उदयपुर. मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके 71 साथीयों की कुर्बानी को मुहर्रम पर पूरी दुनिया अक़ीदत से याद करती है. इसी मौके पर जिले में मंगलवार को ताजियों का जुलूस बड़ी शान से निकाला गया. जिसमें एक ओर जहां गंगा जमुनी तहजीब का संगम देखने को मिला, तो वहीं दूसरी ओर भारत का तिरंगा शांन से लहराता दिखाई दिया.
बता दें कि जिले में दो चरणों में होने वाले जुलूस में से पहला जुलूस हरवेनजी का खुर्रा हाथीपोल से रवाना हुआ. जो घंटाघर, गणेशघाटी होते हुए पाडुंवाड़ी पहुंचा. यहां पर जुलूस में करीब 22 ताजियों और मेहदिंयों को प्रतीकात्मक रूप से ठंडा किया गया. इमाम हुसैन के रोज़े के प्रतीक, इन ताजियों को देखने के लिए मार्ग में दोनों ओर भारी संख्या में लोग मौजूद थे. इन ताजियों पर मन्नत मांगने के लिए सभी धर्मों के लोग पहुंचते हैं.
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वहीं दूसरे चरण के ताजिये का जुलूस तीज का चौक धानमंडी से रवाना हुआ. यह जुलूस चौखला बाजार, भड़भूजाघाटी, मोचीवाड़ा, घंटाघर, जगदीश चौक होते हुए ब्रह्मपोल स्थित कर्बला पहुचां. इस जुलूस में धोलीवाबड़ी, अलीपुरा और पलटन के ताजिये लालघाट पहुंचे. जहां पर ताजियों को प्रतीकात्मक रूप से ठंडा किया गया. कर्बला के शहीदों की याद में पूरी दुनिया में मुहर्रम माह की दस तारीख को अनेक आयोजन होते हैं. भारत में इस दिन अनेक शहरों में ताजिये बना कर इमाम हुसैन को अकीदत का नजराना पेश किया जाता है.