Dungarpur Footra Panchami : खजूर के पेड़ से फूतरा उतारने के लिए दंगल, कमलेन्द्र बने विजेता - Rajasthan Hindi news
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डूंगरपुर. वागड़ में होली के अनोखे रंग और परंपराएं देखने को मिलते हैं. इनमें से एक है फूतरा पंचमी. शनिवार को इसका आयोजन किया गया. इसमें खजूर के पेड़ पर 25 फीट ऊंचे बंधे फूतरे (कपड़े) को उतारने का दंगल होता है. इस दंगल में पेड़ पर चढ़ने वाले को टांग पकड़कर नीचे गिराया जाता है. फूतरा को नीचे उतारने वाले युवक को शौर्य के सम्मान से नवाजा जाता है. युवक को कंधों पर उठाकर ढोल कुंडी के साथ गैर खेलते हुए जुलूस निकाला जाता है.
ओबरी कस्बे में होली के पांचवे दिन खेले जाने वाले खेल जिसे स्थानीय भाषा में फूतरा पंचमी (रंगपंचमी) के नाम से जाना जाता है. इसमें युवा खजूर के पेड़ के आखिरी छोर पर बंधे श्वेत सफेद कपड़े को उतारने का प्रयास करते हैं. इस खेल के जरिए अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हैं. ओबरी में सालो से होने वाली इस परपंरा को लेकर राजपूत, ब्राह्मण, पाटीदार अन्य समाज के युवा फूतरा उतारने के इस नायाब खेल को काफी उत्साह और जोश से खेलने के लिए बस स्टैंड बाजार में इकट्ठे हुए. लोगों के जमा होने के बाद वह राजपूत चौराहे पर आए और बैठक का आयोजन किया गया.
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खेल के लिए दो दल बनाए गए. पहला राजपूत समाज के लोगों का आक्रमण दल व दूसरा ब्राह्मण, पाटीदार समाज के लोगों का रक्षक दल बना. दोनों दलों को तिलक लगाकर खेल की शुरुआत हुई. दोनों दल ढोल नगाड़ों की थाप पर एक-एक करके माताजी मंदिर रोड़ स्थित खजूर के पेड़ के पास पहुंचे. यहां पहले से ही सफेद कपड़ा बंधा हुआ था. दोनों दलों के बीच फूतरा उतारने का मुकाबला हुआ. आक्रमण दल के युवाओं ने पेड़ पर चढ़ कर फूतरा उतारने की कोशिश की. दूसरी और रक्षक दल के युवाओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की.
आक्रमण दल के सदस्य गंभीर रूप से जख्मी होने के बावजूद भी 26 साल के कमलेन्द्र सिंह पुत्र तेजसिंह चौहान ने खजूर के पेड़ पर बंधे सफेद कपड़े को उतारने में सफलता हासिल की. फूतरा उतारने वाले साहसी युवक कमलेन्द्र सिंह को कंधों पर बिठाकर ग्रामीणों की ओर से पूरे कस्बे में जुलूस निकाला गया. बाद में जुलूस राजपूत चौराहे पर पहुंचा. जहां कस्बेवासी व समाज के लोगों ने फूतरा उतारने वाले कमलेन्द्र सिंह को शौर्य व साहस को सम्मान से नवाजा गया.