मेरठ: पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी याकूब कुरैशी के विरुद्ध मेरठ पुलिस का एक्शन जारी है. मंगलवार को याकूब कुरैशी के बेटे फिरोज के नाम पर दर्ज 17 बीघा जमीन को पुलिस ने कुर्क कर लिया. इसकी कीमत लगभग 3 करोड़ रुपये है. अब तक पुलिस पूर्व मंत्री की लगभग 24 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है.
बता दें कि बीते साल 30 मार्च की रात को मेरठ के हापुड़ रोड़ पर अल्लीपुर में स्थित मीट कारोबारी याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री में 5 करोड़ रुपये का मीट पकड़ा गया था. इसके बाद से याकूब और उनके परिवार के खिलाफ पुलिस और प्रशासन का एक्शन जारी है. एसपी देहात के नेतृत्व में मंगलवार को थाना खरखौदा क्षेत्र के पीपली खेड़ा गांव के जंगल में करीब 17 बीघा जमीन को पुलिस ने कुर्क कर लिया. यह तीसरी बार है, जब पुलिस ने एक हफ्ते के अंदर याकूब कुरैशी के परिवार की चिह्नित प्रॉपर्टी पर कुर्की की कार्रवाई की है.
एसपी देहात अनिरुद्ध कुमार सिंह ने बताया कि जो संपत्ति कुर्क की गई है, उसकी कीमत करीब 3 करोड़ रुपये है. इसके अलावा पूर्व मंत्री की 30 करोड़ 70 लाख रुपये कीमत की प्रॉपर्टी को चिह्नित किया गया था. इसमें से अब तक करीब 24 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है. एसपी देहात ने कहा कि आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी. वहीं, ज्वाइंट डायरेक्टर अभियोजन आलोक पांडेय ने बताया कि पूर्व मंत्री याकूब और उनके बेटों पर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था. उसमें अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है.
नींबू बेचा करते थे पूर्व मंत्री: 9 महीने से फरार चल रहे पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी को 7 जनवरी को दिल्ली के चांदनी महल इलाके से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से उन्हें जेल भेज दिया गया था. मेरठ की सड़कों पर 1989 तक याकूब ठेले पर नींबू बेचा करते थे. फिर गुड़ का धंधा कर प्रॉपर्टी डीलर का काम किया. इसके बाद मायावती सरकार में विधायक व मंत्री बनकर अवैध संपत्ति को अर्जित किया.
सोनभद्र जेल में बंद हैं पूर्व मंत्री: बता दें कि दिसंबर में याकूब कुरैशी, उनकी पत्नी शमजिदा बैगम, बेटा फिरोज और इमरान सहित मैनेजर मोहित त्यागी, मुजीब और फैजाब के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में उनके दोनों बेटे इमरान और फिरोज जमानत पर बाहर हैं. इसके अलावा शमजिदा और मोहित भी अग्रिम जमानत पर हैं, जबकि पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी सोनभद्र जेल में बंद हैं. इसके साथ ही याकूब, मुजीब और फैजाब भी बंद हैं.
विवादों से है मीट कारोबारी का गहरा नाता: याकूब कुरैशी का नाम सबसे पहले तब सुर्खियों में आया था. जब साल 2006 में उन्होंने डेनमार्क के एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा कर दी थी. फरवरी 2011 में याकूब कुरैशी ने मेरठ में हापुड़ अड्डे पर सिपाही चहन सिंह बालियान को गाड़ी के आगे आ जाने पर थप्पड़ जड़ दिया था. सिपाही ने इंसाफ के लिए मेरठ से लेकर लखनऊ तक न्याय की गुहार लगाई थी.
बिना लाइसेंस के चलाता है अस्पताल: मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने हाजी याकूब कुरैशी के स्वामित्व के एक अस्पताल को कथित तौर पर बिना लाइसेंस के चलता पाया था. इसे बाद में सील कर दिया गया था. मेरठ के शास्त्री नगर में कुरैशी परिवार के स्वामित्व वाले एक स्कूल को भी बिना शिक्षा बोर्ड से मान्यता के पाया था. इस पर कार्रवाई कर बंद कर दिया गया था.