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उदयपुर: मुहर्रम के जुलूस में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब, शान से लहराया तिरंगा - Procession of moharram udaipur

उदयपुर में मंगलवार को ताजियों का जुलूस निकाला गया. जुलूस में इस बार कुछ निराले दृश्य देखने को मिले. जहां एक ओर इस मौके पर बड़ी संख्या में अन्य समुदाय के लोगों ने शामिल होकर गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण पेश किया तो वहीं दूसरी ओर भारत का तिरंगा जुलूस में शान से लहराता दिखाई दिया.

flag in Procession of moharram, मुहर्रम के जुलूस में तिरंगा
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Published : Sep 11, 2019, 1:54 AM IST

उदयपुर. मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके 71 साथीयों की कुर्बानी को मुहर्रम पर पूरी दुनिया अक़ीदत से याद करती है. इसी मौके पर जिले में मंगलवार को ताजियों का जुलूस बड़ी शान से निकाला गया. जिसमें एक ओर जहां गंगा जमुनी तहजीब का संगम देखने को मिला, तो वहीं दूसरी ओर भारत का तिरंगा शांन से लहराता दिखाई दिया.

मुहर्रम के जुलूस में दिखा शान से लहराता तिरंगा

बता दें कि जिले में दो चरणों में होने वाले जुलूस में से पहला जुलूस हरवेनजी का खुर्रा हाथीपोल से रवाना हुआ. जो घंटाघर, गणेशघाटी होते हुए पाडुंवाड़ी पहुंचा. यहां पर जुलूस में करीब 22 ताजियों और मेहदिंयों को प्रतीकात्मक रूप से ठंडा किया गया. इमाम हुसैन के रोज़े के प्रतीक, इन ताजियों को देखने के लिए मार्ग में दोनों ओर भारी संख्या में लोग मौजूद थे. इन ताजियों पर मन्नत मांगने के लिए सभी धर्मों के लोग पहुंचते हैं.

यह भी पढ़ें: स्पेशल स्टोरी : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर 'माइम आर्ट' के जरिये समझिए 'निराशा के पल'...जिंदगी से कभी हार मत मानिए

वहीं दूसरे चरण के ताजिये का जुलूस तीज का चौक धानमंडी से रवाना हुआ. यह जुलूस चौखला बाजार, भड़भूजाघाटी, मोचीवाड़ा, घंटाघर, जगदीश चौक होते हुए ब्रह्मपोल स्थित कर्बला पहुचां. इस जुलूस में धोलीवाबड़ी, अलीपुरा और पलटन के ताजिये लालघाट पहुंचे. जहां पर ताजियों को प्रतीकात्मक रूप से ठंडा किया गया. कर्बला के शहीदों की याद में पूरी दुनिया में मुहर्रम माह की दस तारीख को अनेक आयोजन होते हैं. भारत में इस दिन अनेक शहरों में ताजिये बना कर इमाम हुसैन को अकीदत का नजराना पेश किया जाता है.

उदयपुर. मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके 71 साथीयों की कुर्बानी को मुहर्रम पर पूरी दुनिया अक़ीदत से याद करती है. इसी मौके पर जिले में मंगलवार को ताजियों का जुलूस बड़ी शान से निकाला गया. जिसमें एक ओर जहां गंगा जमुनी तहजीब का संगम देखने को मिला, तो वहीं दूसरी ओर भारत का तिरंगा शांन से लहराता दिखाई दिया.

मुहर्रम के जुलूस में दिखा शान से लहराता तिरंगा

बता दें कि जिले में दो चरणों में होने वाले जुलूस में से पहला जुलूस हरवेनजी का खुर्रा हाथीपोल से रवाना हुआ. जो घंटाघर, गणेशघाटी होते हुए पाडुंवाड़ी पहुंचा. यहां पर जुलूस में करीब 22 ताजियों और मेहदिंयों को प्रतीकात्मक रूप से ठंडा किया गया. इमाम हुसैन के रोज़े के प्रतीक, इन ताजियों को देखने के लिए मार्ग में दोनों ओर भारी संख्या में लोग मौजूद थे. इन ताजियों पर मन्नत मांगने के लिए सभी धर्मों के लोग पहुंचते हैं.

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वहीं दूसरे चरण के ताजिये का जुलूस तीज का चौक धानमंडी से रवाना हुआ. यह जुलूस चौखला बाजार, भड़भूजाघाटी, मोचीवाड़ा, घंटाघर, जगदीश चौक होते हुए ब्रह्मपोल स्थित कर्बला पहुचां. इस जुलूस में धोलीवाबड़ी, अलीपुरा और पलटन के ताजिये लालघाट पहुंचे. जहां पर ताजियों को प्रतीकात्मक रूप से ठंडा किया गया. कर्बला के शहीदों की याद में पूरी दुनिया में मुहर्रम माह की दस तारीख को अनेक आयोजन होते हैं. भारत में इस दिन अनेक शहरों में ताजिये बना कर इमाम हुसैन को अकीदत का नजराना पेश किया जाता है.

Intro:मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके 71 साथीयो की कुर्बानी की याद दस मोहर्रम को पूरी दुनिया अक़ीदत के याद करती है इस मौके पर उदयपुर में मंगलवार को ताजियों का जुलूस निकाला गया जिसमें एक और जहां गंगा जमुना तहजीब का संगम देखने को मिला तो वही जुलूस में भारत का तिरंगा शांत लहराता दिखाई दियाBody:उदयपुर में दो चरणों में होने वाले जुलूस में से पहला जुलूस हरवेनजी का खुर्रा हाथीपोल से रवाना हुआ जो घंटाघर, गणेशघाटी होते हुए पाडुंवाड़ी पहुंचा यहां पर जुलूस में करीब 22 ताजियों व मेहदिंयों को प्रतीकात्मक रूप से ठंडा किया गया इमाम हुसैन के रोज़े के प्रतीक इन ताजियों को देखने के लिए मार्ग में दोनो और भारी संख्या में लोग मौजूद थे इन ताजियों पर मन्नत मानने के लिए सभी धर्मों के लोग पहुचते है दूसरे चरण के ताजिये तीज का चौक धानमंडी से रवाना हुए यह जुलूस चौखला बाजार, भड़भूजाघाटी, मोचीवाड़ा, घंटाघर, जगदीश चौक होते हुए ब्रह्मपोल स्थित कर्बला पहुचा इस जुलूस में धोलीवाबड़ी, अलीपुरा व पलटन के ताजिये लालघाट पहुंचें, जहां पर ताजियों को प्रतीकात्मक रूप से ठंडा किया गया कर्बला के शहीदों की याद में पूरी दुनिया मोहर्रम माह की दस तारीख को अनेक आयोजन होते है भारत मे इस दिन अनेक शहरो में ताज़िये बना कर इमाम हुसैन को अक़ीदत का नज़राना पेश किया जाता हैConclusion:बता देगी ताजिया जुलूस के दौरान मुस्लिम समुदाय के साथ ही बड़ी संख्या में अन्य समुदाय के लोग भी शामिल हुए और गंगा जमुना तहजीब का एक उदाहरण पेश किया
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