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मौसम विभाग ने बारिश को लेकर जारी किया अलर्ट, उदयपुर प्रशासन मुस्तैद

मौसम विभाग ने राजस्थान के कई जिलों में तेज बारिश की चेतावनी जारी की है. जिनमें उदयपुर भी शामिल है. उदयपुर के लिए एक तरफ ये बारिश राहत बनकर बरसेगी, तो वहीं, दूसरी तरफ कुछ इलाकों में यह बारिश शहर वासियों के लिए परेशानी का कारण बन भी सकती है, जिसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है.

Weather department alert for Udaipur.
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Published : Jul 29, 2019, 8:59 PM IST

उदयपुर. मौसम विभाग से लगातार मिल रही भारी बरसात की चेतावनी के बीच झीलों की नगरी में आयड़ नदी के किनारे वैध और अवैध तौर पर बसी कॉलोनियों में आई बाढ़ की पुरानी यादें लोगों को भयभीत कर रही हैं. आपदा प्रबंधन ने इस बार मानसून को देखते हुए बाढ़ आने का अंदेशा जताया है. हालंकि, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ से जुड़ी हर तरीके की आपदा से निपटने के लिए पुख्ता बन्दोबस्त किये गए है.

वहीं, विभाग से जुड़े जानकारों ने जिला प्रशासन को चेताते हुए स्पष्ट किया कि आयड़ नदी इस बार मानसून में उफान पर आ गई, तो शहर के पंचरत्न कॉम्पलेक्स, अहिंसा पुरी, रेलवे ट्रेनिंग स्कूल और कॉलोनी, पंचवटी, नवरत्न कॉम्पलेक्स, फतहपुरा, अलीपुरा, भूपालपुरा, अशोक नगर, पुरानी रेलवे कॉलोनी, न्यू फतहपुरा और सरदारपुरा में ऐसा मंजर होगा, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते. इन कॉलोनियों में ना केवल रइसों के आशियाने हैं, बल्कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के रोजगार स्थल भी है.

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

बता दें, शहर की झीलों के कैचमेंट एरिये में 23 अगस्त 1973 को करीब 10 इंच बारिश हुई थी. जिससे नदी-नालों में उफान पर आ गए थे, झीलें ओवरफ्लो हो गई. इससे आयड़ नदी के दोनों किनारों पर स्थित आबादी क्षेत्र में पानी घुस गया था. तब इन क्षेत्रों में आबादी काफी कम थी, जिससे नुकसान अधिक नहीं हुआ, लेकिन अब बेदला रोड पुल से ही आयड़ नदी के किनारे आवासीय कॉलोनियां बस गई हैं. ऐसे में इस बार फिर बाढ़ जैसे हालात हुए तो लोग ज्यादा प्रभावित होंगे. साल 2006 में हुई अतिवृष्टि से शहर के सतोरिया नाले के किनारों पर बसी बस्तियों में पानी भर गया था. इस नाले के बहाव क्षेत्र में कई कॉलोनियां बस गई हैं. आबादी विस्तार के चलते कई जगहों पर नाले का स्वरूप काफी छोटा हो गया है. ऐसे में तेज बारिश आने की स्थिति में आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में पानी घुसने की संभावना है.

यह भी पढ़ेंः उदयपुर में भीड़ ने की ड्राइवर की पिटाई, सोशल मीडिया पर VIDEO वायरल

बहरहाल, आपदा प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारी देख रहे एडीएम प्रशासन नरेश बुनकर ने साफ किया कि जिला आपदा प्रबंधन से जुड़ी कमेटी की मीटिंग जिला कलेक्टर के नेतृत्व में संपन्न हो चुकी है. उस मीटिंग में सभी एसडीओ तहसीलदार और आपदा से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है. यही नहीं आपदा प्रबंधन से जुड़ी एसडीआरएफ की दो टीमों को झाड़ोल और सलूंबर में तैनात किया गया है. इसके अलावा साल 1973 और 2016 में बाढ़ की चपेट में आई कॉलोनियों में स्थानीय निकायों द्वारा नालों की सफाई करवाई जा रही है. साथ ही बाढ़ का पानी आने वाली संभावित कॉलोनी में आपदा प्रबंधन टीम से जुड़े सदस्य लगातार मूवमेंट कर रहे हैं. एडीएम प्रशासन ने दावा किया है कि इस बार अगर उदयपुर शहर के किसी भी कॉलोनी में बाढ़ की स्थिति बनती है, तो लोगों को राहत प्रदान करने के लिए उनके पास पुख्ता बंदोबस्त है.

उदयपुर. मौसम विभाग से लगातार मिल रही भारी बरसात की चेतावनी के बीच झीलों की नगरी में आयड़ नदी के किनारे वैध और अवैध तौर पर बसी कॉलोनियों में आई बाढ़ की पुरानी यादें लोगों को भयभीत कर रही हैं. आपदा प्रबंधन ने इस बार मानसून को देखते हुए बाढ़ आने का अंदेशा जताया है. हालंकि, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बाढ़ से जुड़ी हर तरीके की आपदा से निपटने के लिए पुख्ता बन्दोबस्त किये गए है.

वहीं, विभाग से जुड़े जानकारों ने जिला प्रशासन को चेताते हुए स्पष्ट किया कि आयड़ नदी इस बार मानसून में उफान पर आ गई, तो शहर के पंचरत्न कॉम्पलेक्स, अहिंसा पुरी, रेलवे ट्रेनिंग स्कूल और कॉलोनी, पंचवटी, नवरत्न कॉम्पलेक्स, फतहपुरा, अलीपुरा, भूपालपुरा, अशोक नगर, पुरानी रेलवे कॉलोनी, न्यू फतहपुरा और सरदारपुरा में ऐसा मंजर होगा, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते. इन कॉलोनियों में ना केवल रइसों के आशियाने हैं, बल्कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के रोजगार स्थल भी है.

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

बता दें, शहर की झीलों के कैचमेंट एरिये में 23 अगस्त 1973 को करीब 10 इंच बारिश हुई थी. जिससे नदी-नालों में उफान पर आ गए थे, झीलें ओवरफ्लो हो गई. इससे आयड़ नदी के दोनों किनारों पर स्थित आबादी क्षेत्र में पानी घुस गया था. तब इन क्षेत्रों में आबादी काफी कम थी, जिससे नुकसान अधिक नहीं हुआ, लेकिन अब बेदला रोड पुल से ही आयड़ नदी के किनारे आवासीय कॉलोनियां बस गई हैं. ऐसे में इस बार फिर बाढ़ जैसे हालात हुए तो लोग ज्यादा प्रभावित होंगे. साल 2006 में हुई अतिवृष्टि से शहर के सतोरिया नाले के किनारों पर बसी बस्तियों में पानी भर गया था. इस नाले के बहाव क्षेत्र में कई कॉलोनियां बस गई हैं. आबादी विस्तार के चलते कई जगहों पर नाले का स्वरूप काफी छोटा हो गया है. ऐसे में तेज बारिश आने की स्थिति में आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में पानी घुसने की संभावना है.

यह भी पढ़ेंः उदयपुर में भीड़ ने की ड्राइवर की पिटाई, सोशल मीडिया पर VIDEO वायरल

बहरहाल, आपदा प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारी देख रहे एडीएम प्रशासन नरेश बुनकर ने साफ किया कि जिला आपदा प्रबंधन से जुड़ी कमेटी की मीटिंग जिला कलेक्टर के नेतृत्व में संपन्न हो चुकी है. उस मीटिंग में सभी एसडीओ तहसीलदार और आपदा से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है. यही नहीं आपदा प्रबंधन से जुड़ी एसडीआरएफ की दो टीमों को झाड़ोल और सलूंबर में तैनात किया गया है. इसके अलावा साल 1973 और 2016 में बाढ़ की चपेट में आई कॉलोनियों में स्थानीय निकायों द्वारा नालों की सफाई करवाई जा रही है. साथ ही बाढ़ का पानी आने वाली संभावित कॉलोनी में आपदा प्रबंधन टीम से जुड़े सदस्य लगातार मूवमेंट कर रहे हैं. एडीएम प्रशासन ने दावा किया है कि इस बार अगर उदयपुर शहर के किसी भी कॉलोनी में बाढ़ की स्थिति बनती है, तो लोगों को राहत प्रदान करने के लिए उनके पास पुख्ता बंदोबस्त है.

Intro:मौसम विभाग ने राजस्थान के कई जिलों में तेज बारिश की चेतावनी जारी की है जिनमें उदयपुर भी शामिल है लेकिन उदयपुर के लिए जहां बारिश राहत बनकर बरसेगी तो वही कुछ इलाकों में यह बारिश शहर वासियों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है पेश है एक रिपोर्टBody:
मौसम विभाग से लगातार मिल रही भारी बरसात की चेतावनी के बीच झीलों की नगरी में आयड़ नदी के किनारे वैध और अवैध तौर पर बसी कॉलोनियों में आई बाढ़ की पुरानी यादें लोगों को भयभीत कर रही है आपदा प्रबंधन ने इस बार मानसून को देखते हुए बाढ़ आने का अंदेशा जताया गया है हालंकि की आपदा प्रबंधन विभाग की और से बाढ़ से जुडी हर तरीके की आपदा से निपटने के लिए पुख्ता बन्दोबस्त किये गए है, लेकिन भगवान न करे कि उदयपुर को ऐसे दिन फिर देखने पड़े की प्रशासन की आपदा नियंत्रण की तैयारियां धरी रह जाएंगी विभाग से जुड़े जानकारों ने जिला प्रशासन को चेताते हुए स्पष्ट किया कि आयड़ नदी इस बार मानसून में उफान पर आ गई तो शहर के पंचरत्न कॉम्पलेक्स, अहिंसा पुरी, रेलवे ट्रेनिंग स्कूल व कॉलोनी, पंचवटी, नवरत्न कॉम्पलेक्स, फतहपुरा, अलीपुरा, भूपालपुरा, अशोक नगर, पुरानी रेलवे कॉलोनी, न्यू फतहपुरा और सरदारपुरा में ऐसा मंजर होगा, जिसकी हमने कल्पना भी नहीं कर सकते इन कॉलोनियां न केवल रईसों के आशियाने हैं बल्कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के रोजगार स्थल हैं शहर की झीलों के कैचमेंट एरिये में 23 अगस्त 1973 को करीब 10 इंच बारिश हुई थी जिससे नदी-नालों में उफान पर होने से झीलें ओवरफ्लो हो गई इससे आयड़ नदी के दोनों किनारों पर स्थित आबादी क्षेत्र में पानी घुस गया था तब इन क्षेत्रों में आबादी काफी कम थी जिससे नुकसान अधिक नहीं हुआ, लेकिन अब बेदला रोड पुल से ही आयड़ नदी के किनारे आवासीय कॉलोनियां बस गई हैं,ऐसे में इस बार फिर बाढ़ जैसे हालात हुए तो लोग ज्यादा प्रभावित होंगे वर्ष 2006 में हुई अतिवृष्टि से शहर के सतोरिया नाले के किनारों पर बसी बस्तियों में पानी भर गया था इस नाले के बहाव क्षेत्र में कई कॉलोनियां बस गई हैं आबादी विस्तार के चलते कई जगहों पर नाले का स्वरूप काफी छोटा हो गया है ऐसे में तेज बारिश आने की स्थिति में आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में पानी घुसने की संभावना है Conclusion:आपदा प्रबंधन से जुडी जिम्मेदारी देख रहे एडीएम प्रशासन नरेश बुनकर ने साफ किया कि जिला आपदा प्रबंधन से जुड़ी कमेटी की मीटिंग जिला कलेक्टर के नेतृत्व में संपन्न हो चुकी है उस मीटिंग में सभी एसडीओ तहसीलदार और आपदा से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है यही नहीं आपदा प्रबंधन से जुड़ी एसडीआरएफ की दो टीमों को झाड़ोल और सलूंबर में तैनात किया गया है इसके अलावा वर्ष 1973 और 2016 में बाढ़ की चपेट में आई कॉलोनियों में स्थानीय निकायों द्वारा नालों की सफाई करवाई जा रही है साथ ही बाढ़ का पानी आने वाली संभावित कॉलोनी में आपदा प्रबंधन टीम से जुड़े सदस्य लगातार मूवमेंट कर रहे हैं एडीएम प्रशासन ने दावा किया है कि इस बार अगर उदयपुर शहर के किसी भी कॉलोनी में बाढ़ की स्थिति बनती है तो लोगों को राहत प्रदान करने के लिए उनके पास पुख्ता बंदोबस्त है
बाइट - नरेश बुनकर एसडीएम प्रशासन
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