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यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं ने FBI से मांगा $ 13 करोड़ का हर्जाना

डॉक्टर लैरी नासर के यौन उत्पीड़न की शिकार 13 महिलाओं ने एफबीआई से तेरह करोड़ डॉलर के हर्जाने की मांग की है. उनका आरोप है कि एफबीआई के एजेंटों की ढूलमुल रवैये वजह से खेल चिकित्सक ने उनके साथ और अधिक दुर्व्यवहार किया. जुलाई 2015 के बाद हुए सभी यौन हिंसा के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है. न्याय विभाग के महानिरीक्षक ने माना कि यदि एफबीआई ने 2015 में डॉ नासर के खिलाफ जांच में कई त्रुटियां हुई जिसके वजह से वह अपराध करता गया.

पीडिताओं ने FBI पर ठोका
पीडिताओं ने FBI पर ठोका
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Published : Apr 22, 2022, 9:02 AM IST

Updated : Apr 22, 2022, 10:20 AM IST

डेट्रॉइट (अमेरिका) : डॉक्टर लैरी नासर के यौन हिंसा की शिकार 13 पीड़िताओं ने एफबीआई से तेरह करोड़ डॉलर के हर्जाने की मांग की है. उनका आरोप है कि एफबीआई के एजेंटों की ढूलमुल जांच की वजह से खेल चिकित्सक ने उनके साथ और अधिक दुर्व्यवहार किया. जुलाई 2015 के बाद हुए घटनाओं के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है. न्याय विभाग के महानिरीक्षक ने स्वीकार किया कि यदि एफबीआई ने 2015 में डॉ नासर के खिलाफ जांच में त्रुटियां नहीं की होती तो उनके अपराध पर अंकुश लग सकता था. डॉ नासर मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स डॉक्टर होने के साथ-साथ यूएसए जिमनास्टिक्स में भी डॉक्टर थे. वह पदक विजेता ओलंपिक जिमनास्ट सहित महिला एथलीटों के यौन उत्पीड़न करने के आरोप में जेल की सजा काट रहा है.

वकील जेमी व्हाइट ने कहा कि डॉक्टर नासर पर सीरियल रेपिस्ट के आरोप थे परंतु एफबीआई उन्हें ओलंपिक अमेरिकी डॉक्टर मानता रहा. जिसके पास युवतियों तक आने जाने की खुली छुट थी. नासर ने 17 महीनों तक अपने आतंक का शासन जारी रखा. इंडियानापोलिस स्थित यूएसए जिमनास्टिक्स ने 2015 में स्थानीय एफबीआई एजेंटों को बताया कि तीन जिमनास्टों का आरोप है कि डॉ नासर ने उनका उत्पीड़न किया था. लेकिन महानिरीक्षक की रिपोर्ट के बाद भी एफबीआई ने मिशिगन में औपचारिक जांच शुरू नहीं की. यहां तक कि उन्होंने संघीय या राज्य के अधिकारियों को भी सूचित करना उचित नहीं समझा. 2016 में लॉस एंजिल्स एफबीआई एजेंटों ने डॉ नासर के खिलाफ सेक्स टूरिस्म की जांच शुरू की और कई पीड़ितों से पूछताछ भी की थी परंतु मिशिगन के अधिकारियों को अलर्ट नहीं किया. 2015 की गर्मियों के बाद किसी पर हमला नहीं किया जाना चाहिए था परंतु एफबीआई ने अपने कर्तव्य का निर्वाहन नहीं किया. द आर्मी ऑफ सर्वाइवर्स नामक एक समूह के संस्थापक ग्रेस फ्रेंच ने कहा कि एफबीआई ऐसे हमले को रोक सकती थी यह जानकर मुझे घृणा हो रही है.

वकील व्हाइट अभी तक एफबीआई पर मुकदमा नहीं कर रहा है. संघीय कानून या टॉर्ट के तहत एक सरकारी एजेंसी के द्वारा क्लेम दायर किया जाना चाहिए. जिसमें जवाब देने के लिए छह माह का समय होता है. एफबीआई के बयान के आधार पर मुकदमा चल सकता है. हालांकि एफबीआई ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कांग्रेस के निदेशक क्रिस्टोफर रे की टिप्पणी का उल्लेख किया कि कैसे मामले को खराब तरीके से हैंडल किया गया. पीडितों से बातचीत में रे ने खेद जताते हुए कहा कि इतने सारे लोगों ने आपको बार-बार निराश किया. विशेष रूप से खेद है कि एफबीआई में ऐसे लोग थे जो 2015 में इस राक्षस को पकड़ने में असफल रहे और यह अक्षम्य अपराध है.

वकील ने कहा कि जुलाई 2015 के बाद 100 से अधिक महिलाओं का यौन उत्पीडन किया गया और उन्हें उम्मीद है कि अन्य वकील एफबीआई के खिलाफ दावा दायर करेंगे. मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी पुलिस द्वारा जांच के दौरान नवंबर 2016 तक डॉ नासर को गिरफ्तार नहीं किया गया. मिशिगन अटॉर्नी जनरल ने डॉ नासर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की जांच में पहल की और ग्रैंड रैपिड्स, मिशिगन में संघीय अभियोजकों ने डॉ नासर के खिलाफ चाइल्ड पॉर्नोग्राफी का केस दर्ज किया.

व्हाइट ने फ्लोरिडा के मार्जोरी स्टोनमैन डगलस हाई स्कूल में 2018 नरसंहार का उल्लेख किया है. एफबीआई को स्कूल में 17 लोगों के मारे जाने से लगभग पांच सप्ताह पहले एक सूचना मिली थी, लेकिन वह टिप (सूचना) एफबीआई के दक्षिण फ्लोरिडा कार्यालय को नहीं भेजी गई. सरकार मारे गए या घायल हुए लोगों के परिवारों को $127.5 मिलियन का भुगतान करने पर सहमत हुई. मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी, जिस पर डॉ नासर को पकड़ने के कई मौके गंवाने का भी आरोप लगा था, ने उन 300 से अधिक पीडित महिलाओं और लड़कियों को 500 मिलियन अमरीकी डालर का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की. संयुक्त राज्य अमेरिका जिमनास्टिक और अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति ने 380 मिलियन अमरीकी डालर का समझौता किया.

यह भी पढ़ें-भारतीय मूल का ब्रिटिश डॉक्टर ने 48 महिला मरीजों का किया यौन उत्पीड़न

पीटीआई

डेट्रॉइट (अमेरिका) : डॉक्टर लैरी नासर के यौन हिंसा की शिकार 13 पीड़िताओं ने एफबीआई से तेरह करोड़ डॉलर के हर्जाने की मांग की है. उनका आरोप है कि एफबीआई के एजेंटों की ढूलमुल जांच की वजह से खेल चिकित्सक ने उनके साथ और अधिक दुर्व्यवहार किया. जुलाई 2015 के बाद हुए घटनाओं के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है. न्याय विभाग के महानिरीक्षक ने स्वीकार किया कि यदि एफबीआई ने 2015 में डॉ नासर के खिलाफ जांच में त्रुटियां नहीं की होती तो उनके अपराध पर अंकुश लग सकता था. डॉ नासर मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स डॉक्टर होने के साथ-साथ यूएसए जिमनास्टिक्स में भी डॉक्टर थे. वह पदक विजेता ओलंपिक जिमनास्ट सहित महिला एथलीटों के यौन उत्पीड़न करने के आरोप में जेल की सजा काट रहा है.

वकील जेमी व्हाइट ने कहा कि डॉक्टर नासर पर सीरियल रेपिस्ट के आरोप थे परंतु एफबीआई उन्हें ओलंपिक अमेरिकी डॉक्टर मानता रहा. जिसके पास युवतियों तक आने जाने की खुली छुट थी. नासर ने 17 महीनों तक अपने आतंक का शासन जारी रखा. इंडियानापोलिस स्थित यूएसए जिमनास्टिक्स ने 2015 में स्थानीय एफबीआई एजेंटों को बताया कि तीन जिमनास्टों का आरोप है कि डॉ नासर ने उनका उत्पीड़न किया था. लेकिन महानिरीक्षक की रिपोर्ट के बाद भी एफबीआई ने मिशिगन में औपचारिक जांच शुरू नहीं की. यहां तक कि उन्होंने संघीय या राज्य के अधिकारियों को भी सूचित करना उचित नहीं समझा. 2016 में लॉस एंजिल्स एफबीआई एजेंटों ने डॉ नासर के खिलाफ सेक्स टूरिस्म की जांच शुरू की और कई पीड़ितों से पूछताछ भी की थी परंतु मिशिगन के अधिकारियों को अलर्ट नहीं किया. 2015 की गर्मियों के बाद किसी पर हमला नहीं किया जाना चाहिए था परंतु एफबीआई ने अपने कर्तव्य का निर्वाहन नहीं किया. द आर्मी ऑफ सर्वाइवर्स नामक एक समूह के संस्थापक ग्रेस फ्रेंच ने कहा कि एफबीआई ऐसे हमले को रोक सकती थी यह जानकर मुझे घृणा हो रही है.

वकील व्हाइट अभी तक एफबीआई पर मुकदमा नहीं कर रहा है. संघीय कानून या टॉर्ट के तहत एक सरकारी एजेंसी के द्वारा क्लेम दायर किया जाना चाहिए. जिसमें जवाब देने के लिए छह माह का समय होता है. एफबीआई के बयान के आधार पर मुकदमा चल सकता है. हालांकि एफबीआई ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कांग्रेस के निदेशक क्रिस्टोफर रे की टिप्पणी का उल्लेख किया कि कैसे मामले को खराब तरीके से हैंडल किया गया. पीडितों से बातचीत में रे ने खेद जताते हुए कहा कि इतने सारे लोगों ने आपको बार-बार निराश किया. विशेष रूप से खेद है कि एफबीआई में ऐसे लोग थे जो 2015 में इस राक्षस को पकड़ने में असफल रहे और यह अक्षम्य अपराध है.

वकील ने कहा कि जुलाई 2015 के बाद 100 से अधिक महिलाओं का यौन उत्पीडन किया गया और उन्हें उम्मीद है कि अन्य वकील एफबीआई के खिलाफ दावा दायर करेंगे. मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी पुलिस द्वारा जांच के दौरान नवंबर 2016 तक डॉ नासर को गिरफ्तार नहीं किया गया. मिशिगन अटॉर्नी जनरल ने डॉ नासर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की जांच में पहल की और ग्रैंड रैपिड्स, मिशिगन में संघीय अभियोजकों ने डॉ नासर के खिलाफ चाइल्ड पॉर्नोग्राफी का केस दर्ज किया.

व्हाइट ने फ्लोरिडा के मार्जोरी स्टोनमैन डगलस हाई स्कूल में 2018 नरसंहार का उल्लेख किया है. एफबीआई को स्कूल में 17 लोगों के मारे जाने से लगभग पांच सप्ताह पहले एक सूचना मिली थी, लेकिन वह टिप (सूचना) एफबीआई के दक्षिण फ्लोरिडा कार्यालय को नहीं भेजी गई. सरकार मारे गए या घायल हुए लोगों के परिवारों को $127.5 मिलियन का भुगतान करने पर सहमत हुई. मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी, जिस पर डॉ नासर को पकड़ने के कई मौके गंवाने का भी आरोप लगा था, ने उन 300 से अधिक पीडित महिलाओं और लड़कियों को 500 मिलियन अमरीकी डालर का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की. संयुक्त राज्य अमेरिका जिमनास्टिक और अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति ने 380 मिलियन अमरीकी डालर का समझौता किया.

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पीटीआई

Last Updated : Apr 22, 2022, 10:20 AM IST
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