नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. याचिका में जांच कमेटी के गठन की मांग की गई है. याचिका में इस बात पर चिंता जताई गई है कि अडाणी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है.
इस मामले में केंद्र सरकार ने सीलबंद लिफाफे में कुछ सुझाव दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आपके इस सीलबंद सुझाव को स्वीकार नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि इसमें छिपाने वाली क्या बात है, हम पूरी तरह से पारदर्शिता चाहते हैं. शेयर मार्केट में बेहतर रेगुलेशन किस तरह से किया जा सकता है, इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से राय मांगी थी.
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़़, न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा और न्यायाधीश जेबी पारदीवाला की पीठ ने की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वह पारदर्शिता और निष्पक्षता के पक्षधर हैं. विशेषज्ञ कमेटी बनाई जाए या नहीं, कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा. क्या कमेटी में किसी वर्तमान जज को शामिल किया जा सकता है, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है.
आपको बता दें कि याचिका में किसी वर्तमान यानी सीटिंग जज की देखरेख में जांच करने को लेकर अनुरोध किया गया था. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा की पीठ में सुनवाई हुई. याचिका दाखिल करते हुए कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने कोर्ट से अपील की थी कि इस मामले की शीघ्र से शीघ्र सुनवाई हो. इसको लेकर दो याचिकाएं दाखिल की गई थी.
इससे पहले 10 फरवरी को कोर्ट ने कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि अडाणी ग्रुप के शयेरों में आई गिरावट से सबक लेने की जरूरत है. अदालत ने यह भी कहा कि मार्केट की अस्थिरता सही है, लेकिन निवेशकों को यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता है.
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