलाईं. जिससे भगदड़ मची और लोगों ने एक-दूसरे को कुचल दिया और इसमें दम घुटने या दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई.

यह भी पढ़ें-अफगानिस्तान : 400 आए वापस, इतने ही अन्य भारतीय नागरिकों के फंसे होने की आशंका

अलकायदा की मौजूदगी पर सफाई

तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने सऊदी के स्वामित्व वाले अल हदथ टीवी के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि अल-कायदा अफगानिस्तान में मौजूद नहीं है और इस आंदोलन का उनके साथ कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर अमेरिका और अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है.

Last Updated : Aug 23, 2021, 5:02 PM IST
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