उदयपुर. मौसम विभाग से लगातार मिल रही भारी बरसात की चेतावनी के बीच झीलों की नगरी में आयड़ नदी के किनारे वैध और अवैध तौर पर बसी कॉलोनियों में आई बाढ़ की पुरानी यादें लोगों को भयभीत कर रही हैं. आपदा प्रबंधन ने इस बार मानसून को देखते हुए बाढ़ आने का अंदेशा जताया है. हालंकि, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ से जुड़ी हर तरीके की आपदा से निपटने के लिए पुख्ता बन्दोबस्त किये गए है.
वहीं, विभाग से जुड़े जानकारों ने जिला प्रशासन को चेताते हुए स्पष्ट किया कि आयड़ नदी इस बार मानसून में उफान पर आ गई, तो शहर के पंचरत्न कॉम्पलेक्स, अहिंसा पुरी, रेलवे ट्रेनिंग स्कूल और कॉलोनी, पंचवटी, नवरत्न कॉम्पलेक्स, फतहपुरा, अलीपुरा, भूपालपुरा, अशोक नगर, पुरानी रेलवे कॉलोनी, न्यू फतहपुरा और सरदारपुरा में ऐसा मंजर होगा, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते. इन कॉलोनियों में ना केवल रइसों के आशियाने हैं, बल्कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के रोजगार स्थल भी है.
बता दें, शहर की झीलों के कैचमेंट एरिये में 23 अगस्त 1973 को करीब 10 इंच बारिश हुई थी. जिससे नदी-नालों में उफान पर आ गए थे, झीलें ओवरफ्लो हो गई. इससे आयड़ नदी के दोनों किनारों पर स्थित आबादी क्षेत्र में पानी घुस गया था. तब इन क्षेत्रों में आबादी काफी कम थी, जिससे नुकसान अधिक नहीं हुआ, लेकिन अब बेदला रोड पुल से ही आयड़ नदी के किनारे आवासीय कॉलोनियां बस गई हैं. ऐसे में इस बार फिर बाढ़ जैसे हालात हुए तो लोग ज्यादा प्रभावित होंगे. साल 2006 में हुई अतिवृष्टि से शहर के सतोरिया नाले के किनारों पर बसी बस्तियों में पानी भर गया था. इस नाले के बहाव क्षेत्र में कई कॉलोनियां बस गई हैं. आबादी विस्तार के चलते कई जगहों पर नाले का स्वरूप काफी छोटा हो गया है. ऐसे में तेज बारिश आने की स्थिति में आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में पानी घुसने की संभावना है.
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बहरहाल, आपदा प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारी देख रहे एडीएम प्रशासन नरेश बुनकर ने साफ किया कि जिला आपदा प्रबंधन से जुड़ी कमेटी की मीटिंग जिला कलेक्टर के नेतृत्व में संपन्न हो चुकी है. उस मीटिंग में सभी एसडीओ तहसीलदार और आपदा से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है. यही नहीं आपदा प्रबंधन से जुड़ी एसडीआरएफ की दो टीमों को झाड़ोल और सलूंबर में तैनात किया गया है. इसके अलावा साल 1973 और 2016 में बाढ़ की चपेट में आई कॉलोनियों में स्थानीय निकायों द्वारा नालों की सफाई करवाई जा रही है. साथ ही बाढ़ का पानी आने वाली संभावित कॉलोनी में आपदा प्रबंधन टीम से जुड़े सदस्य लगातार मूवमेंट कर रहे हैं. एडीएम प्रशासन ने दावा किया है कि इस बार अगर उदयपुर शहर के किसी भी कॉलोनी में बाढ़ की स्थिति बनती है, तो लोगों को राहत प्रदान करने के लिए उनके पास पुख्ता बंदोबस्त है.